आरएसडी ने 15 अक्टूबर तक बिजली उत्पादन तथा पानी का बहाव बंद किया
महाप्रबंधक संदीप कुमार सलुजा व चीफ इंजीनियर राम दर्शन साबा ने बताया कि बांध प्रशासन ने पंजाब सरकार के जल स्त्रोत विभाग से अनुमति लेकर रणजीत सागर बांध परियोजना से 15 अक्टूबर तक बिजली उत्पादन के साथ पानी के बहाव को पूरी तरह बंद किया है।
संवाद सहयोगी, जुगियाल : बैराज बांध प्रशासन ने बैराज बांध के साथ लगते जेएंडके यूटी के बसंतपुर में निर्माण कार्य (पावर हाउस) और अस्थाई पुल बनाने के लिए रणजीत सागर बांध परियोजना से बिजली उत्पादन के साथ पानी के बहाव को 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से बंद कर दिया है। इस बीच रावी नदी के पानी को डायवर्ट किया जाएगा, ताकि बैराज बांध के निर्माण कार्य और श्री मुक्तेश्वर धाम के पास लंबित कार्य को युद्धस्तर पर किया जा सके।
रावी नदी के पानी की एक भी बूंद पाकिस्तान की तरफ न जा सके इसके लिए केंद्र सरकार नेशनल प्रोजेक्ट शाहपुरकंडी बैराज बांध का शीघ्र पूरा करने के लिए प्रयासरत है। वहीं पंजाब सरकार भी इस प्रोजेक्ट को निर्धारित समय में पूरा करने के लिए दबाव बनाए हुए है। बारिश के कारण रावी नदी के पानी को डायवर्ट करने में परेशानी आ रही थी। अब बैराज बांध प्रशासन ने बैराज बांध के साथ लगते जेएंडके यूटी के बसंतपुर में निर्माण कार्य व अस्थाई पुल बनाने के लिए रणजीत सागर बांध परियोजना से बिजली उत्पादन के साथ पानी के बहाव को पूरी तरह बंद कर दिया है।
महाप्रबंधक संदीप कुमार सलुजा व चीफ इंजीनियर राम दर्शन साबा ने बताया कि उनके बांध प्रशासन ने पंजाब सरकार के जल स्त्रोत विभाग से अनुमति लेकर रणजीत सागर बांध परियोजना से 15 अक्टूबर तक बिजली उत्पादन के साथ पानी के बहाव को पूरी तरह बंद किया है। रावी नदी के बहाव को पंजाब की तरफ चल रहे बैराज बांध के निर्माण की तरफ करने के लिए हैवी मशीनरी, जिसमें जेसीबी, डोजर व अन्य मशीनरी को लगा कर जेएंडके यूटी के गांव बसंतपुर में चल रहे निर्माण कार्य तक मशीनरी व अन्य सामान पहुंचाने के लिए अस्थाई पुल को बनाने का कार्य भी जारी कर दिया है। उक्त निर्णय से जहां रणजीत सागर बांध परियोजना की झील में जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है, वहीं निर्माणाधीन बैराज बांध के चल रहे निर्माण कार्य में और तेजी आएगी। प्रोजेक्ट पर लगभग 2715 करोड़ रुपये की लागत आएगी
बैराज बांध प्रशासन की ओर से वहां पर कार्यरत सोमा कपंनी की ओर से 22 गेटों को बनाने का कार्य शुरू किया गया है। महाप्रबंधक एसके सलुजा व चीफ इंजीनियर आरडी साबा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट पर लगभग 2715 करोड़ रुपये की लागत आएगी । बैराज बांध प्रोजेक्ट के बनने से 206 मेगावाट बिजली उत्पादन के साथ यहां से लगभग 850 करोड़ रुपये वार्षिक आय आने की संभावना है। इसके साथ ही रणजीत सागर बांध परियोजना से छह सौ मेगवाट बिजली उत्पादन व सिचाई के लिए पंजाब के अन्य हिस्सों में पानी मिलेगा। 2022 में बांध का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य
बैराज बांध का निर्माण वर्ष 2022 में पूरा करने के लिए सरकार की और से बैराज बांध प्रशासन को लक्ष्य दिया गया है तथा वर्ष 2023 तक बिजली उत्पादन करने के लिए आदेश जारी हुए हैं, जिसकारण इस समय बैराज बांध के निर्माण कार्य को युद्धस्तर पर किया जा रहा है। बैराज बांध अधिकारियों ने बताया कि पानी को डायवर्ट करने के लिए इस समय सोमा कपंनी की मशीनरी व कर्मचारी दिन रात कार्य में जुटे हुए है। दो टनल बिजली उत्पादन और दो सिंचाई के लिए
आरएसडी में कुल चार टनल (सुरंगें) हैं। टी-वन और टी-टू टनल से बिजली उत्पादन के लिए चार पावर हाउस को पानी जाता है। अन्य टन से सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाता है। मांग के हिसाब से हर रोज यहां पर बिजली का उत्पादन किया जाता है।