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मात्र 30 फीसद बच्चों तक पहुंची किताबें

कोरोना फिर से तेजी से पैर पसार रहा है। इसको देखते हुए शिक्षा विभाग ने सभी प्राइवेट व सरकारी स्कूलों को बंद करने का फरमान सुनाया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Apr 2021 10:18 PM (IST)Updated: Sat, 03 Apr 2021 10:18 PM (IST)
मात्र 30 फीसद बच्चों तक पहुंची किताबें
मात्र 30 फीसद बच्चों तक पहुंची किताबें

राज चौधरी, पठानकोट : कोरोना फिर से तेजी से पैर पसार रहा है। इसको देखते हुए शिक्षा विभाग ने सभी प्राइवेट व सरकारी स्कूलों को बंद करने का फरमान सुनाया है। बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए आनलाइन शिक्षा देने के आदेश भी जारी किए हैं, लेकिन हकीकत में यह योजना अभी भी सफल होते हुए दिखाई नहीं दे रहा है। इसका बड़ा कारण है कि जिलेभर के प्राइमरी स्कूलों में अभी दो दिन पहले ही 30 प्रतिशत किताबें पहुंच पाई है, जबकि अभी भी 25 फीसद विद्यार्थियों तक आनलाइन पाठ्य सामग्री नहीं पहुंच पाई है।

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जिले में कुल बच्चे -54813

प्राइमरी-1

3168

प्राइमरी-2

2411

पहली-2852

दूसरी-3059

तीसरी- 2421

चौथी-3305

पांचवी- 3497

कुल-20713

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छठी-3921

सातवीं-4038

आठवीं- 4276

नौंवी-4809

दसवीं- 4797

ग्यारवीं-6213

बारहवीं-5333

कुल- 33387

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आनलाइन पाठ्य समग्री

विद्यार्थियों की संख्या - सामग्री

पहली 870

दूसरी 917

तीसरी 726

चौथी 991

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5292---फीसद बच्चों को बांटी गई स्मार्ट फोन

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नेटवर्क की समस्या-10 गांवों में

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स्मार्ट फोन

ग्रामीण विद्यार्थी ---3319

शहरी विद्यार्थी 1973

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कितने बच्चों को मिली किताबें

पहली 1050

दूसरी 1257

तीसरी 1125

चौथी 1418

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85 फीसद-फीसद बच्चों को अभिभावकों का मिल रहा साथ

100--- फीसद बच्चों को शिक्षकों का मिल रहा साथ

15---फीसद बच्चों को पंचायत का मिल रहा साथ

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अध्यापक डोर टू डोर किताबें कर रहे वितरित

डीईओ बलदेव राज का कहना है कि नए सेशन की शुरुआत एक अप्रैल से हुई है। विभाग की ओर से 30 प्रतिशत किताबों का स्टाक जिला में पहुंच चुके हैं, जिसे समस्त ब्लाकों में वितरित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों की आनलाइन शिक्षा प्रभावित न हों, इसके लिए अध्यापकों की ड्यूटियां लगा दी गई हैं। अध्यापकों की ओर से डोर टू डोर किताबें विद्यार्थियों को पहुंचाई जा रही हैं।


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