पांच साल बाद एक बार फिर भाजपा के लिए लक्की साबित हुआ स्याल हाउस
भाजपा के लिए एक बार फिर स्याल हाउस लक्की साबित हुआ।
जागरण संवाददाता, पठानकोट
भाजपा के लिए एक बार फिर स्याल हाउस लक्की साबित हुआ। कांग्रेस की गढ़ माने जाने वाली गुरदासपुर सीट पर अभिनेता से नेता बने पूर्व सांसद स्वर्गीय विनोद खन्ना ने 1998 में तोड़ा था। स्वर्गीय विनोद खन्ना ने शहर के बजरी कंपनी स्थित स्याल हाउस से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। इससे पहले गुरदासपुर से कांग्रेस की बीबी सुखबंस कौर भिडर लगातार पांच बार विजेता रहे थे। विनोद खन्ना ने हर बार स्याल हाउस में अपना चुनाव कार्यालय बनाया था। स्वर्गीय पांच बार इलेक्शन लड़ा ओर चार बार जीत प्राप्त की। हालांकि, एक बार उन्हें बहुत कम मतों से हार का सामना करना पड़ा। पूर्व सांसद विनोद खन्ना के निधन से रिक्त हुई सीट पर 2017 में उप चुनाव हुआ। भाजपा ने स्वर्गीय विनोद खन्ना की पत्नी कविता खन्ना की बजाय स्वर्ण सलारिया को चुनाव मैदान में उतारा। स्वर्ण सलारिया ने स्याल हाउस की जगह डल्हौजी रोड पर अपना कार्यालय बनाया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने स्वर्ण सलारिया को 1 लाख 93 हजार से अधिक मतों से हराया। इस बार भाजपा ने कांग्रेस के सुनील जाखड़ के सामने सनी देओल को मैदान में उतारा। भाजपा की समूची लीडरशिप ने सनी देओल को प्रत्याशी बनाने से पूर्व ही स्याल हाउस को फिर से अपना चुनाव कार्यालय बनाया। स्याल हाउस में कार्यालय बनने के बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थी कि भाजपा इस बार किसी सेलेब्रिटी को मैदान में उतारेगी जो सच साबित हुई। दोपहर बाद जैसे ही सनी देओल के विजेता होने की बात का पता चला तो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा वहां पहुंचे ओर पदाधिकारियों के साथ जीत का जश्न मनाया। अश्वनी शर्मा ने कहा कि यह समूची लीडरशिप की बदौलत संभव हुआ है कि डेढ़ साल पहले यहां से सुनील जाखड़ को 8700 की लीड मिली थी, वहीं डेढ साल बाद ही यहां से भाजपा को 29 हजार से अधिक की लीड मिली है। भाजपा जिला मीडिया प्रभारी प्रदीप रैणा ने कहा कि भाजपा के एक-एक कार्यकर्ता ने सनी देओल की जीत को जिताने में दिन रात एक कर दिया। उन्होंने कहा कि डेढ़ साल बाद ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने उप चुनाव में मिली 8700 की हार को पूरा किया, वहीं इस बार 29 हजार अधिक मत प्राप्त किए।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप