रेल रोको आंदोलन से रुका शहर का व्यापार
किसानों के रेल रोको आंदोलन का असर जिले में भी दिखने लगा है।
विनोद कुमार, पठानकोट : किसानों के रेल रोको आंदोलन का असर जिले में भी दिखने लगा है। फेस्टिवल सीजन की उम्मीद लगाए बैठे कारोबारियों का दिल्ली में माल रुका पड़ा है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट से कुछ कारोबारी माल तो मंगवा रहे हैं, लेकिन रेल की तुलना तीन गुना अधिक किराया चुकाने के बाद भी सामान तीन से चार दिनों के बाद पहुंच रहा है। 2019 के अक्टूबर में 50 करोड़ से ज्यादा का माल दिल्ली से पहुंचा था। वहीं इस वर्ष केवल 25 करोड़ का माल ही पहुंच पाया है। शहर के कारोबारियों का कहना है कि सरकार को इसपर गंभीरता दिखाते हुए किसानों से बात कर मसले का हल करना चाहिए। वरना फेस्टिवल सीजन पर जो उम्मीद बची थी वह भी धूमिल हो जाएगी। इसके गंभीर परिणाम देखने को मिलेंगे।
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रेडीमेड गारमेंटस एसोसिएशन व रेलवे रोड शापकीपर ने जताया एतराज
रेलवे रोड शापकीपर एसोसिएशन व रेडीमेड गारमेंटस ने विरोध जताया है। रेडीमेड गारमेंटस एसोसिएशन के चेयरमैन मनमहेश शर्मा व शापकीपर एसोसिएशन के प्रधान प्रवीण महाजन ने कहा कि मांगों को लेकर आंदोलन करना सभी का हक है। लेकिन इससे किसी को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए। ट्रैक पर बैठकर रेल आवागमन बंद कर देना ठीक नहीं है। रेल बंद होने के कारण यहां आम जनता परेशान है, वहीं कारोबार भी पुरी तरह से ठप होकर रह गया है।
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30 करोड़ माल की नहीं हुई आमद
अक्टूबर और नवंबर में पठानकोट के व्यापारियों का करीब 100 करोड़ का माल दिल्ली व अन्य शहरों से आता है। सामान भी अगले दिन पहुंच जाता है। रेलवे में सामान टूटने का खतरा भी कम होता है, जबकि ट्रांसपोर्ट में ज्यादा चांस होते हैं।
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2019 में अक्टूबर में आयात
10 करोड़ : रेडीमेड का सामान
- 4 करोड़: बर्तन का सामान
- 5 करोड़: जूते शूज का सामान
6 करोड़: ड्राई फ्रुट
10 करोड़ : -गिफ्टस आईटम
-15 करोड़: इलेक्ट्रानिक्स का सामान
2020 में अक्टूबर में आयात
3 करोड़ : रेडीमेड का सामान
1.5 करोड़ बर्तन का सामान।
-2 करोड़: जूते शूज का सामान
2 करोड़: ड्राई फ्रुट
-5 करोड़ : -गिफ्टस आईटम
-5 करोड़: इलेक्ट्रानिक्स का सामान
................ इस समान की आमद हुई कम
-रेडीमेड गारमेंटस
-बर्तन
- शूज
-ड्राई फ्रुट
-गिफ्टस आईटम
-इलेक्ट्रानिक्स का सामान
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व्यापारी ही नहीं आमजन भी परेशान : अमित व्यापार मंडल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमित नय्यर ने कहा कि किसान आंदोलन के चलते न केवल व्यापारी परेशान है, बल्कि आम जनता भी परेशान हैं। ट्रेनें रुकने के कारण लोगों को एक से दूसरे स्थान तक पहुंचने में भारी दिक्कत है।
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लोगों को परेशानी न हो ऐसा आंदोलन करें: पुरी
व्यापार मंडल के महासचिव ने कहा कि कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हो गया जिसे देखते हुए किसान रेल को न रोकें। ऐसा आंदोलन किया जाए जो लोगों के लिए परेशानी का कारण न बने। .............
सरकार इसे गंभीरता से ले: भारत
व्यापार मंडल के जिला प्रभारी भारत महाजन ने कहा कि मामले को पंजाब और केंद्र सरकार गंभीरता से ले। रेल आवागमन रुकने के कारण यहां व्यापारी वर्ग परेशान वहीं, आम जनता भी प्रभावित है। केंद्र व राज्य सरकार इसे गंभीरता से लेकर किसानों से बात कर इसका समाधान करे।
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70 लाख से ज्यादा का कारोबार प्रभावित
पठानकोट सिटी व कैंट रेलवे स्टेशन की कमर्शियल ब्रांच के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना के चलते दोनों स्टेशनों पर करीब 70 लाख का नुकसान हो गया है। इसमें 55 लाख के कैंट व 15 के करीब सिटी स्टेशन को आर्थिक तौर पर नुकसान उठाना पड़ गया है। अधिकारियों ने कहा कि बीच में इमरजेंसी सेवा के तहत राजधानी व पार्सल स्पेशल में पार्सल आने से थोड़ी कमाई हुई थी। लेकिन, 25 सितंबर से किसान आंदोलन के चलते यह दोनों ट्रेनें भी बंद पड़ी है जिसके बाद दोनों स्टेशनों पर कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है।