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बातों से ज्यादा फोकस काम में : सांसद सनी देयोल

दैनिक जागरण के हर वोट कुछ कहता है कार्यक्रम में चुनावी मेनिफेस्टो के बहाने सांसद सनी देयोल ने विकास की प्रतिबद्धता दोहराई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 06:38 PM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 07:56 PM (IST)
बातों से ज्यादा फोकस काम में : सांसद सनी देयोल
बातों से ज्यादा फोकस काम में : सांसद सनी देयोल

जागरण संवाददाता, पठानकोट : दैनिक जागरण के हर वोट कुछ कहता है कार्यक्रम में चुनावी मेनिफेस्टो के बहाने सांसद सनी देयोल ने विकास की प्रतिबद्धता दोहराई। मौके पर पठानकोट, सुजानपुर, गुरदासपुर की राजनीतिक, सामाजिक, शिक्षा, चिकित्सा सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी हस्तियों ने शिरकत की। सांसद सनी देयोल ने कहा कि युवाओं को सही मकसद देना समय की मांग है। वह युवाओं को अच्छी शिक्षा के साथ ही रोजगार प्रदान करने को प्रयासरत हैं। युवाशक्ति का सकारात्मक प्रयोग होता है तो कई समस्याओं का समाधान स्वयं होगा। उन्होंने कहा कि वह काम करने में विश्वास रखते हैं। बातें करने से अधिक फोकस काम में होना चाहिए। पठानकोट में रेलवे फाटक की समस्याओं का समाधान जल्द होने जा रहा है। नैरोगेज और ब्रॉडगेज में दिनभर फाटक बंद होने से शहर की जिदगी थम जाती है। अब यहां एलिवेटिड ट्रैक के साथ ही आरयूबी, आरओबी बनने जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने लंबे समय से अटके प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी हैं। पठानकोट की जनता को इसका सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता रहेगी कि युवाओं-किसानों के लिए नई योजनाएं लाई जाएं। केंद्र की मदद से ऐसे प्रोजेक्ट लाने पर काम हो रहा है, जिससे गुरदासपुर की जनता लाभान्वित होगी। उन्होंने कहा कि दैनिक जागरण के मेनिफेस्टो से उन्हें जनसेवा कार्य में मदद मिलेगी। पूरे हलके की समस्याओं को नौ मांगों में समेटा गया है, इसे पूरा करने में वह हरसंभव कोशिश करेंगे। जैसे - जैसे इन कामों की प्रक्रिया शुरू होगी, समय-समय पर इस बारे जनता को अवगत भी करवाएंगे। जनता के लिए काम करने आए हैं तो ईमानदारी-पारदर्शिता के साथ कार्य होंगे। बिना भेदभाव के हर हलके तक विकास योजनाओं को पहुंचाया जाएगा। इस मैनिफेस्टो को स्वीकार करने के बाद उनकी कार्य के प्रति जवाबदेही अधिक हो गई है। मुद्दे : राष्ट्रीय

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कृषि : देश का पेट भरने वाला किसान खुद खाली पेट सोने को मजबूर है। फसल ठीक हो जाए तो मंडियों में सही दाम नहीं मिलते और कुदरत की मार पड़ने पर उचित मुआवजा, नहीं मिलता। गेहूं के साथ ही नहीं नरमा एवं नगदी फसल सब्जियों का भी यही हाल है। औने पौने दामों पर फसलें खरीदकर किसानों का शोषण किया जा रहा है। हर मौसम में खेत में ठंड, गर्मी, बारिश झेलने वाले किसानों के पास बीज, खाद के पैसे नहीं होते। गुरदासपुर संसदीय क्षेत्र में एक साल में 35 किसान आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्याएं कर चुके हैं। बेरोजगारी : राज्य में करीब 22 लाख बेरोजगार युवा हैं। पढ़े लिखे होने के बावजूद भी उन्हें कोई रोजगार नहीं मिल रहा। मनचाहा रोजगार को बाद की बात है। इस कारण विदेश जाने की अंधी दौड़ लगी हे जो उसके उनके परिवारों को अनिश्चितता व असुरक्षा के घेरे की ओर लेकर जा रहा हे। निराशा व अवसाद में वे गलत कामों, अपराधों, नशे की तरफ बढ़ रहे हैं। केंद्र व पंजाब सरकार ने रोजगार देने के वायदे किए थे वह यहां पूरे नहीं हुए। गुरदासपुर में बड़े उद्योग नहीं है जो उद्योग हैं

