जिले में 168 होटल और ढाबे, लाइसेंस सिर्फ 35 के पास
स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिशन तंदुरुस्त के तहत लोगों को बेहतर स्वास्थ्य देने के लिये आये दिन सेमिनार लगाकर जागरूक किया किया जा रहा है।
संस, पठानकोट : स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिशन तंदुरुस्त के तहत लोगों को बेहतर स्वास्थ्य देने के लिये आये दिन सेमिनार लगाकर जागरूक किया किया जा रहा है। जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को बेहतर खाने तथा बेहतर क्वालिटी के खाद्य पदार्थ ही बेचने के लिये आगाह किया जा रहा है परन्तु ये मुहिम मात्र कागजों तक सीमित दिखती नजर आ रही है। जिला भर में स्थित करीब 168 होटलों तथा ढाबों पर बिकने वाले खाद्य पदार्थों पर अभी भी विभागीय स्तर पर पूरी तरह से दृष्टि नहीं रखी जा रही। बात यदि अकेले जिले भर के होटल तथा ढाबों की करें तो कुछ माह पहले शुरू हुई इस योजना के तहत अभी तक मात्र तीस प्रतिशत के लगभग ही होटल मालिकों की ओर से रजिस्ट्रेशन तथा लाइसेंस लिये गये हैं। विभागीय अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इन होटल तथा ढाबों मालिकों को अगस्त-2018 तक लाइसेंस तथा रजिस्ट्रेशन करवाने का समय दिया गया था। अधिकारियों की माने तो शहर में अभी भी बड़ी तादाद में ऐसे होटल मालिक हैं जिन्हे विभाग की ओर से बार-बार जागरूक किये जाने के बावजूद भी वह इसके लिये तैयार नहीं हुए हैं तथा लगातार फूड सेफ्टी एवं स्टैंडर्ड एक्ट नियम की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
12 लाख से अधिक आय वालों के लिए लाइसेंस
विभाग की ओर से पहले फेज में शहर के होटल तथा ढाबा मालिकों को लिया गया है। जिला भर के जिन होटल मालिकों की आय 12 लाख वार्षिक होगी,उन्हें हर हाल में होटल एवं ढाबा का लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। इसी प्रकार जिनकी वार्षिंक आय 12 लाख रूपए से कम होगी,उन्हें रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। विभागीय स्तर पर अब ऐसे लोगों के लिये नोटिस तैयार कर लिये गये हैं। अक्टूबर-2018 के पहले सप्ताह के बाद रजिस्ट्रेशन न करवाने वालों को पहली बार नोटिस दिये जायेंगे। नोटिस दिये जाने के आगामी 14 दिनों तक भी यदि इन लोगों ने रजिस्ट्रेशन अथवा लाइसेंस नहीं लिया तो इन पर विभागीय कार्यवाई तैय है। इसके साथ-साथ हर प्रकार का खाद्य पदार्थ बेचने वालों को भी अपनी रेहड़ियों तथा वाहनों की रजिस्ट्रेशन करवानी होगी। ढीली पड़ी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में फिर लाई जाएगी तेजी-सहायक फूड कमिश्नर राजेन्द्र पालविभाग की ओर से लाइसेंस तथा रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया मे तेजी लाते हुए जहां एक ओर विभाग की ओर से तीन टीमों का गठन कर लोगों के लिये जागरूकता मुहिम शुरू कर दी है वहीं दूसरी ओर विभागीय स्तर पर खाद्य पदार्थों की बिक्री करने वालों को स्पष्ट तौर पर चेताया गया है कि प्रत्येक खाद्य पदार्थ बेचने वाले कारोबारी को हर हाल में अपनी आय के अनुरूप रजिस्ट्रेशन तथा लाइसेंस लेना होगा।
लाइसेंस न लेने वालों को पहले नोटिस, फिर कार्रवाई
सहायक फूड कमिश्नर राजेन्द्र पाल ¨सह ने कहा कि रजिस्ट्रेशन तथा लाइसेंस प्रक्रिया पिछले कुछ समय से ढीली पड़ी हुई थी। अब इस प्रक्रिया में लाई जायेगी। लाइसेंस न लेने वालों को पहले नोटिस जारी होगी। इसके 14 दिन के बाद भी यदि इनकी ओर से दिलचस्पी नहीं दिखाई गई तो विभागीय कार्यवाई संभव है। पूछे गये सवाल का जवाब देते हुये सहायक कमिश्नर फूड ने कहा कि आय के अनुरूप रजिस्ट्रेशन तथा लाइसेंस न लेने वालों को 6 माह की सजा तथा भारी भरकम जुर्माने का प्रावधान है।