कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान देश विरोधी नहीं: बिशन दास
संयुक्त कमेटी बाबा साहिब डा. भीम राव अम्बेडकर मिशन जिला पठानकोट (पंजाब) द्वारा शिमला पहाड़ी पार्क में ठेकेदार बिशन दास के नेतृत्व में बैठक की गई
संवाद सहयोगी, पठानकोट :
संयुक्त कमेटी बाबा साहिब डा. भीम राव अम्बेडकर मिशन जिला पठानकोट (पंजाब) द्वारा शिमला पहाड़ी पार्क में ठेकेदार बिशन दास के नेतृत्व में बैठक की गई। मीटिग में संयुक्त कमेटी सदस्यों ने 26 जनवरी को दिल्ली लाल किले पर राष्ट्रीय दिवस मौके राष्ट्रीय धरोहर के साथ किले एवं राष्ट्र ध्वज का कुछ शरारती तत्वों द्वारा अपमान किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।
उन्होंने कहा कि इसकी साजिश रचने वाले आरोपितों की पहचान करके उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई किए जाने की संबंधी राष्ट्रपति भारत नई दिल्ली को डिप्टी कमिश्नर पठानकोट जरिए आनलाइन मांग पत्र भेजा गया। कहा कि राष्ट्रीय दिवस पर लाल किले की सुरक्षा के पुख्ता सरकारी प्रबंध होते हैं। कहा कि गणतंत्र दिवस को दिल्ली पुलिस द्वारा काबू किए किसानों-मजदूरों की जानकारी उनके परिवारों को दी जाए। बैठक के दौरान मांग की कि किसान मजदूर प्रदर्शनकारी जो केंद्र सरकार द्वारा पास किए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे है, वह देश विरोधी नहीं है। इसलिए किसान मजदूर हितों का ध्यान रखते हुए भारत सरकार किसान मजदूरों के प्रवक्ताओं के साथ बातचीत जरिए समस्या का हल करे। इस मौके जनकराज, बलदेव राज, शाम लाल, सतिद्र कुमार, तरसेम चंद आदि मौजूद थे।
किसान रघुवीर पैतृक भूमि में मालिकाना हक से बंचित
इधर, गांव भराल के रहने वाले किसान रघुवीर सिंह अपनी पैतृक भूमि में ही मालिकाना हक से वंचित हो गए है। पिछले 15 वर्षो से वह अपनी भूमि का मालिकाना अधिकार पाने के लिए राजस्व विभाग व अन्य अधिकारियों के आगे गुहार लगा रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। यहां तक की प्रधानमंत्री कार्यालय में भी शिकायत करने पर कुछ नहीं बना।
रघुवीर सिंह ने बताया कि उनके पिता व दादा की काफी भूमि है, जिसपर उनका पूरा परिवार कृषि कर रहा था। परंतु गांव के किसी आदमी ने राजस्व विभाग से मिलीभगत करके, उनके किसी हिस्सेदार से कुछ भूमि खरीदी थी, जिसके आधार पर उक्त आदमी अपनी मनमानी करके उनकी भूमि पर ही कब्जा कर लिया है।
उन्होंने बताया कि वह माननीय न्यायालय में यह केस जीत चुके हैं, फिर भी उन्हें कब्जा नहीं दिलाया जा रहा। इस संबंध में तहसीलदार अरविद्र कुमार वर्मा ने बताया कि उक्त केस की उनको कोई जानकारी नहीं है। जब केस की तारीख आएगी तो वह पूरा रिकार्ड देख कर पीडि़त व्यक्ति को न्याय दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे।