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397 दिन से बंद है लदपालवां टोल प्लाजा, अब तक 47.64 करोड़ का नुकसान

छह अक्टूबर 2020 को टोल प्लाजा को पूरी तरह बंद कर दिया गया। टोल प्लाजा पर धरना-प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया था। अभी भी किसानों का आंदोलन जारी होने के चलते टोल प्लाजा बंद ही पड़ा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Nov 2021 05:05 AM (IST)Updated: Sun, 21 Nov 2021 05:05 AM (IST)
397 दिन से बंद है लदपालवां टोल प्लाजा, अब तक 47.64 करोड़ का नुकसान
397 दिन से बंद है लदपालवां टोल प्लाजा, अब तक 47.64 करोड़ का नुकसान

विनोद कुमार, पठानकोट/परमानंद : सितंबर 2020 में संसद में सरकार की ओर से तीन कृषि कानूनों को पारित किए जाने के बाद ही देशभर में किसानों ने सभी तीन कृषि कानूनों का विरोध शुरू कर दिया था। पंजाब में भी सितंबर के अंतिम सप्ताह में कृषि कानूनों का विरोध शुरू हो गया था। पंजाब के अन्य टोल प्लाजा की ही तरह पठानकोट के लदपालवां टाल प्लाजा पर भी किसानों द्वारा कब्जा कर लिया गया। छह अक्टूबर 2020 को टोल प्लाजा को पूरी तरह बंद कर दिया गया। टोल प्लाजा पर धरना-प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया था। अभी भी किसानों का आंदोलन जारी होने के चलते टोल प्लाजा बंद ही पड़ा है। हर रोज करीब 12 लाख रुपये होती थी कलेक्शन: डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर

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टोल प्लाजा पर आइआरबी कंपनी द्वारा नियुक्त किए गए डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर विजय यादव ने बताया कि किसानों के आंदोलन से पहले टोल प्लाजा पर कुल 75 कर्मचारी और 28 सिक्योरिटी गार्ड थे। उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा फिलहाल किसी को नौकरी से नहीं निकाला गया है। विजय यादव ने बताया कि टोल प्लाजा से दोनों ओर से करीब नौ हजार वाहन प्रति दिन गुजरते हैं। उन्होंने बताया कि औसतन करीब 12 लाख रुपये की प्रतिदिन टोल कलेक्शन होती थी। इस हिसाब से छह अक्टूबर 2020 से लेकर 21 नवंबर 2021 तक यानी 397 दिनों में कंपनी और सरकार को संयुक्त को रूप से 47,64,00,000 रुपये का नुकसान हुआ है।

किसान आंदोलन के दौरान लदपालवां टोल प्लाजा पर एक नजर:

- 27 सितंबर 2020 को भारत बंद के आह्वान के दौरान किसानों द्वारा टोल प्लाजा पर विरोध प्रदर्शन किया गया।

- 06 अक्टूबर 2020 को किसानों द्वारा टोल प्लाजा पर पूरी तरह कब्जा कर लिया गया और टोल प्लाजा बंद करवा दिया गया।

- 16 नवंबर 2020 को टोल प्लाजा पर किसानों से जुड़ी संस्थाओं द्वारा उठो, उट्ठन दा वेला आ गया और सूरज डूबने से पहले नाटकों का मंचन कर किसानों को हक की लड़ाई मजबूती से लड़ने के लिए प्रेरित किया गया।

- 12 जनवरी 2021 को टोल प्लाजा पर किसान सुच्चा सिंह निवासी खोखर, गुरदासपुर द्वारा आत्महत्या कर ली गई।

- 05 जुलाई 2021 को टोल प्लाजा पर धरना दे रहे किसानों से कुछ ही रेत से भरा एक ट्रक डिवाइडर से टकराकर पलट गया था। सोमवार सुबह किसान नेताओं ने आरोप लगाया था कि साजिश के तहत इस घटना को अंजाम दिया गया है।


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