वेलेंटाइन डे की जगह मनाया जाए मातृ-पितृ दिवस
14 फरवरी को मनाए जाने वाले वेलेंटाइन डे हर वर्ष युवाओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है।
संवाद सहयोगी, मामून : 14 फरवरी को मनाए जाने वाले वेलेंटाइन डे हर वर्ष युवाओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है। वहीं दूसरी ओर विभिन्न संस्थाओं द्वारा इसका बहिष्कार भी किया जाता है। जहां युवा वर्ग इसका इंतजार करता है वहीं कई समाज सेवी संस्थाएं युवा वर्ग को इस दिवस को न मनाने के लिए प्रेरित करती हैं। इस के तहत विभिन्न गणमान्यों ने वेलेंटाइन डे न मनाने के लिए कहा। शिवसेना हिद के सदस्य रवि शर्मा ने कहा कि युवाओं को 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे नहीं मनाना चाहिए। यह सभ्यता पश्चिमी देशों की देन है। भारत में 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन कर सेवा, आदर, सत्कार और चरण स्पर्श करके मनाना चाहिए। शिव भोले नगर समिति के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट आदर्श शर्मा ने कहा कि माता-पिता और गुरु की पूजा करना यह भारत की संस्कृति है। माता पिता पूजन युवा पीढ़ी को पतन की खाइयों से बचाकर उज्जवल भविष्य व सुखमय जीवन की ओर ले जाता है। बाबा लाल दयाल मठ मंदिर गोसाईपुर के पुजारी रमेश शर्मा ने कहा कि पश्चिमी देशों में 14 फरवरी को युवक युक्तियां एक दूसरे को ग्रीटिग कार्ड, फूल आदि देकर वेलेंटाइन डे मनाते हैं। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता पुष्पेंदर पठानिया ने कहा कि दुष्परिणामों को जानकर अब भारत वासियों ने एक कैंपेन चलाई है। जिसमें भाग लेने वाले अधिकतर युवक युवतियां ही है। उन्होंने इस बार ठान लिया है कि 14 फरवरी को हम मातृ पितृ पूजन दिवस मनाएंगे और वेलेंटाइन डे का बहिष्कार करेंगे। क्योंकि सबसे पहला प्यार हमें माता-पिता से ही मिलता है।