रोडवेज लारी को लगा आमदनी का टीका
जारी वित्तीय वर्ष में कोरोना से न सिर्फ परिवहन सेवाएं बाधित हुई बल्कि सारे सेक्टर इसकी भेंट चढ़ गए।
जारी वित्तीय वर्ष में कोरोना से न सिर्फ परिवहन सेवाएं बाधित हुई, बल्कि सारे सेक्टर इसकी भेंट चढ़ गए। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा स्थिति को कंट्रोल किए जाने के बाद अब फिर से जिदगी पटरी पर लौटने लगी है। रेल सेवा की भांति अब बस सेवा भी पूरी तरह से बहाल हो गई है। इससे यहां यात्रियों को भारी राहत मिली है, वहीं सरकार की भी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। आने वाले दिनों में यहां रेलवे अपनी दिल्ली की सर्विस बढ़ाने जा रहा है, वहीं रोडवेज भी अपने शेष रहती सर्विस को बढ़ाकर यात्रियों को सर्विस मुहैया करवाएगा।
प्रस्तुति: विनोद कुमार।
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वर्ष 2019
महीना आमदनी (लाख में)
-अप्रैल- 315.90
-मई -291.31
-जून -331.12
-जुलाई -290.39
-अगस्त - 281.39
-सितंबर -278.39
-अक्टूबर -326.20
-नवंबर - 293.24
-दिसंबर -300.94
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वर्ष 2020
महीना आमदनी (लाख में)
-अप्रैल-4.83 लाख
-मई-22.01
-जून-24.62
-जुलाई-53.94
अगस्त-97.40
-सितंबर-95.54
-अक्टूबर-155.61
-नवंबर-232.62
-दिसंबर-182.83
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रोडवेज डिपो के साधन
-कुल बसें 118
-पनबस-68
-रोडवेज-46
-वोल्बो-4
कर्मचारियों पर एक नजर
-पनबस ड्राइवर- 102
-पनबस कंडक्टर-113
-रोडवेज ड्राइवर- 8
-रोडवेज कंडक्टर-22
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रोडवेज डिपो के मुख्य रूट
-चंडीगढ़-16
-जालंधर- 5
-लुधियाना - 2
-अमृतसर -16
- जम्मू -13
-डल्हौजी - 2
-चंबा - 2
-दिल्ली -12
- हरिद्वार - 1
नोट--इसके अलावा बमियाल, जनियाल, घरोटा, भैणी मीयां खां व बसौहली सहित कई लोकल रूट पर भी बसें चलती हैं।
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मार्च में कोरोना के चलते कोई भी बस नहीं चली। इसके बाद काफी समय तक सर्विस बंद रहने के कारण पिछले साल की तुलना इस साल पठानकोट ही नहीं बल्कि प्रदेश के सभी डिपो प्रबंधनों को आर्थिक तौर पर भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होने लगी है।
सरदार दर्शन सिंह गिल, प्रबंधक पठानकोट डिपो।