व बंद होने के कगार पर हैं। क्षेत्र में करीब 40 फीसद युवा बेरोजगार हैं। जीएसटी : गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स का असर माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज पर दिखाई देता है। पंजाब में अधिकतर या फिर यूं कहें कि 95 प्रतिशत उद्योग छोटे स्तर के हैं, जो एमएसएमई के दायरे में आते हैं। यह सेक्टर जीएसटी के लिए तैयार नहीं था। जीएसटी से पहले एमएसएमई को सेंट्रल एक्साइज में डेढ़ करोड़ रूपये की छूट मिल रही थी। लेकिन जीएसटी के लागू होने से यह खत्म हो गई। गुरदासपुर के अधिकतर व्यापारी छोटे हैं, उन्हें टैक्स नहीं देना पड़ता था, लेकिन अब देना पड़ रहा है।

मुद्दे : राज्य

नहीं टूट पाई नशे की कमर : नशे को खत्म करने के लिए प्रदेश सरकार के वादों के बावजूद बड़े स्तर पर ड्रग्स की रिकवरी से साफ है कि यह समस्या जड़ से खत्म नहीं हुई है। इस संसदीय क्षेत्र में नशे की बिक्री जारी है, सुरक्षा एजेंसियां एवं पुलिस नशे की खेप के साथ तस्करों को पकड़ रही हैं। नशे के कारण युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। गुरदासपुर-पठानकोट में अब भी मेडिकल नशा बिक रहा है। पिछले एक साल में गुरदासपुर संसदीय क्षेत्र में 25 से अधिक जवानों की मौत हो चुकी है। नशे पर पूरी तरह से लगाम नहीं लग सकी है। डॉक्टरों, नर्स व दवाओं की कमी : पंजाब के सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। कहीं डॉक्टर नहीं है तो कहीं नर्से नहीं है। ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कमी के साथ उपकरण भी नहीं है। कई जगह ट्रॉमा सेंटर बंद पड़े हैं। लोगों को मुफ्त इलाज के दावे खोखले साबित हो रहे हैं, अस्पताल में सुविधा न के बराबर हैं। महंगी हो रही शिक्षा : राज्य में शिक्षा की स्थिति काफी खराब है। प्राइवेट स्कूलों व कालेजों में मनमानी फीस ली जा रही है। इसके पीछे कहीं न कहीं सरकारी शिक्षा मंत्र में खामियां जिम्मेदार हैं। आधारभूत ढांचे व शिक्षकों की भारी कमी है। ज्यादातर कालेज गेस्ट फैकल्टी के सहारे, वर्दियां-किताबें समय पर देने में सरकार नाकाम रही है। गुरदासपुर के सीमावर्ती स्कूल एक-एक शिक्षक के सहारे हैं। क्षेत्र में एक भी बड़ा शिक्षण संस्थान नहीं है, युवा बाहरी स्थानों में पढ़ाई करने को मजबूर हैं।

