सीएचसी नरोट जैमल ¨सह में डॉक्टरों की कमी, छह महीने से पद खाली
कम्युनिटी हेल्थ सेंटर नरोट जैमल ¨सह में पिछले 6 महीने से खाली पड़े डॉक्टरों के पदों के कारण ग्रामीणों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
संवाद सहयोगी, बमियाल
कम्युनिटी हेल्थ सेंटर नरोट जैमल ¨सह में पिछले 6 महीने से खाली पड़े डॉक्टरों के पदों के कारण ग्रामीणों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टर की नियुक्ति न होने के कारण जहां लोग परेशान हो रहे हैं। वहीं डॉक्टरों की नियुक्ति न होने के का सीधा असर ग्रामीणों की जेब पर पड़ रहा है क्योंकि सरकारी सेंटर में डाक्टर न होने के कारण लोगों को प्राइवेट अस्पताल में अपना उपचार करवाना पड़ रहा है जिससे उनका आर्थिक नुकसान हो रहा है। यह कहना भी गलत नहीं होगा कि सरकारी हेल्थ सेंटर में डॉक्टरों की कमी होने के कारण प्राइवेट डॉक्टर चांदी कूट रहे हैं क्योंकि लोग मजबूरी में प्राइवेट डॉक्टरों के सहारे हैं। ग्रामीणों की ओर से बार-बार मांग करने के बावजूद अभी तक जहां डॉक्टरों की तैनाती नहीं की जा सकी है। हालांकि हलका विधायक जो¨गदर पाल की ओर से पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद सुनील जाखड़ से इस मामले को लेकर विशेष बातचीत की गई है ताकि यहां पर डॉक्टरों की तैनाती की जा सके।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक कम्युनिटी हेल्थ सेंटर नरोट जैमल ¨सह में डॉक्टरों की कमी के कारण पिछले 6 महीने से इमरजेंसी सुविधा पूर्ण रूप से बंद पड़ी है। यहां दोपहर 2 बजे के बाद ग्रामीणों को उपचार की सुविधा प्राप्त नहीं हो पा रही है। यह सिलसिला पिछले 6 महीने से चल रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि छह महीने पहले एक-एक करके यहां से डॉक्टरों के तबादले विभाग की ओर से अन्य जगह पर कर दिए गए परंतु उनके स्थान पर अन्य डॉक्टरों की तैनाती नहीं की जा सकी। जिसके चलते ज्यादातर डॉक्टरों के कमरों के बाहर ताले लटके हुए हैं। अस्पताल में एकमात्र डॉक्टर और सीनियर मेडिकल अधिकारी के सहारे क्षेत्र के 145 गांव कि लोगों सेहत की रक्षा की जा रही है। ग्रामीण प्रभजीत, इंदर कुमार, अश्विनी कुमार, बिट्टू ठाकुर, ब्रजेश कुमार ने इस बारे जानकारी देते हुए बताया कि इस क्षेत्र के लोग नरोट जैमल ¨सह के एकमात्र कम्युनिटी हेल्थ सेंटर पर निर्भर हैं। बीमार होने की स्थिति पर मरीजों को यहां उपचार के लिए लाया जाता है परंतु डॉक्टर न होने के कारण या तो मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ता है या फिर इमरजेंसी की स्थिति में आर्थिक बोझ उठाते हुए मजबूरी में प्राइवेट डॉक्टरों का सहारा लेना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि यह समस्या पिछले लंबे समय से चली आ रही है। उन्होंने बताया कि दोपहर 2 बजे के बाद अगर क्षेत्र में कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाता है तो उसे मजबूरी में या तो कई किलोमीटर दूर जिला अस्पताल लेकर जाते हैं या फिर उन्हें अपनी जेब ढीली करते हुए प्राइवेट डॉक्टरों का सहारा लेना पड़ता है। ग्रामीणों ने विभाग से मांग करते हुए कहा कि इस कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में जल्द से जल्द डॉक्टरों की तैनाती कर लोगों को सुविधा दी जाए। इस मामले के संबंध में जब कम्युनिटी हेल्थ सेंटर नरोट जैमल ¨सह में तैनात सीनियर मेडिकल अधिकारी डॉक्टर रविकांत से संपर्क कर बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में उच्चाधिकारियों को लिखा जा चुका है उम्मीद है कुछ समय में यहां डाक्टरों की तैनाती कर दी जाएगी।