सिविल में पहुंची लेग स्ट्रेंथनिग चेयर, ट्रेडमिल, स्ट्राटिक साईकिल, एयरप्रेशर थैरेपी मशीन
सिविल अस्पताल में दो लाख की लागत से चार फिजियोथैरेपी के लिए मशीनें आई हैं।
संवाद सहयोगी, पठानकोट :
सिविल अस्पताल में दो लाख की लागत से चार फिजियोथैरेपी के लिए मशीनें आई हैं। इनमें लेग स्ट्रेंथनिग चेयर, ट्रेडमिल, स्ट्राटिक साइकिल व एयरप्रेशर थैरेपी शामिल हैं। अस्पताल प्रबंधन ने कुछ समय पहले विभाग को प्रस्ताव बनाकर भेजा था। इसमें बताया गया था कि इन मशीनों का अस्पताल में आना बहुत जरूरी है। अब इसके आ जाने से मरीजों को फिजियोथैरेपी के लिए प्राइवेट सेंटरों में नहीं जाना पड़ेगा। अस्पताल के पहले फिजियोथैरेपी में अल्ट्रा साउंड, इंटर फ्रैंसीयलथैरेपी व शोल्डर पुली से मरीजों की फिजियोथैरेपी होती थी। आधुनिक सुविधा से लैस मशीनों के पहुंचने से अब मरीजों को पहले से ज्यादा बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
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लेग स्ट्रेंथनिग चेयर करेगी टांगों की मसाज
जिस मरीज के टांगे कम चलती हो, यां फिर टांगों का रुक जाना। इसके लिए लेग स्ट्रेंथनिग चेयर मशीन की जरूरत पड़ती है। यह मशीने अक्सर जिम में होती है यहां लोग पहुंच अपनी टांगों की मसाज करवाते है। टांग के साथ वेट को बांधकर टांग को ऊपर-नीचे करने से मशीन काम करती है। इसी तरह, ट्रेडमिल मशीन मरीज का वेट कम करती है और सांस के मरीज की समस्या को राहत दिलाने में सहायक है।
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घुटनों के लिए होगी लाभदायक स्ट्राटिक साइकिल
घुटने के दर्द को दूर करने के लिए अस्पताल में स्ट्राटिक साइकिल मशीन भेजी गई है। बढ़ती उमर के साथ लोगों में घुटनों के दर्द की समस्या भी बढ़ती है और इस समस्या से राहत पाने के लिए प्राइवेट सेंटर में लोग फिजियोथेरेपी के लिए पहुंचते है लेकिन, सिविल अस्पताल में इस समस्या से राहत दिलाने के लिए विभाग द्वारा मशीन भेजी गई है। इसी तरह, एयरप्रेशर थेरेपी मशीन जो बिजली से चलती है, टांग व बाजू के दर्द को हवा के प्रेशर से दूर करेगी।
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एक सिटिग के तीन सौ के करीब चार्ज लेते प्राइवेट सेंटर वाले
अस्पताल में लेग स्ट्रेंथनिग चेयर, दूसरी ट्रेडमिल, तीसरी स्ट्राटिक साइकिल व चौथी एयरप्रेशरथैरेपी मशीन के ना होने से लोगों को प्राइवेट फिजियोथेरेपी सेंटर से उपचार करवाने के लिए एक सिटिग के तीन सौ के करीब चार्ज देने पड़ते थे। सिविल में इन मशीनों के आने से अब सरकारी दाम पर उपचार किया जाएगा।
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तीस से चालीस रुपये पर्ची फीस
एसएमओ डा. राकेश सरपाल ने कहा कि मरीजों को आधुनिक सुविधा से लैस मशीनों के जरिए उपचार करवाने के लिए सरकारी रेट के हिसाब से तीस से चालीस रुपए पर्ची फीस कटवानी होगी। इस फिजियोथेरेपी एक कोर्स एक सप्ताह से लेकर दस दिनों तक का होता है।