मुद्दे : स्थानीय

कादियां ब्यास रेल लिंक प्रोजेक्ट : यह प्रोजेक्ट कई सालों से लटका है। कादियां स्टेशन को ब्यास रेलवे ट्रैक से न जोड़े जाने से हजारों लोगों को अमृतसर जाने के लिए सौ किमी. का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ता है। बस में सफर करने से अधिक किराया व समय की बर्बादी होती है। कारोबारियों को भी सामान लाने व भेजने को दिक्कत होती है। प्राजेक्ट में कादियां से शुरू होकर उधनाल, घुमाण ओर बटाला से अमृतसर - दिल्ली रेल ट्रैक से जोड़ा जाना है। उद्योगों को मिले जीवन : आजादी के बाद गुरदासपुर की तहसील बटाला में इंडस्ट्री जोन खोला गया। उस समय बटाला में दो हजार उद्योग थे, अब मात्र 500 उद्योग बचे एवं 80 फीसद का काम ठप पड़ा है। कभी यहां पर फाउंड्री, लोहे की ढुलाई और पीतल के बर्तन बनाने का काम बहुत था। देश-विदेश में माल भेजा जाता था, अब कारोबारी मायूस हो चुके हैं। उद्योगों के बंद होने से रोजगार खत्म होने के साथ ही धारीवाल वूलन मिल भी बंद पड़ी है। सेम की समस्या : गुरदासपुर के बेट क्षेत्र का करीब एक लाख एकड़ रकबा सेम की समस्या से प्रभावित है। काहनूवाल के छंब क्षेत्र पुराना शाला से शुरू होकर गांव औलख तक बीस किमी. के दायरे में किसान फसल की पैदावार नहीं कर पा रहे और गेहूं की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। ठेके पर जमीन लेने वाले किसान चिता में डूबे हैं। सेम की समस्या से निजात पाने को करोड़ों रूपये भी खर्च किए पर हल नहीं निकला। ये रहे मौजूद

कार्यक्रम में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अश्वनी शर्मा, विधायक दिनेश बब्बू, नगर निगम मेयर अनिल वासुदेवा, पूर्व विधायक सीमा कुमारी, भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शर्मा, शिरोमणि अकाली दल के शहरी जिलाध्यक्ष सुरिद्र कंवर मिटू, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष विपिन महाजन, मंडलाध्यक्ष शमशेर सिंह, भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विनोद कुमार, आईएमए अध्यक्ष डॉक्टर राजीव सहगल, बार ऐसोसिएशन पठानकोट के अध्यक्ष नवदीप सैनी, होलसेल कैमिस्ट ऐसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश महाजन बब्बा, मॉडर्न संदीपनी स्कूल के चेयरमैन पवन महाजन, वाइस चेयरमैन सलिल महाजन, होलसेल केमिस्ट एसोसिएशन के महासचिव विकास विग, जिला व्यापार मंडल के प्रधान इंद्रजीत गुप्ता, आल इंडिया महाजन सभा के महासचिव जतिद्र जीतू जंडियाल, विजिन इंडिया मिशन के चेयरमैन समीर शारदा, व्यापार मंडल मामून के प्रधान संजीव महाजन, महासचिव केशव अग्रवाल, चेयरमैन दलवीर सिंह, पीआरओ मंजीत गिल, मोंटेसरी कैंब्रिज स्कूल के चेयरमैन विनोद महाजन, वाइस चेयरमैन आकाश महाजन, प्रिसिपल रश्मि आहलूवालिया, पठानकोट डीलर ऐसोसिएशन के चेयरमैन नरेंद्र वालिया, पठानकोट व्यापार मंडल के अध्यक्ष अनिल महाजन, पार्षद रमेश शर्मा, पठानकोट विकास मंच के अध्यक्ष नरेंद्र काला, एएमसी अस्पताल के चेयरमैन डॉ. अजय अबरोल, एचआरए इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन व भारत विकास परिषद के पंजाब नार्थ जोन के पैटर्न हीरामणि अग्रवाल, केएलएम इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन सुरेंद्र महाजन, आनंद माडर्न सीनियर सेकेंडरी स्कूल के चेयरमैन वरुण आनंद, भाजपा पंजाब किसान मोर्चा के प्रदेश नेता रणजीत सिंह काहलों, लोक सेवा क्लब के प्रदेश प्रधान रिकू ग्रोवर, पार्षद सुधीर महाजन, पठानकोट व्यापार मंडल के चेयरमैन अनिल महाजन, रिटायर्ड सिक्योरिटी कमिश्नर दर्शन कुमार, भाजपा नेता प्रबोध चंद्र, मंडल सुजानपुर उपाध्यक्ष साहिल शर्मा, इंटरनेशनल हयुमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन, एंटी करप्शन डिपार्टमेंट प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदेश उपाध्यक्ष राजा जुल्का, महासचिव अश्वनी महाजन, सोशल वेलफेयर एसोसिएशन चेयरमैन त्रिभुवन सिंह, प्रधान पवन महाजन आदि मौजूद रहे।


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