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छह साल बीत गए, पर निगम नहीं बना पाया अपना नया कार्यालय, मौजूदा कार्यालय इतना छोटा कि हाउस मीटिौंग भी नहीं हो पाती

बुधवार को निगम के सुपरिटेंडेंट और मेडिकल आफिसर ने किसी सरकारी काम के लिए बाहर जाना था। उन्होंने ड्राइवर को गाड़ी निकालने के लिए कहा। करीब पंद्रह मिट तक ड्रावइर ने जीप को गेट से बाहर निकालने की कोशिश की परंतु वह बाहर नहीं निकाल पाया। अधिकारी लेट हो रहे थे लिहाजा वह पैदल ही बाहर निकले ओर अपने वाहनों से निकलने को मजबूर हो गए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Sep 2021 07:05 AM (IST)Updated: Thu, 30 Sep 2021 07:05 AM (IST)
छह साल बीत गए, पर निगम नहीं बना पाया अपना नया कार्यालय, मौजूदा कार्यालय इतना छोटा कि हाउस मीटिौंग भी नहीं हो पाती
छह साल बीत गए, पर निगम नहीं बना पाया अपना नया कार्यालय, मौजूदा कार्यालय इतना छोटा कि हाउस मीटिौंग भी नहीं हो पाती

जागरण संवाददाता, पठानकोट: छह साल बाद भी पठानकोट नगर निगम अपना नया कार्यालय तक नहीं बनवा पाया है। वहीं जो मौजूदा कार्यालय है वह इतना छोटा है कि वहां पर निगम हाउस की मीटिंग तक नहीं हो पाती है। यहां पर अधिकारियों के बैठने के लिए भी पूर्ण जगह नहीं। इसके चलते उन्होंने टेंपरेंस हॉल को भी इस्तेमाल किया, इसके बावजूद निगम सही ढंग से कार्य नहीं कर पा रहा है। कारण, टेंपरेंस हॉल और निगम कार्यालय में पार्किग की सुविधा नहीं है। यहां काम करवाने आए लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लोगों तो छोड़िये यहां कार्यरत अधिकारी और स्टाफ के लिए भी गाड़ी पार्क करने की जगह नहीं है। गौरतलब है कि चार साल पहले पुराने पशु अस्पताल में निगम कार्यालय को शिफ्ट करने का प्रस्ताव हाउस में लाया गया था, लेकिन उसका भी काम कागजों में ही लटक गया। स्वीमिंग पूल कांप्लेक्स हॉल में बुलाई जाती है मीटिंग

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काबिलेगौर है कि वर्ष 2014 में तत्कालीन राज्य सरकार ने पठानकोट नगर कौंसिल को नगर निगम का दर्जा दिया था। 2015 में चुनाव हुए और निगम का गठन हो गया। छह वर्ष बीतने के बाद भी जब कोई मीटिग बुलाई जाती है तो वह वर्तमान कार्यालय के बजाय स्वीमिग पूल कांप्लेक्स हॉल में आयोजित की जाती है। कारण, निगम के पचास पार्षदों के बाठने के लिए उचित स्थान नहीं है। चाहते हुए भी मेयर कार्यालय में सभी पार्षद व अधिकारी एक साथ मीटिंग नहीं कर पाते। जब पार्किग में फंस गई अधिकारियों की गाड़ी

बुधवार को निगम के सुपरिटेंडेंट और मेडिकल आफिसर ने किसी सरकारी काम के लिए बाहर जाना था। उन्होंने ड्राइवर को गाड़ी निकालने के लिए कहा। करीब पंद्रह मिट तक ड्रावइर ने जीप को गेट से बाहर निकालने की कोशिश की परंतु वह बाहर नहीं निकाल पाया। अधिकारी लेट हो रहे थे, लिहाजा वह पैदल ही बाहर निकले ओर अपने वाहनों से निकलने को मजबूर हो गए।

पशु अस्पताल या खड्डी-खड्ड कहा बनेगा, तय नहीं

निगम कार्यालय को शिफ्ट करने के लिए द्वारा खड्डी-खड्ड व पुराने पशु अस्पताल दो स्थानों का चयन किया हे। वर्तमान निगम कार्यालय पौने तीन कनाल जमीन में है। पशु अस्पताल में चार कनाल, खड्डी खड्ड के पास तीन कनाल से अधिक और सर्कुलर रोड पर भी तीन कनाल के करीब जगह है, लेकिन इन सबमें ज्यादा तरहीज पुराने पशु अस्पताल को दी जा रही है। कारण, वहां पर बेसमेंट पार्किंग के साथ-साथ ओपन पार्किग भी बन सकेगी। बाहर शिफ्ट न किया जाए कार्यालय: नैय्यर

व्यापार मंडल पठानकोट के प्रधान अमित नैय्यर, सीनियर वाइस प्रधान राजेश पुरी, महासचिव अरुण गुप्ता, पीआरओ नरेंद्र वालिया का पुराने पशु अस्पतापल में ही निगम का नया कार्यालय होना चाहिए। कहा कि जिस प्रकार शहर के सभी कार्यालय मलिकपुर शिफट हो चुके हैं उससे शहर के कारोबार पर बहुत ज्यादा फर्क पड़ा है। इसी बात को देखते हुए निगम को शहर के बाहर कार्यालय बनाने के बजाय शहर में ही कहीं कार्यालय शिफ्ट करना चाहिए। बोलेंगे नहीं, काम करके दिखाएंगे: मेयर

मेयर पन्ना लाल भाटिया ने कहा कि वह नया कार्यालय बनाने को लेकर ज्यादा ब्यानबाजी करने के बजाय काम करने पर फोक्स करेंगे। शहर के विकास कार्यो को लेकर वह थोड़ा व्यस्त हैं इसलिए अभी इस पर ज्यादा नहीं बोलेंगे। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द निगम के नए कार्यालय को फाइनल कर इसे बनवाने का काम करवाया जाएगा। चयनित किए गए दो स्थानों में से जहां पर बेहतर हुआ वहां पर निगम का स्थायी कार्यालय बनाया जाएगा।


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