सरकारी बसों के पहिये थमे, प्राइवेट ने काठवाला पुल को बनाया स्टापेज
ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का असर जिले की परिवहन व्यवस्था पर साफ दिखा।
संवाद सहयोगी, पठानकोट : ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का असर जिले की परिवहन व्यवस्था पर साफ दिखा। रोडवेज व पनबस की बसों के पहिए पूरी तरह थमे रहे। पंजाब रोडवेज व पनबस कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन ने इसमें भाग लिया। कर्मचारी यूनियनों ने बस स्टैंड परिसर के गेट पर धरना दिया, इस कारण कोई भी बस अड्डे के भीतर प्रवेश या बाहर नहीं निकल सकी। लोगों को बसों के लिए इधर - उधर भटकना पड़ा। राहत की बात यह रही कि प्राइवेट बस सर्विस जारी रही। प्राइवेट बसों ने बस स्टैंड की बजाय आधा किमी दूर पठानकोट के काठवाला पुल पर ही स्टापेज बनाया। यहां से बसें अमृतसर, जालंधर, बटाला, मुकेरियां के लिए निकलीं। दिनभर यात्रियों को हड़ताल के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ा। यहां तक की कई यात्री सुबह से दोपहर तक बस स्टैंड पर बस के इंतजार में बैठे रहे।
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रोडेवज-पनबस को 10 लाख का नुकसान
हड़ताल के कारण रोडवेज-पनबस को बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा। वीरवार को सरकारी रूट पर एक भी बस नहीं चली। रोडवेज - पनबस के सभी 68 रूट बाधित रहे। कर्मचारियों की हड़ताल के चलते करीब दस लाख का नुकसान हुआ है। हड़ताल के चलते जालंधर की दस, अमृतसर की 12, चंडीगढ़ की 12, लुधियाना की 6, दिल्ली 6 समेत अन्य रूट बंद रहे।
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दिल्ली जाना था फंस गए : शहराज
श्रीनगर से आए यात्री शहराज ने बताया कि वह वीरवार सुबह ही श्रीनगर से पठानकोट पहुंचे और दिल्ली में घर को जाना था। दिल्ली जाने के लिए बस का इंतजार करते रहे पर सेवा नहीं मिली। हड़ताल के कारण उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ी।
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दिनभर बस स्टैंड पर बैठे रहे : हरिद्र
जम्मू से आए हरिद्र ने बताया कि वह वीरवार को जम्मू से जैसे तैसे पठानकोट पहुंचा है और उसे आगे दिल्ली काम के सिलसिले में जाना है। वह मेहनत मजदूरी का कार्य करते है और अभी तक उन्हें दिल्ली जाने के लिए एक भी बस नहीं मिली। सुबह आठ बजे से बस के इंतजार में वह और उसके तीन साथी बस स्टैंड पर ही बैठे है।
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बेटी के घर आई, अब जाना है घरोटा, नहीं मिली बस
घरोटा में एक ईट के भठ्ठे पर काम करने वाली दानबाई ने बताया कि वह और उसका पति पठानकोट में अपनी बेटी के पास आए हुए थे। वीरवार को उन्हें घरोटा जाना था और वहां पहुंच दोबारा काम पहुंचना था। बस नहीं मिलने से उन्हें अपने एक सात वर्षीय बच्चे सहित कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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सरकार नौजवान पीढ़ी को बेरोजगारी की तरफ रही धकेल: सुखविद्र
पनबस जत्थेबंदी के प्रधान सुखविद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के कानून कार्पोरेट घरानों के हक में हैं। इससे नौजवान पीढ़ी को बेरोजगारी की तरफ जा रही है और किसानों को बर्बाद कर रही है। अगर सरकार ने उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान न दिया तो संघर्ष को तेज किया जाएगा। इस मौके पर कमलजोती, गुरमीत सिंह, राज कुमार, जोगिद्र पाल, लखविद्र सिंह, प्रीतम लाल, राज कुमार, रणजीत सिंह, जीवन वर्मा, सरबजीत सिंह, मलकीत सिंह, रमेश कुमार, सुमित महाजन, अपरिद्र सिंह, गगनदीप सिंह, हरप्रीत सिंह, प्रदीप कुमार, इकबाल सिंह, कुलदीप सिंह, जसपाल, दविद्र कुमार, देवा सिंह मौजूद थे।