गाय क्यों असहाय-2: हाईवे पर गाय आने बस ने लगाई इमरजेंसी ब्रेक, इलाज के दौरान एक की मौत
लाकडाउन के दौरान जिले में बेसहारा पशुओं की संख्या में बढ़ोतरी के बाद निगम ने फिर से पशुओं को पकड़कर कैटल पहुंचाने का काम किया था लेकिन छह महीने से यह काम पूरी तरह से बंद है।
जागरण संवाददाता, पठानकोट/सुजानपुर: मलिकपुर में बुधवार की सुबह नेशनल हाइवे पर अचानक बेसहारा पशु के आने से एक बसदुर्घटना ग्रस्त हो गई। दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई है और दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
दरअसल, एकदम से जानवर के आगे आने से चालक को इमरजेंसी ब्रेक लगानी पड़ी। इस दौरान बस में सवार मृतक राम सिंह निवासी सुंदरनगर पठानकोट को अंदरूनी चोट लगी। स्थानीय लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। बस कंडक्टर शरीफ का कहना था कि वह बलवगढ़ से कटड़ा जा रहे थे। बस जैसे ही मलिकपुर के पास पहुंची तो अचानक से आगे एक गाय बस के सामने आ गई। ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर बस को रोका, जिससे बस में सवार तीन व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए। सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई है। मामले में मृतक के परिजनों ने समाचार लिखे जाने तक कोई कार्रवाई नहीं करवाई है। अंजाने में कई लोगों को घायल कर चुके बेसहारा पशु, सात साल में तीन की ले चुके जान
सात वर्षो के दौरान जिले में तीन लोगों को बेसहारा पशु अपना शिकार बना चुके हैं, जबकि सैंकड़ों लोगों को वह घायल भी कर चुके हैं। ताजी घटना बुधवार की है। घटना के बाद जिला प्रशासन निगम बेसहारा पशुओं को पकड़ने के काम में तेजी तो करता है लेकिन, कुछ दिनों बाद ही स्थिति ढाक के तीन पात वाली हो जाती है। यही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में खास तौर पर अर्ध पहाड़ी क्षेत्र धार-दुनेरा व कंडी में बेसहारा पशु किसानों की फसल को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं। लाकडाउन के दौरान जिले में बेसहारा पशुओं की संख्या में बढ़ोतरी के बाद निगम ने फिर से पशुओं को पकड़कर कैटल पहुंचाने का काम किया था, लेकिन छह महीने से यह काम पूरी तरह से बंद है।
यह लोग बने बेसहारा पशुओं के शिकार
1. दर्शन सिंह (70) निवासी माडल टाउन वर्ष 2015 में घर से करियाणा की दुकान पर गया था। इसी बीच वहां पहले से लड़ रहे सांडों ने उन्हें टक्कर मार कर घायल कर दिया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। 2. सब्जी मंडी के आढ़ती हरि चंद (75) को सांडों ने उनकी दुकान के बाहर ही टक्कर मार दी थी, जिसके बाद इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई।
इन्हें बुरी तरह किया घायल
1. पूर्व पार्षद सलोनिया के पिता व वर्तमान पार्षद रोशन लाल सोनी को 2018 में सांडों ने अपना निशाना बनाया था, जिसमें वह बुरी तरह से घायल हुए थे।
2. बसंत कालोनी निवासी संदीप महाजन को 2019 में सांडों ने उनकी दुकान के बाहर ही बुरी तरह से घायल किया था।
3. भारत नगर निवासी अशोक कुमार को वर्ष 2018 में सांडों ने बीच रास्ते घेर कर बुरी तरह से घायल किया था। घटना में उनका चूल्हा टूट गया था।
4. 2015 को भारत नगर की रहने वाली रतनो देवी को भी आवारा सांडों ने बुरी तरह से घायल करके छोड़ दिया था।
5. वार्ड नंबर 46 की कुमारी ज्योति जो उस समय बीए-भाग दो में पढ़ती थी को सांडों ने 2015 में घायल कर दिया था।
पशु को बेसहारा छोड़ने पर जुर्माने के हैं निर्देश, पर कार्रवाई जीरो
निगम की ओर से शहर की सड़कों को कैटल फ्री बनाने का दावा किया गया था और शहर से बेसहारा पशुओं को लिफ्ट कर डेयरीवाल कैटल पहुंचाने के लिए 4.90 लाख का टेंडर किया था, लेकिन उसका काम बीच में रुक गया है। इसके तहत पकड़े गए लावारिस पशुओं की टैगिग की गई थी और पशुओं को लावारिस छोड़ने वाले मालिकों को निगम की ओर से दो हजार रुपये जुर्माना लगाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन यह सब अब ठंडे बस्ते में है।
इधर, फसलों को भी नुकसान पहुंचा रहे जानवर
धार कलां तहसील में पड़ते विभिन्न गांवों के लोगों का मुख्य धंधा कृषि है और यह कृषि का धंधा धार ब्लाक में केवल बढि़या वर्षा पर ही आश्रित है। क्षेत्र में लगी धान की फसल लगभग पक चुकी है, लेकिन इस बीच किसान जंगली जानवरों से दुखी हु चुके हैं। किसान एवं सरपंच सुखनियाल रोशन लाल ने बताया कि रात भर जंगली जानवर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। रात के समय जहां जंगली गाय, सुअर, बंदर व अन्य जानवर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं तो वही दिन मे बेसहारा पशुओं ने उत्पात मचा रखा है। उन्होंने वाइल्ड लाइफ विभाग एवं जिला प्रशासन से भी अपील की है कि क्षेत्र के किसानों को सब्सिडी के आधार पर कांटेदार तार मुहैया करवाई जाए। किसान करवाएं तारबंदी, सरकार देगी पैसे : डीएफओ
डीएफओ राजेश गुलाटी ने बताया कि कंडी एरिया में जिन किसानों की फसलों को जंगली जानवर खराब कर रहे हैं वह उसकी सुरक्षा के लिए तारबंदी करवाएं। इसके लिए सरकार उन्हें पैसे देगी। उन्होंने कहा कि किसान सीमेंटड अथवा लकड़ी से तारबंदी करवा सकते हैं। इसके लिए किसान पहले अथवा बाद में कार्यालय में आकर अवगत करवा सकते हैं। फाइल के साथ उसे अपना आधार कार्ड लगाना होगा। इसके बाद विभागीय स्तर पर इसकी पैमाइश होगी और फिर केस हायर अथारिटी के पास जाएग। पारित होने के बाद पैसे सीधे उनके खातों में जाएंगे।