बाबुओं की हड़ताल जी का जंजाल, रोजाना दो हजार से अधिक फाइलें हो रहीं डंप
मांगों को लेकर 16 फरवरी से मिनिस्टीरियल स्टाफ की ओर से शुरू की गई हड़ताल 21 फरवरी तक रहेगी।
संवाद सहयोगी, पठानकोट
मांगों को लेकर 16 फरवरी से मिनिस्टीरियल स्टाफ की ओर से शुरू की गई हड़ताल 21 फरवरी तक रहेगी। हड़ताल के कारण रेवेन्यू विभाग, एजुकेशन, पीडब्ल्यूडी, हेल्थ इत्यादि विभागों के हजारों कार्य प्रतिदिन ठप पड़े हैं। सरकार तथा कर्मचारियों की इस लड़ाई में आम लोगों के काम नहीं हो पा रहे। सरकारी विभागों में कार्य न होने के कारण प्रतिदिन दो हजार से अधिक फाइलें डंप हो रही हैं। हड़ताल के कारण लोगों के रेवेन्यू, एजुकेशन, पीडब्ल्यूडी तथा हेल्थ विभाग से संबंधित काम से ठप पड़े हुए हैं। हड़ताल पर बैठे मिनिस्ट्रियल स्टाफ ने चेताया है कि 21 फरवरी तक सरकार ने मांगें न मानी तो आगामी दिनों में हड़ताल की जाएगी।
चरित्र प्रमाण पत्र बनवाना था, नहीं बना
गांव नंगल भूर से 15 किलोमीटर का सफर तय कर जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स आए मलकीत ¨सह ने बताया कि बेटी की नौकरी के लिए चरित्र प्रमाण पत्र बनवाया जाना था परन्तु हड़ताल के कारण उनका काम नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि आज दिन भर कोर्ट में परेशानी झेलनी के बाद भी अब उन्हें 21 फरवरी के बाद आने को कहा गया है।
लोगों की परेशानी के लिए सरकार जिम्मेदार : गुरदीप
मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने बताया कि 16 फरवरी को शुरू हुई हड़ताल 21 फरवरी तक रहेगी। मिनिस्टीरियल स्टाफ के महासचिव गुरदीप कुमार सफरी ने बताया कि हड़ताल के कारण लोगों को हो रही परेशानी के लिए सरकार जिम्मेदार है। अमरजीत ¨सह, बलजीत ¨सह, हीरा लाल, मुनीष कुमार, सुरजीत ¨सह, किरण, शशिबाला ने सरकार के खिलाफ रोष जताया।
कर्मियों की मुख्य मांगें
-डीए का 23 माह का बकाया जल्द जारी किया जाए।
-छठा पे कमिशन शीघ्र लागू हो।
-पुरानी पेंशन स्कीम बहाल हो।
-कर्मियों का हो परमोशन।