इनका भी निकालें हल.. पशुओं के फसलों पर हमले से किसान हैं परेशान
पशु उनके खेतों में लगे गेहूं और चारा इत्यादि की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग कर इन पशुओं पर अंकुश लगाने की गुहार लगाई है। किसानों ने उम्मीद जताई कि नई सरकार आने पर कोई उनकी समस्या की ओर ध्यान देगा।
संवाद सहयोगी, घरोटा: घरोटा-पठानकोट मार्ग पर पड़ते आर्मी कांप्लेक्स के समीप पड़ते गांवों के खेतों में पशुओं के फसलों पर हमले के चलते किसान परेशान हैं। गांव नौशहरा नलबंदा, सिबली जट्टा, सिबली गुज्जरां, नौंरगपुर, अजीजपुर, नाजोचक्क, लाहड़ी, मिरजापुर, दरसोपुर, ऐमां चांगा, पंजूपुर, झलोआ, नवां पिड के किसान इससे प्रभावित हुए हैं। किसान जसवंत सिंह, सत पाल, बलवीर सिंह लालू, राज कुमार, सतनाम सिंह, करनैल सिंह, जरनैल सिंह, हरबंस लाल, गुरजीत सिंह सोनू, सुखजिद्र सिंह, कुलबंत सिंह, प्रीतम टोनी, रविद्र कुमार, बसन सिंह, प्रताप सिंह, सोहन सिंह , दिलवाग सैनी, सुखजिद्र सिंह, अजमेर पठानिया, बचन लाल ने बताया वह लंबे समय से पशुओं से परेशान हैं। पशु उनके खेतों में लगे गेहूं और चारा इत्यादि की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग कर इन पशुओं पर अंकुश लगाने की गुहार लगाई है। किसानों ने उम्मीद जताई कि नई सरकार आने पर कोई उनकी समस्या की ओर ध्यान देगा। कई बार की मांग:सुखजिद्र सिंह
सुखजिद्र सिंह ने कहा कि कई बार लिखित रूप में प्रशासन के ध्यान में उपरोक्त मामला लाया गया है, परंतु आश्वासन तो मिले पर हकीकत में किसी ने भी इस ओर कोई ध्यान नही दिया। इससे हर बार फसल बर्बाद होना आम बात हो गई है। प्रशासन चलाए अभियान: गौरव
किसान गौरव ने कहा कि प्रशासन अवारा पशुओं को पकड़ने हेतु अभियान चलाए। अधिकतर पशु गोशाला से निकल कर आते हैं, जो हर बार फसलों को नुकसान पहुंचाते है। प्रशासन को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए। रातभर जागने को बाध्य हैं किसान : नवजोत सिह
नवजोत सिंह लक्की ने कहा कि पशुओं के आए दिन हो रहे हमले से किसान परेशान हैं। वह तैयार फसल को बचाने के लिए रात जाग कर गुजराने को वाध्य है। जिस से कोई जानवर अथवा पशु उनकी फसल को नुकसान न पहुंचा सके। गोशाला की चारदीवारी की हो मरम्मत:अजमेर सिंह
अजमेर सिंह ने कहा कि समस्या के हल के लिए नई गोशाला का निर्माण करने के अतिरिक्त पहले से चल रही गऊशाला और आर्मी ऐरिया की चार दीवारी को मजबूत किया जाए जिस से किसी प्रकार से पशु निकल कर गांवों की ओर न आ सके।