Move to Jagran APP

पठानकोट दूसरा जिला जहां बड़े स्तर पर होती है गन्ने की खेती

जिला कृषि अफसर डा. हरतरन पाल सिंह ने कृषि विभाग की योजनाओं के अतिरिक्त किसानों के सहयोग के कारण पठानकोट उत्तर भारत का पहला प्रदूषण मुक्त जिला बन गया है। उन्होंने कहा कि गुरदासपुर के बाद जिला पठानकोट दूसरा जिला है जहां गन्ने की खेती बड़े स्तर पर की जाती है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Jan 2022 10:51 PM (IST)Updated: Sat, 01 Jan 2022 10:51 PM (IST)
पठानकोट दूसरा जिला जहां बड़े स्तर पर होती है गन्ने की खेती
पठानकोट दूसरा जिला जहां बड़े स्तर पर होती है गन्ने की खेती

संवाद सहयोगी, घरोटा: कृषि विभाग की ओर से फसलों व गन्ने के अवशेष के संभाल हेतु ब्लाक घरोटा के गांव बगियाल में सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में गन्ने की फसल की पैदावार, फसली विभिन्नता, गन्ने की फसल को लेकर जागरूक किया गया। कैंप की अध्यक्षता डा. हरतरन पाल सिंह मुख्य खेतीबाड़ी अफसर पठानकोट ने की।

loksabha election banner

ब्लाक खेतीबाड़ी अफसर डाक्टर अमरीक सिंह ,इंजीनियर मनदीप सिंह, डा. अरविद पाल सिंह, कुलवंत सिंह, कपिल कुमार, गुरदीप सिंह, विशाल शर्मा, लव कुमार, किसान रणजीत सिंह समेत अन्य भी उपस्थित थे। जिला कृषि अफसर डा. हरतरन पाल सिंह ने कृषि विभाग की योजनाओं के अतिरिक्त किसानों के सहयोग के कारण पठानकोट उत्तर भारत का पहला प्रदूषण मुक्त जिला बन गया है। उन्होंने कहा कि गुरदासपुर के बाद जिला पठानकोट दूसरा जिला है जहां गन्ने की खेती बड़े स्तर पर की जाती है। ब्लाक कृषि अधिकारी डा. अमरीक सिंह ने किसानों को अधिक पैदावार के लिए टिप्स दिए, वही पेश आ रही चुनौतियों के हल के लिए समय समय पर विभाग से परामर्श करके खेती करने का आह्वान किया। इस मौके पर सरपंच तरसेम लाल, पूर्व सरपंच सतनाम सिंह जगबीर सिंह, प्रितपाल सिंह, पुरुषोत्तम गिल, जागीर सिंह, बिल्लू, तरविदर, लखविदर सिंह इत्यादि हाजिर थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.