ग्रेनेड ब्लास्ट: चार दिन बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली, अमृतसर में पकड़े गए आतंकी और जिले में हुए हमला करने वालों की वालों की माडस आपरैंडी एक जैसी
पुलिस अधिकारी का कहना था कि रणजीत सिंह भी सैन्य ठिकानों पर हमला करने की फिराक में था। उसकी माडस आपरैंडी (काम करने का तरीका) भी पठानकोट ग्रेनेड हमले से मिलती है। पठानकोट में ग्रेनेड हमला करने वाले भी बाइक सवार थे और उनके द्वारा भी सैन्य ठिकाने पर हमले की कोशिश की गई थी।
जागरण संवाददाता, पठानकोट: बीते रविवार रात सेना के कैंप में त्रिवेणी गेट के बाहर किए गए ग्रेनेड ब्लास्ट के मामले में पुलिस को अभी तक कोई नया सुराग नहीं मिला है। चार दिन बीत जाने के बाद भी इस केस में पुलिस के हाथ पूरी तरह से खाली हैं। हालांकि, ग्रेनेड ब्लास्ट के ही दिन पुलिस की ओर से कार सवार दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई थी। पर पूछताछ में उनका ग्रेनेड अटैक से कोई संबंध नहीं निकलने पर उन्हें छोड़ दिया गया था। इसके साथ ही पुलिस द्वारा सेना की ओर से मुहैया कराई गई सीसीटीवी फुटेज की जांच करने के साथ ही त्रिवेणी गेट के आसपास के इलाकों की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली गई, लेकिन उसमें भी पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला।
जांच टीम में शामिल एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अमृतसर में दो हैंड ग्रेनेड , दो चाइनीज पिस्तौल बुलेट मोटरसाइकिल के साथ गिरफ्तार तरनतारन निवासी आतंकी रणजीत सिंह की गिरफ्तारी से ग्रेनेड हमले में कुछ लीड मिलने की संभावना है। पुलिस अधिकारी का कहना था कि रणजीत सिंह भी सैन्य ठिकानों पर हमला करने की फिराक में था। उसकी माडस आपरैंडी (काम करने का तरीका) भी पठानकोट ग्रेनेड हमले से मिलती है। पठानकोट में ग्रेनेड हमला करने वाले भी बाइक सवार थे और उनके द्वारा भी सैन्य ठिकाने पर हमले की कोशिश की गई थी।
वहीं इस बारे में एसएसपी सुरेन्द्र सिंह लांबा ने कहा कि मामले की जांच जारी है। फिलहाल में इस मामले में अभी कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है।