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मुक्तेश्वर धाम के लिए केंद्र सरकार से मांगे 10 करोड़

शाहपुरकंडी बांध परियोजना के कार्य के दोबारा शुरू होने की उम्मीद के साथ-साथ इतिहासिक श्री मुक्तेश्वर धाम मंदिर को बचाने का रास्ता भी साफ होता दिख रहा है। पंजाब सरकार द्वारा जहां शाहपुरकंडी डैम प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए सरकार से 2796 करोड़ रूपए का जो फंड मांगा गया है उसी में 10 करोड़ का फंड मुक्तेश्वर धाम मंदिर को बचाने के लिए रखा गया है। काबिलेगौर हो कि शाहपुरकंडी बांध बनने से झील किनारे स्थापित इतिहासिक मुक्तेशवर धाम मंदिर को झील में बढ़ने वाले जल स्तर से खतरा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 06:30 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 06:30 PM (IST)
मुक्तेश्वर धाम के लिए केंद्र सरकार से मांगे 10 करोड़
मुक्तेश्वर धाम के लिए केंद्र सरकार से मांगे 10 करोड़

पीटीके-53 से 57

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शाहपुरकंडी डैम के 2796 करोड़ के प्रपोजल में ही मंदिर बचाने के लिए फंड भी शामिल

सालों से मंदिर के लिए रिटे¨नग वॉल बनाने की उठ रही है मांग कमल कृष्ण हैप्पी, जुगियाल

शाहपुरकंडी बांध परियोजना के कार्य के दोबारा शुरू होने की उम्मीद के साथ-साथ एतिहासिक श्री मुक्तेश्वर धाम मंदिर को बचाने का रास्ता भी साफ होता दिख रहा है। पंजाब सरकार द्वारा जहां शाहपुरकंडी डैम प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए सरकार से 2796 करोड़ रूपए का जो फंड मांगा गया है उसी में 10 करोड़ का फंड मुक्तेश्वर धाम मंदिर को बचाने के लिए रखा गया है। काबिलेगौर हो कि शाहपुरकंडी बांध बनने से झील किनारे स्थापित इतिहासिक मुक्तेश्वर धाम मंदिर को झील में बढ़ने वाले जल स्तर से खतरा है। इसी के चलते सरकार ने यह दस करोड़ का फंड रखा है जिससे मंदिर को बचाने के लिए एक रिटे¨नग वॉल बनाने की तैयारी है। वहीं सरकार के इस कदम से सालों से मुक्तेश्वर धाम मंदिर को बचाने के लिए कार्यरत धार्मिक संस्थाओं, राजनीतिक नुमाईंदों समेत भगवान शिव के भक्तों में खुशी का माहौल भी है। हालांकि मुक्तेश्वर धाम बचाओ समिति का कहना है कि अभी बांध प्रशासन ने उन्हें इस बारे कोई लिखित आश्वासन या रिटे¨नग वॉल का कोई अप्रूवल नहीं दिखाया है तो वहीं डैम प्रशासन का कहना है कि सरकार ने अभी प्रस्ताव अप्रूवल के लिए केंद्र सरकार को भेज दिया है। इसी बीच राजनेताओं ने इसे कैप्टन सरकार की वचबद्धता बताया है।

काबिलेगौर हो कि रणजीत सागर बांध परियोजना मुख्य मार्ग पर गांव डूंग में स्थित श्री मुक्तेश्वर धाम मंदिर एक इतिहासिक मंदिर है। यह मंदिर करीब 5509 साल पुराना है। गुफानुमा यह मंदिर पांडवों के अज्ञातवास के समय का निवास एंव पूजा स्थान माना जाता है। इसी मंदिर को शाहपुरकंडी डैम से अब खतरा है। हालांकि शाहपुरकंडी डैम का काम भी सालों से अधर में लटका हुआ है लेकिन अब पंजाब सरकार एंव जेएंडके सरकार ने आपसी समझौता करके इस डैम प्रोजेक्ट को दोबारा शुरू करने की योजना बनाई है। इसी के तहत काम शुरू करने के लिए पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार से फंड मांगा है।

