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कोरोना की मार ने शहर के 38 में से 16 होटलों पर जड़ा ताला

कोरोना की दूसरी लहर के कारण होटल और रेस्टोरेंट तो बंद हैं मगर बिजली बिल प्रापर्टी टैक्स बार टैक्स समेत अन्य प्रकार के कर उनको हर माह अदा करने पड़ रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 05:20 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 05:20 AM (IST)
कोरोना की मार ने शहर के 38 में से 16 होटलों पर जड़ा ताला
कोरोना की मार ने शहर के 38 में से 16 होटलों पर जड़ा ताला

जागरण संवाददाता, पठानकोट : कोरोना की दूसरी लहर के कारण होटल और रेस्टोरेंट तो बंद हैं, मगर बिजली बिल, प्रापर्टी टैक्स, बार टैक्स समेत अन्य प्रकार के कर उनको हर माह अदा करने पड़ रहे हैं। इससे होटल उद्यमियों को अपना कारोबार बचाना भी मुश्किल हो गया है। नतीजतन शहर के 38 में से 16 होटल मालिकों ने होटल के बाहर ताले जड़ दिए हैं। इनमें से यूनाइट, होटल किग्ज, ओपुलेंस, इंदर कैसेल, ब्लू आमन, वैनिस प्रमुख हैं। वहीं जो चल भी रहे हैं, उन्हें भी कोई खास फायदा नहीं हो रहा है। इसका असर केवल मालिकों पर ही नहीं हुआ बल्कि यहां पर काम करने वाले 800 कर्मचारियों पर भी हुआ है जो किबेरोजगार हो गए हैं। होटल मालिकों का दावा है कि कोरोना के दूसरे चरण में होटल इंडस्ट्री को 60 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

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होटल व्यवसाय 23 मार्च, 2020 से पूरी तरह बंद हैं, हालांकि दिसंबर में राहत मिली थी, फिर अप्रैल से पाबंदियां लगा दी गईं। कारोबारियों की जमापूंजी कोरोना की पहली लहर में ही खत्म हो गई। दूसरी लहर में तो वे रोड पर आ गए, जिनके पास दूसरे कारोबार थे उन्होंने स्टाफ की कटौती कर काम को अभी भी जारी रखा हुआ है। सफाई कर्मचारी, चौकीदार, माली, हाउस कीपिग, किचन में रसोइया व मेंटेनेंस कर्मचारियों का खर्च वहन कर रहे हैं। स्टाफ ने परिवार की तरह दिया साथ, अब कैसे छोडूं

वैनिस होटल के मालिक जतिन ने बताया कि होटल पूरी तरह से बंद है। करीब दो साल से कारोबार ठप है। सरकार ने कोई छूट नहीं दी है। व्यवसाय को खड़ा होने में अभी वक्त लगेगा। स्टाफ ने उनको अपने परिवार की तरह साथ दिया। हर दुख और सुख में वे शामिल थे। अब उनको वे कैसे छोड़ सकते हैं। बुधवार को ही उनके पास एक कर्मचारी का फोन आया कि वह और उसकी पत्नी दोनों पाजिटिव हैं। 25 हजार रुपये उसके अकाउंट में भेज दिया। पहले हर रोज 80 बुकिंग होती थी, अब सिर्फतीन से चार

स्टेबल के मैनेजर ने बताया कि होटल को तो पूरी तरह से बंद नहीं किया है। कोरोना की पहले चरण में जरूर बंद कर दिया था। हमारे कुछ नियमित ग्राहक हैं, जो हिमाचल, जम्मू या अन्य प्रदेश के अन्य हिस्सों से आते हैं। कुछ व्यापारी भी हैं। पूरी तरह बंद करने से वे नाराजगी व्यक्त करने लगे थे। ऐन वक्त पर उनको सहूलियत देना हमारा फर्ज है, लेकिन यह बंद जैसा ही है। पहले हर रोज 80-90 की बुकिग होती थी अब तीन से चार ही हो रही है। आमदनी से ज्यादा मेंटेनेंस पर ही ज्यादा खर्च हो रहे हैं। हर साल होता है 100 करोड़ का कारोबार

पठानकोट तीन राज्यों से जुड़ता है। पर्यटकों के लिहाज से भी यह अच्छा शहर माना जाता है। जम्मू और हिमाचल के काफी विद्यार्थी यहां पर पढ़ने के लिए आते हैं। यहां हर साल करीब 100 करोड़ रुपये होटल कारोबार है। शादी के सीजन में इनका कारोबार और भी बढ़ जाता है। कोरोना के कारण लगाई गई पाबंदी के कारण होटलों में राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक विषयों पर सेमिनार भी स्थगित हैं। इससे इसका ज्यादा असर पड़ रहा है। होटल खोलने की इजाजत दे सरकार : लाडी

होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के प्रधान नितिन लाडी ने बताया कि सरकार ने सारा कुछ खोल दिया है, लेकिन होटल इंडस्ट्री को खोलने की इजाजत नहीं दी जा रही है। बाकी कारोबार की तरह इसे भी खोलने की इजाजत मिले। उन्होंने बताया कि होटल बंद होने के बाद भी बिजली बिल 40 हजार रुपये के करीब आ रहा है। ग्रीन और ग्रैंड होटल के लोड बढ़ाने के नाम पर फाइन किया गया है और सरचार्ज के रूप में इनसे पैसे वसूले गए। कार्यक्रम में 50 लोगों को मिले अनुमति : राकेश

होटल रेस्टोरेंट एंड रिजार्ट एसोसिएशन के चेयरमैन राकेश ओल ने कहा कि 50 फीसद डाइनिग शुरू की जाए और 50 लोगों को शादी व अन्य कार्यक्रम में शामिल होने की छूट दी जाए। साथ ही होटल उद्यमियों को अन्य टैक्स से भी छूट की जाए। तब जाकर यह कारोबार दोबारा पटरी पर लौट सकता है।


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