संकट में मां चितपूर्णी सोसायटी ने पकड़ा जरूरतमंदों का हाथ
कोरोना वायरस से पनपे संकट में जरूरतमंदों को रोटी के लाले न पड़े मां चितपूर्णी वेलफेयर सोसायटी इन्हें सुबह चाय और दोपहर का खाना मुहैया करवा रही है।
विनोद कुमार, पठानकोट : कोरोना वायरस से पनपे संकट में जरूरतमंदों को रोटी के लाले न पड़े, मां चितपूर्णी वेलफेयर सोसायटी इन्हें सुबह चाय और दोपहर का खाना मुहैया करवा रही है। इतना ही नहीं दिन के वक्त लोगों को खाने के साथ-साथ रोजाना एक स्वीट डिश भी दे रहे हैं। संस्था इसके लिए किसी से कोई सहायता राशि नहीं ले रही बल्कि प्रधान सतपाल भगत अपनी आय से जो दस फीसद मासिक राशि निकाल रहे हैं उससे यह सब कुछ मुहैया करवाया गया है। आने वाले दिनों में इस क्रम को लगातार जारी रखने के लिए वह दसवंत (मासिक कमाई से दसवां हिस्सा) के अलावा अपनी आय को भी लगाएंगे ताकि कोई भी भूखा न रहे।
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सुबह-शाम टीम रहती है एक्टिव
मां चितपूर्णी वेलफेयर सोसायटी के बैनर तले काम कर रही 20 सदस्यों की टीम सुबह-साम ड्यूटी पर जाने के लिए पूरी तरह से एक्टिव रहती है। सुबह आठ बजे सभी सदस्य इंदिरा कॉलोनी स्थित कार्यालय में इकट्ठा होते हैं। इस दौरान वहां पर चाय तैयार करवाई जाती है और दो भागों में टीमें बंट जाती हैं। चाय के साथ मट्ठियां, बिस्कुट व मटर बगैरह होते हैं। पहली टीम बस स्टैंड से सरना की ओर प्रस्थान कर जाती है और दूसरी टीम सिबल चौक की ओर निकल पड़ती है। करीब 11 बजे तक दोनों टीमें लौटती हैं।
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सैनिटाइज के बाद बांटते हैं भोजन व चाय
सोसायटी प्रधान सतपाल भगत का कहना है कि चाय-पान करवाने के बाद टीम दोबारा इंदिरा कालोनी स्थित कार्यालय में पहुंच जाती है ओर केतली व बर्तन वगैरह धोने का काम करती है। टीम सदस्यों के पास सैनिटाइजर की शीशियां भी उपलब्ध हैं। सुबह और दोपहर को निकलते वक्त पहले खुद अपने हाथों को सैनिटाइज करते हैं और फिर आने के बाद गलब्ज उतार कर दोबारा हाथों को साफ किया जाता है। सुबह करीब चार सौ लोगों को चाय-पान करवाने के बाद टीम दोबारा एक बजे कूच कर जाती है। सुबह की भांति दोपहर को भी करीब चार सौ लोगों को दोपहर का खाना वितरित किया जाता है। खाना वितरित करने के बाद शाम को अगले दिन का खाने में क्या-क्या बनाया जाएगा का मेन्यू तैयार होता है।