ऐसे है इतिहासिक मंदिर को खतरा

दरअसल शाहपुरकंडी डैम में बड़ी झील का निर्माण पानी से बिजली उत्पादन के लिए किया जाएगा। इस झील के बनने के बाद मुक्तेश्वर धाम के किनारे बनी झील में पानी का स्तर काफी बढ़ जाएगा। मुक्तेश्वर धाम मंदिर का स्तर काफी नीचे होने के कारण झील के पानी से मंदिर डूब सकता है। ऐसे में डैम का बनना मंदिर के लिए खतरे से खाली नहीं है। इसके लिए लंबे समय से मुक्तेश्वर धाम बचाओ समिति एंव कई अन्य लोग मंदिर को बचाने में लगे हुए हैं। इनकी मांग है कि पहाड़ों के बीच बने इस मंदिर को बचाने के लिए एक रिटे¨नग वॉल खड़ी कर दी जाए जो झील के पानी को मंदिर तक आने से रोक दे। इसी वॉल को बनाने के लिए पंजाब सरकार ने केंद्र से दस करोड़ मांगे हैं। यह दीवार 300 फीट ऊंची बनाई जाएगी। आरएसडी निर्माण में दब गई थी भीम की गुफा

शाहपुरकंडी डैम के निर्माण से ही मुक्तेश्वर धाम मंदिर को नुक्सान का खतरा नहीं है बल्कि इससे पहले रणजीत सागर बांध परियोजना के निर्माण के समय भी मंदिर को नुकसान हुआ था। यही कारण है शाहपुरकंडी डैम के निर्माण से पहले लोग मंदिर को बचाने की पुरजोर मांग कर रहे हैं। दरअसल रणजीत सागर बांध परियोजना के निर्माण के समय मंदिर के पीछे स्थित भीम की हिडबा गुफा ने अपना अस्तित्व खो दिया था। यह गुफा आरएसडी के निर्माण के समय मलबे में दब गई थी। मंदिर बचाने को सरकार वचनबद्ध : पुनीत ¨पटा

प्रदेश कांग्रेस सचिव पुनीत सैनी ¨पटा ने कहा कि इतिहासिक मंदिर को बचाने के लिए पंजाब सरकार वचनबद्ध है। मंदिर के मुददे को लेकर उन्होंने सीएम कैप्टन अम¨रदर ¨सह, सीएम के राजनीतिक सलाहकार मेजर अमरदीप ¨सह के साथ बैठक की थी। जिसके बाद सीएम ने मंदिर को बचाने का आश्वासन दिया था। इसीलिए सरकार ने दस करोड़ रूपए मंदिर के लिए मांगे हैं। मंदिर के नाम पर न करें राजनीति : भीम ¨सह

वहीं मुक्तेश्वर धाम बचाओ समिति के अध्यक्ष भीम ¨सह ने कहा कि मंदिर के नाम पर सालों से वादे किए जा रहे हैं। राजनेताओं को चाहिए कि मंदिर के नाम पर राजनीति न करते हुए समिति के साथ मंदिर को बचाने के लिए संघर्ष करें। उन्होंने कहा कि डैम प्रशासन ने अब तक रिटे¨नग वाल बनाने का लिखित आश्वासन या फिर कोई नक्शा आदि समिति को नहीं दिया है। रिटे¨नग वॉल बनने तक डैम का निर्माण नहीं होने दिया जाएगा। 300 फीट ऊंची बनेगी दीवार : एसई हेडक्वार्टर

रणजीत सागर बांध परियोजना एंव शाहपुरकंडी बांध परियोजना के एसई हेड क्वार्टर सुधीर गुप्ता ने बताया कि पंजाब सरकार ने 2796 करोड़ की प्रपोजल केंद्र सरकार को शाहपुरकंडी डैम के लिए भेजी है। इसी राशि में दस करोड़ रूपए मंदिर को बचाने के लिए रखे गए हैं। इस दस करोड़ से रिटे¨नग वॉल बनेगी। हालांकि इसका लिखित आदेश अभी नहीं आया है।


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