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चिल्ड्रन और फीमेल वार्ड पर ताला, जच्चा-बच्चा मेल वार्ड के सहारे

सिविल अस्पताल में अव्यवस्था का आलम है। अस्पताल में चिल्ड्रन वार्ड व फीमेल वार्ड को बंद कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 08:00 AM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 08:00 AM (IST)
चिल्ड्रन और फीमेल वार्ड पर ताला, जच्चा-बच्चा मेल वार्ड के सहारे
चिल्ड्रन और फीमेल वार्ड पर ताला, जच्चा-बच्चा मेल वार्ड के सहारे

संवाद सहयोगी, पठानकोट : सिविल अस्पताल में अव्यवस्था का आलम है। अस्पताल में चिल्ड्रन वार्ड व फीमेल वार्ड को बंद कर दिया गया है। जच्चा-बच्चा व दूसरे आपरेशन वाली महिलाओं को मेल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। मरीजों की संख्या अधिक होने पर यह वार्ड भर हो चुका है। बेड कम होने पर अस्पताल प्रबंधन की ओर से फोल्डिग लगाकर काम चलाया जा रहा है। इससे मरीज पर कोरोना संकट बना हुआ है। इससे तीमारदार भी परेशान हैं। उनका कहना है कि इससे परेशानी तो हो ही रही है साथ ही ऐसी लापरवाही लोगों पर भारी पड़ सकती है।

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आपरेशन हुए दो दिन बीते पर बेड नहीं मिला

गोविदसर निवासी अनिता का बच्चेदानी का आपरेशन हुआ है। आपरेशन के बाद उसे मेल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। इस ठंड में उनको अभी तक अस्पताल की ओर से बेड फेसिलिटी नहीं दी जा रही। फोल्डिग बेड के सहारे काम चलाना पड़ रहा है। अनिता के बेटे ने बताया कि स्टाफ बोल रहे हैं कि बेड की किल्लत चल रही है और अभी दूसरे बेड खाली होने में देरी होगी। ......

नार्मल डिलीवरी वालों को तुरंत भेज दिया जा रहा घर

अस्पताल में नार्मल डिलीवरी के मरीजों को डिलीवरी के बाद घर भेज दिया जा रहा है। डाक्टरों की ओर से मरीजों को बोला जा रहा है कि दो दिन के बाद आकर चेकअप करवा लीजिए। ऐसे मे मरीज को घर भेजने पर उसे कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। नियमानुसार नार्मल डिलीवरी के मरीजों को अस्पताल में दो दिनों तक रखना जरूरी होता है।

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जच्चा-बच्चा वार्ड

अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड में सीजेरियन व नार्मल डिलीवरी की महिलाओं को शिफ्ट किया जाता था। जच्चा बच्चा वार्ड में कुल 10 बेड आरक्षित हैं।

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फीमेल वार्ड

सिविल अस्पताल के फीमेल वार्ड में पित की पत्थरी, रसोली का आपरेशन, गुर्दे की पत्थरी, बच्चेदानी का आपरेशन सहित आदि आपरेशन वाली महिलाओं को शिफ्ट किया जाता था। इस वार्ड में भी 10 बेड आरक्षित हैं।

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पाजिटिव केस बढ़ने पर किया बंद

अस्पताल में स्टाफ नर्स की इंचार्ज मेर्न सुषमा ने कहा कि चितपूर्णी मेडिकल कालेज बंद होने के बाद कोविड के एक्टिव मरीजों को सिविल के आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट करना शुरू कर दिया था। दूसरा जच्चा-बच्चा वार्ड व फीमेल वार्ड में ड्यूटी निभा रही तीन स्टाफ नर्स भी पाजिटिव पाई गई थी। इसकेबाद इस समस्या व अस्पताल में स्टाफ की कमी होने की वजह के कारण अस्पताल प्रबंधन की ओर से इस वार्ड को बंद करने का निर्णय लिया गया था। अस्पताल प्रबंधन जैसे ही इसे खोलने के आदेश जारी करेंगा, तभी इस वार्ड को दोबारा शुरू कर दिया जाएगा।

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सिविल अस्पताल में कुल बेड = 250

रोज सिजेरियन केस = 10

नार्मल डिलीवरी - 6

पथरी के आपरेशन - 3

बच्चेदानी के केस - 4

गर्दे की पथरी - 2

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पुरुष वार्ड

पुरुष वार्ड में कुल 20 बेड आरक्षित हैं। इनमें पुरुषों को संबंधित गंभीर या आपरेशन के मरीजों को रखा जाता है। सिविल अस्पताल में रोज औसतन तीन पुरुष मरीज गुर्दे व चार पथरी के भर्ती होते हैं।

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जनरल फीमेल वार्ड खुला सिविल में जनरल फीमेल वार्ड खुला है। इसमें नार्मल बीमारी से ग्रस्त महिलाओं को दाखिल किया जाता है। चिल्ड्रन वार्ड के साथ जो फीमेल वार्ड है उसके बंद होने से महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ना रहा है। एसएमओ डाक्टर भूपिंद्र सिंह ने कहा कि मरीजों की तादार बढ़ने के कारण मेल वार्ड में महिलाओं को शिफ्ट किया गया है। अभी सब वार्ड खुले है।


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