निजीकरण के खिलाफ यूनियनों ने बोला हल्ला
सरकारी विभागों के निगमीकरण व निजीकरण के खिलाफ विभिन्न यूनियनों ने हल्ला बोलते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
जागरण संवाददाता, पठानकोट : सरकारी विभागों के निगमीकरण व निजीकरण के खिलाफ विभिन्न यूनियनों ने हल्ला बोलते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि केंद्र व राज्य सरकारें केवल अपने लाभ के लिए सरकारी विभागों को प्राइवेट हाथों में बेच रही है। चुनाव के वक्त तो राजनीतिक पार्टियां कर्मचारियों को उनके हक दिलाने की बात करती है सत्ता मिलते ही मांगे पूरी करना तो दूर की बात उलटा उनके खिलाफ खड़ी हो जाती हैं। सरकारी विभागों में लगातार निगमीकरण व निजीकरण में हो रही बढ़ोतरी को लेकर रेलवे कर्मचारियों व निगम व राज्य सरकार के सरकारी विभागों में ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने के लिए स्वच्छ भारत सफाई मजदूर यूनियन और सफाई सेवक यूनियन पंजाब के सदस्यों ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। रेलवे कर्मचारियों ने सिटी ओर सफाई कर्मचारियों ने शिमला पहाड़ी पर प्रदर्शन कर सरकार को चेताया कि वह कर्मचारी विरोधी नीतियों को बंद करे, वरना आने वाले चुनाव में केंद्र की एनडीए सरकार को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
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रेलवे कर्मचारियों ने निकाली भड़ास
रेलवे में किए जा रहे निगमीकरण व निजीकरण के खिलाफ नार्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन ने भड़ास निकाली। सिटी रेलवे स्टेशन एनआरएमयू सदस्यों ने यहां केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों को कोसा। शाखा सचिव कामरेड परमजीत सैनी के नेतृत्व में सदस्यों ने एतराज जताया। शाखा सचिव कामरेड यशपाल सिंह ने कहा कि डीआरएम फिरोजपुर की मजदूर विरोधी नीतियों को रेल कर्मचारी बर्दाश्त नहीं करेगा। मंडल सचिव कामरेड शिव दत्त ने कहा कि प्रत्येक कर्मचारी मंडल रेल प्रबंधक की कार्यप्रणाली से नाखुश हैं। इस मौके पर मंडल उपाध्यक्ष बी एल यादव, कोषाध्यक्ष लखबीर सिंह, तरसेम लाल, सुरेश महाजन, अशोक कुमार, सुखविदर सिंह, विनोद सैनी, जीबी सिंह, अश्वनी, सुनील कुमार, मनमोहन सिंह ने भी कर्मचारियों को संबोधित करते हुए डीआरएम की कार्यप्रणाली की निदा की।
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ठेकेदारी प्रथा के खिलाफ की नारेबाजी
शिमला पहाड़ी पर स्वच्छ भारत सफाई मजदूर यूनियन और सफाई सेवक यूनियन सदस्यों ने नियमित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। प्रधान रमेश पप्पू के नेतृत्व में आयोजित धरने में सीटू नेता सीटू नेता केवल कालिया व कामरेड हरबंस लाल विशेष तौर पर पहुंचे। रमेश पप्पू ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार सरकारी विभागों को प्राइवेट हाथों में बेच रही है। इससे कर्मचारियों की भविष्य धूमिल होता जा रहा है। प्राइवेट कंपनियां सात-आठ हजार रुपये देती है, जिससे परिवार का गुजारा करना मुश्किल हो जाता है। अपने स्वार्थों की खातिर नेता विभागों का निजीकरण करके कर्मचारियों की भावनाओं के साथ मजाक कर रहे हैं। इसी संदर्भ में आज पूरे प्रदेश के अंदर नगर कौंसिल व नगर निगमों में ठेके पर काम करने वाले सफाई कर्मचारी गेट रैलियां कर केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों को कोस रही है। इस मौके पर मनोज भट्टी, अनिल कुमार, हरबंस लाल, राज कुमार राजू व राज कुमारी आदि मौजूद थी।
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सफाई कर्मचारियों की मांगें
- ठेका प्रणाली समाप्त कर स्थायी तौर पर भर्ती की जाए।
-वैट की राशि दुगनी की जाए ताकि कर्मचारियों को समय पर वेतन मिल सके।
-बराबर काम-बराबर वेतन को लागू किया जाए।
-पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल किया जाए।
-योग्यता रखने वाले कर्मचारियों को समय पर उनका बनता हक दिया जाए।
-लेबर कानून के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ न की जाए।
-निकाय विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों को पक्के घर दिए जाए।
-दफ्तरी कर्मचारियों से विभागीय कार्य के अलावा कोई अन्य कार्य न लिया जाए आदि।