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अधिकतर 21 से 25 साल की महिलाओं की वूमेन सेल में आती हैं शिकायतें

पति बहुत शराब पीता है और प्रताड़ित करता है। वूमेन सेल में पहुंचने वाली ज्यादातर शिकायतों में पीड़ित महिलाओं द्वारा इसी तरह के आरोप लगाए जाते हैं। ज्यादातर मामले 21 से 25 साल की महिलाओं के होते हैं। यह कहना है वूमेन सेल इंचार्ज पठानकोट इंस्पेक्टर रुपिदर जीत कौर का।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 06:19 AM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 06:19 AM (IST)
अधिकतर 21 से 25 साल की महिलाओं की वूमेन सेल में आती हैं शिकायतें
अधिकतर 21 से 25 साल की महिलाओं की वूमेन सेल में आती हैं शिकायतें

जागरण संवाददाता, पठानकोट: ससुराल पक्ष द्वारा कम दहेज लाने पर प्रताड़ित किया जाता है। पति बहुत शराब पीता है और प्रताड़ित करता है। वूमेन सेल में पहुंचने वाली ज्यादातर शिकायतों में पीड़ित महिलाओं द्वारा इसी तरह के आरोप लगाए जाते हैं। ज्यादातर मामले 21 से 25 साल की महिलाओं के होते हैं। यह कहना है वूमेन सेल इंचार्ज पठानकोट इंस्पेक्टर रुपिदर जीत कौर का। उन्होंने बताया कि अधिकतर मामलों में शिकायत करने वाली पीड़ित महिलाओं के साथ ससुराल पक्ष व पति द्वारा अलग-अलग कारणों से प्रताड़ित करने के आरोप सही पाए जाते हैं, पर कुछ मामलों में महिलाओं द्वारा भी गलत आरोप लगाने की बात सामने आती है।

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इंस्पेक्टर रुपिदर कौर ने बताया कि वूमेन सेल में पहुंचने वाली अधिकतर शिकायतों को दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठकर सुलझा दिया जाता है। इंस्पेक्टर रुपिदरजीत कौर के मुताबिक इस वर्ष अब तक सेल में करीब 350 पीड़ित महिलाओं की ओर से शिकायतें दर्ज करवाई जा चुकी हैं। अधिकतर मामलों में समझौता करा दिया गया है। कुछ मामलों में कार्रवाई चल रही है, जबकि इस वर्ष में अब तक चार मामलों में एफआइआर दर्ज की गई हैं। कई शिकायतों की जांच के दौरान यह भी सामने आया कि कुछ महिलाओं द्वारा ससुराल पक्ष पर गलत आरोप लगाए गए थे। ऐसा उनके द्वारा शादी से नाखुश होने पर छुटकारा पाने और दूसरी शादी करने के लिए किया गया था। दो साल से अलग रह रहे पति-पत्नी अब खुशी-खुशी साथ रह रहे

इंस्पेक्टर रूपिदर कौर ने बताया कि हाल ही में पठानकोट का एक मामला वूमेन से पहुंचा था। इसमें शादी के दो साल बाद दंपती अलग हो गए थे। महिला अपने मायके में रह रही थी। उसके द्वारा पति के खिलाफ शिकायत की गई थी और वो उससे अलग होने पर अड़ी थी, जबकि उसकी एक छोटी बच्ची भी थी। दंपती की शादी हुए करीब छह साल हो गए थे। महिला की शिकायत थी कि उसका पति बहुत ज्यादा शराब पीता है और उसे प्रताड़ित करता है। पांच से छह बैठकें करने के बाद अंतत: महिला पति के साथ रहने को राजी हुई और अब दोनों खुशी-खुशी रह रहे हैं।

नामभर का वूमेन सेल, स्टाफ के साथ-साथ सुविधाओं की भी है कमी

महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध के ग्राफ के बावजूद जिला पठानकोट पुलिस की प्राथमिकता में महिलाएं कहीं नहीं हैं। जिला पुलिस मुख्यालय से करीब चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित वूमेन सेल के बाहर कहीं वूमेन सेल का बोर्ड तक नहीं लगा है। आलम यह है कि थाना डिवीजन एक की बिल्डिग के साथ सटे वूमेन सेल की पूरी इमारत दो कमरों की है। स्टाफ के नाम पर एक इंस्पेक्टर, एक एएसआइ और तीन कांस्टेबल ही तैनात हैं। कहने को वूमेन सेल में एक पुरुष एएसआइ और एक महिला एएसआइ भी तैनात हैं, पर वूमेन सेल के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पुरुष एएसआइ को इलेक्शन सेल में भेज दिया गया है। वहीं, महिला एएसआइ छुट्टी पर हैं। इन दोनों अधिकारियों की जगह फिलहाल अस्थायी तौर पर भी किसी को तैनात नहीं किया गया है।


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