दुबई वाले चखेंगे पठानकोट की लीची
कोरोनो वायरस महामारी के बीच फल उद्योग के लिए एक अच्छी खबर आई है। पठानकोट के एक बाग मालिक को दुबई से लीची फल का एक बड़ा निर्यात ऑर्डर मिला है।
विनय ढींगरा, पठानकोट : कोरोनो वायरस महामारी के बीच फल उद्योग के लिए एक अच्छी खबर आई है। पठानकोट के एक बाग मालिक को दुबई से लीची फल का एक बड़ा निर्यात ऑर्डर मिला है। लॉकडाउन के बीच यह आर्डर मिलना बागवानों को उत्साह करने वाला है। यह ऑर्डर बागवान राहुल महाजन को पांच क्विटल का मिला है। इस लीची की दुबई में बिक्री प्रति पीस के आधार पर जाएगी। ऑर्डर मिलने के बाद पॉलीबैग में बीस लीची के पैकेट पैक किया जा रहा है। जबकि, लीची को भारत में गुच्छों में बेचे जाने के विपरीत इसकी ताजगी को बनाए रखने के लिए एक्सपोर्ट से पहले एक वैक्स कोटिग दी जाती है। अभी कोरोन वायरस के चलते और ट्रांसपोर्ट के संसाधन कम होने के कारण फल का निर्यात लगभग रुका हुआ था, लेकिन अब धीरे-धीरे जब कि देश अनलॉक दो की तरफ प्रवेश कर गया है। अब बागवानों को उम्मीद है कि आगे भी ऐसे आर्डर उन्हें मिल सकते हैं।
डिजिटल मार्केटिंग से मिला विकल्प
लॉकडाउन में खरीदार कम होने पर कई बाग मालिकों ने इस बार नया तरीका अपनाया। ऐसे में उन्होंने लीची की डिजिटल मार्केटिग शुरू की। बागवान राहुल महाजन बताते हैं कि लीची के बाग की तस्वीर इंटरनेट पर डाली थी और अपनी उपज का ऑनलाइन मार्केटिग शुरू की। अमृतसर के एक निर्यातक ने संपर्क किया, जिन्होंने मेरे ठेकेदार के साथ सौदा तय किया और अब हमारे बाग से 500 किलोग्राम बेहतरीन लीची खरीदी है। निर्यातक इसे पॉलीबैग में पैक करने से पहले वैक्स कर रहे हैं।
सरकार पहल करे तो बढ़ेगा कारोबार
बागवान राजीव कहते हैं कि अगर बागवानी विभाग और सरकार पठानकोट में वैक्सिग और कोटिग की व्यवस्था शुरू करते हैं तो निर्यात कई गुना बढ़ सकता है। अगर दुबई के लिए पठानकोट से लीची गई है तो यह सुखद बात है। आने वाले समय में यह बागवानों के लिए बड़ी राहत बन सकते हैं। राज्य सरकार से आग्रह है कि पठानकोट में लीची का एक प्रोसेसिग यूनिट स्थापित करे।
- जिले में लीची का कारोबार लगभग 120 करोड
- लीची के बागों का एरिया लगभग 7500 एकड़
- आश्रित बागवान लगभग 120
- पूरे देश में लीची की डिमांड है