तंत्र के गण: नौकरी छोड़ने के बाद भी कायम है समाज को स्वस्थ बनाने का जज्बा
डा. अत्री कहते हैं- मैं मानता हूं सभी का लोगों का निश्शुल्क उपचार कर पाना संभव नहीं है लेकिन जहां तक संभव हो जरूरतमंद लोगों की मदद जरूर करें। उन्होंने कहा कि वे कभी भी जरूरतमंद की सेवा करने से पीछे नहीं हटते। वे कई सामाजिक संस्थाओं की मदद से कैंप लगाकर आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के कई तरह के निश्शुल्क टेस्ट भी करते हैं।

विनोद कुमार, पठानकोट: समाज सेवा में आगे रहने वाले और करीब एक दर्जन से अधिक संस्थाओं से जुड़े 45 वर्षीय डा. मोहन लाल अत्री को किसी परिचय की जरूरत नहीं। पठानकोट में लगाए जाने वाले ज्यादातर स्वास्थ्य कैंपों में ये मौजूद रहते हैं और लोगों की सेवा करते हैं। 15 साल तक डाक्टरी पेशे से जुड़े डा. एमएल अत्री ने दो साल पहले सिविल अस्पताल से स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति ले ली थी, लेकिन समाज सेवा के कार्य करने में अभी भी पीछे नहीं हैं। सरकारी नौकरी के दौरान लोगों की सेवा का जो जज्बा डा. एमएल अत्री था, उसी जज्बे के साथ वे आज भी किसी न किसी रूप में जरूरतमंदों की मदद करते रहते हैं। यहां तक कि विद्यार्थियों के लिए लर्निग लाइसेंस बनवाने के लिए लगाए जाने कैंपों में ये फ्री में मेडिकल टेस्ट करते हैं।
डा. अत्री कहते हैं- मैं मानता हूं सभी का लोगों का निश्शुल्क उपचार कर पाना संभव नहीं है, लेकिन जहां तक संभव हो जरूरतमंद लोगों की मदद जरूर करें। उन्होंने कहा कि वे कभी भी जरूरतमंद की सेवा करने से पीछे नहीं हटते। वे कई सामाजिक संस्थाओं की मदद से कैंप लगाकर आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के कई तरह के निश्शुल्क टेस्ट भी करते हैं।
डा. एमएल अत्री कहते हैं कि विभिन्न संस्थाओं की मदद से कैंप लगाकर वे लोगों को स्वस्थ रहने व फिट रहने के टिप्स भी देते हैं ताकि लोगों को बहुत कम अस्पतालों अथवा डाक्टरों के चक्कर काटने पड़े। सिविल अस्पताल में नौकरी के दौरान भी डा. एमएल अत्री (एमबीबीएस, एमडी) जरूरतमंद लोगों की मदद करते रहे। जरूरत पड़ने पर वे मरीजों को बाजार से भी दवाइयां दिलाते थे। अब भी उनमें वो जज्बा बरकरार है। ज्यादातर मेडिकल कैंपों देते हैं सहयोग
डा. एमएल अत्री शहर की करीब एक दर्जन संस्थाओं से जुड़कर भी लोगों की सेवा कर रहे हैं। संस्थाओं के साथ मिल कर मेडिकल चेकअप कैंपों में वह लोगों के शुगर व बीपी आदि के निश्शुल्क टेस्ट करते हैं। डा. एमएल अत्री का कहना है कि वह जब सिविल अस्पताल में डाक्टर थे तो उस समय भी विभिन्न संस्थाओं द्वारा लगाए जाने वाले कैंपों में अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच कर उनका उपचार करना उनकी प्राथमिकता में था। इस दौरान कई ऐसे लोग भी आते थे जिनके पास इलाज करवाने के लिए पैसे नहीं होते थे। वे अपने स्तर पर व शहर की समाज सेवी संस्थाओं की मदद से मिलकर उनका पूरा ट्रीटमेंट करवाते थे। इन क्लबों में शामिल हैं डाक्टर अत्री
डाक्टर अत्री बताते हैं कि वह मौजूदा समय में ग्रीनलैंड क्रिकेट क्लब के कार्यकारी अध्यक्ष सहित श्री गुरु रविदास सभा पठानकोट के सीनियर एडवाइजर, उदासीन आश्रम पठानकोट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, जिला व्यापार मंडल पठानकोट के मेडिकल सेल इंचार्ज, गो सेवा समिति के सदस्य, विद्या एजुकेशन सोसायटी के सीनियर एडवाइजर, लायंस क्लब पठानकोट के सीनियर एडवाइजर, मेंबर अलायंस क्लब व मनवाल बाग वेलफेयर चैरिटेबल सोसायटी के सीनियर एडवाइजर के पद पर रहकर सामाजिक, धार्मिक व युवाओं को फिट रहने के लिए खेलों की ओर प्रोत्साहित करने की सामाजिक जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं।
Edited By Jagran