लोगों को सेहत सुविधाएं देने वाली सीएचसी बधानी खुद बीमार
सीएचसी बधानी के हालात देखने के लिए जागरण टीम ने दौरा किया तो देखा कि साफ-सफाई का बुरा हाल है। लावारिस कुत्ते अस्पताल के आंगन में बैठे थे। खिड़की की जाली उखड़ी हुई है और एक कमरे का रोशनदान भी पूरी तरह टूट चुका है।
प्रिस सलारिया, मामून
अर्ध पहाड़ी क्षेत्र धार के 70 के करीब गांवों को सेहत सुविधाएं मुहैया करवाने वाली सीएचसी बधानी खुद बीमार है। अस्पताल की बिल्डिग खस्ता हालत में है। स्टाफ भी पूरा नहीं है और परिसर में लावारिस कुत्ते घूमते रहते हैं व गंदगी का आलम है। ऐसा भी नहीं है कि उक्त समस्या विभाग के ध्यान में न हो। सब कुछ जानते हुए भी सेहत महकमा तमाशा देख रहा है और खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
सीएचसी बधानी के हालात देखने के लिए जागरण टीम ने दौरा किया तो देखा कि साफ-सफाई का बुरा हाल है। लावारिस कुत्ते अस्पताल के आंगन में बैठे थे। खिड़की की जाली उखड़ी हुई है और एक कमरे का रोशनदान भी पूरी तरह टूट चुका है। जरनल वार्ड से पीछे जाने को एक दरवाजा लगा है उसके साथ ही एक सीमेंट की हौद बना रखा है, जिसमें सरकारी कागज जलाए जा रहे थे और यहां से उठ रहा धुआं जनरल वार्ड में जाता है। इससे मरीजों की सेहत ठीक तो क्या होगी मगर दोबारा पहली स्थिति में मरीज आ जाता है। पंजाब सरकार के हुकम है कि टीके लगाने वाली सिरिंज न जलाई जाए, लेकिन उन्हें भी यहीं पर जलाया जा रहा है। आग में कोरोना वायरस के सैंपल और आयरन एंड फोलिक एसिड टेबलेट भी जलाई जा रही थीं। वहां खड़े लोगों ने कहा कि जलाने से अच्छा है कि धार ब्लॉक के गरीब परिवारों को यह दवाई दे दी जाती। लोग बोले: बाहर की दवाईयां लिख रहे डाक्टर
सीएचसी में उपचार के लिए आए क्षेत्र के गांव भड़मौता निवासी अशोक कुमार व कर्म सिंह तथा ढांगू सरां के संजीव कुमार व करनैल सिंह ने बताया कि डाक्टर अंदर से मिलने वाली सरकारी दवाइयों के बजाय बाहर की दवाइयां लिख रहे हैं। जब लोग पूछते हैं तो जवाब मिलता है कि स्टाक नहीं है। अथवा बाहर की दवाईयां बढि़या कंपनी की है। इसके बाद लोगों को मजबूरी में बाहर की दवाइयां खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता है। उक्त मामले को लेकर सीएमओ डा. हरविद्र सिंह ने कहा कि वे इस बारे में एसएमओ बधानी को कहेंगे कि अगर ऐसा हो रहा है तो उस पर तुरंत रोक लगाई जाए। इसके बावजूद भी यदि कोई मामला उनके पास आया तो वह डाक्टरों पर कार्रवाई करेंगे।