फरीदानगर फीडर नहर अनदेखी का शिकार, गाद के कारण ब्लाक होने की कगार पर; 100 एकड़ जमीन पर पैदावार हो रही प्रभावित
जब से हाइडल नहर का पानी यूबीडीसी में छोड़ा जा रहा है। तब से इस नहर के रख रखाव की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस कारण नहर में गाद जमा होने से अतिरिक्त घास जड़ी-बूटियों वृक्षों ने अपना सामराज्य फैलाया हुआ है।
संवाद सहयोगी, घरोटा: सिचाई विभाग की अनदेखी के चलते फरीदानगर फीडर नहर गाद के कारण बंद होने की कगार पर है। वेद प्रकाश, दिलजीत सिंह, बलजीत राय, सतिद्र कुमार, कुलजीत सिंह, गुरदेव, रंजीत सिंह, राजा, नरेंद्र कुमार, हरभजन सिंह ने कहा कि चार दशकों से सफाई न होने के चलते समस्या बढ़ गई है। इससे 10 के करीब गांवो की जमीनों को पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है , जिससे 100 एकड़ से अधिक जमीन की पैदावार प्रभावित हो रही है। यह किसी समय भी क्षेत्र वासियों के लिए संकट का कारण बन सकती है। यदि प्रशासन से इसे गंभीरता से नहीं लिया तो समस्या और भी विकट हो सकती है। फरीदानगर फीडर नहर अपर बारी दोआब नहर से इस्लामपुर के पास निकलती है। यह इस्लामपुर, मलिकपुर, लाडोचक्क, डेहरीवाल, किला जमालपुर, पंडिता की कोठी, मुकीमपुर, फरीदानगर से होती हुई टेल पुल के निकट गिरती है। महाराजा रणजीत सिंह के समय से उपरोक्त गांवों को सिचाई के लिए यह एक मात्र साधन थी। जब से हाइडल नहर का पानी यूबीडीसी में छोड़ा जा रहा है। तब से इस नहर के रख रखाव की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस कारण नहर में गाद जमा होने से अतिरिक्त घास, जड़ी-बूटियों, वृक्षों ने अपना सामराज्य फैलाया हुआ है। वही अवैध कब्जे भी अंधाधुंध जारी हैं, जिस कारण यह नहर गंदे नाले का रूप ले रही है। गंदगी के चलते बदबू फैलने से निकटवर्ती घरों का लोग परेशान हैं। वही पीने का पानी दूषित होने के चलते लोग संक्रामक रोगों के शिकार हो रहे है। उन्होंने जिला प्रशासन से उक्त फीडर नहर की प्राथमिकता के आधार पर सफाई करवाने की मांग की है। तीन स्थानों से टूट चुकी है नहर
यह नहर जमालपुर, मुकीमपुर व फरीदानगर में टूट चुकी है। बता देंकि हर वर्षा ऋतु में नहर पूरे उफान में होती है। इस कारण नहर से सटे घरों में बसे लोग दहशत में रहते हैं कि कहीं नहर का पानी बढ़कर उनके घर न आ जाए।
उधर पूर्व ब्लाक समिति चेयरपर्सन राकेश कुमारी ने कहा कि जल्द इस की सफाई करवा कर लोगों को राहत दी जाए। जिस से लोगों को पेश आ रही समस्या का समाधान हो सके।