सीएचसी घरोटा में इमरजेंसी सेवाएं ठप, क्योंकि माहिर डाक्टर ही नहीं हैं
अब राजनीतिज्ञों की अनदेखी के चलते अब एमडी मेडिसन सर्जीकल डाक्टर और स्त्री रोग विशेषज्ञ के पद रिक्त पड़े हैं। इसके चलते लोगों को दूर दराज शहरों में भटकना पड़ रहा है। इसके साथ ही चीफ फार्मेसी अफसर 20 एएनएम 4 स्टाफ नर्स व 1 चौकीदार की पोस्ट भी रिक्त पडी हुई है।
संवाद सहयोगी, घरोटा: ब्लाक स्तरीय कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (सीएचसी) घरोटा में खाली पदों के चलते इमरजेंसी सेवाएं ठप हैं। वरूण मेहरा, रविद्र सिंह, किशन सिंह, धरमिद्र, जसवंत सिंह, राजेश सिंह, अश्वनी कुमार, युद्धवीर सिंह, स्वर्ण सिंह, रिक्कू काटल, रिक्की, सुखजिद्र सिंह ने कहा कि 2000 में पूर्व मंत्री स्वर्गीय सत्यपाल सैनी ने समस्या की गंभीरता देखते घरोटा पीएचसी को अपग्रेड करके सीएचसी का दर्जा देकर 30 बेड का करवाया था। उस दौरान विशेषज्ञों को नियुक्त करके लोगों को राहत दी थी, लेकिन अब राजनीतिज्ञों की अनदेखी के चलते अब एमडी मेडिसन, सर्जीकल डाक्टर और स्त्री रोग विशेषज्ञ के पद रिक्त पड़े हैं। इसके चलते लोगों को दूर दराज शहरों में भटकना पड़ रहा है। इसके साथ ही चीफ फार्मेसी अफसर, 20 एएनएम, 4 स्टाफ नर्स व 1 चौकीदार की पोस्ट भी रिक्त पडी हुई है। जबकि क्लेरिकल दफतर में 1 क्लर्क, 1 स्टेनो, 1 कंप्यूटर आप्रेटर की पोस्ट रिक्त है। वहीं 4 महीने से 108 एंबुलेंस को पठानकोट शिफ्ट कर देने से लोग प्राइवेट में मंहगे दामों पर वाहन करके ईलाज के लिए जाना पड़ रहा है। स्थानीय लोग कई बार मांग को लेकर ज्ञापन भेज चुके है। समस्या का हल न होने से लोग पर अपने को ठगे महसूस कर रहे है। रिक्त पदों को भरा जाए: दविद्र सिंह
दविद्र सिंह ने कहा कि यह हलके का बड़ा सीएचसी है। इसके बावजूद लोगों की मांग के बावजूद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इससे माहिर डाक्टरों से उपचार के लिए लोगों को शहरों में भटकने पर विवश होना पड़ रहा है। मांग को नहीं लिया जाता गंभीरता से: नरेंद्र सिंह
नरेंद्र सिंह ने कहा कि लोग समय-समय पर इस अस्पताल को अपग्रेड करने, खाली पदों को भरने की मांग उठाते रहे हैं, लेकिन किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। इससे रिक्त पदों का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। राजनेता भी दौरा करके चले गए, मिला सिर्फ आश्वासन : देस राज
देस राज ने कहा कि राजनेता भी कई बार दौरे के दौरान खाली पदों को भरने और अन्य सुविधाओं को उपलब्ध करवाने के आश्वासन देते रहे है, लेकिन किसी ने भी उन आश्वासनों को अमली रूप नहीं दिया। वहीं पहले से तैनात एम्बुलेंस को भी यहां से शिफ्ट कर दिया गया है।