थानों में शिकायत के बाद केस दर्ज में लग जाता है समय, शिकायकर्ता परेशान
पठानकोट के पुलिस थानों में बहुत सारे ऐसे मामले हैं जिनकी शिकायत देने के लंबे समय बाद अभी तक लोगों को इंसाफ नहीं मिल पाया।
संवाद सहयोगी, पठानकोट
पठानकोट के पुलिस थानों में बहुत सारे ऐसे मामले हैं जिनकी शिकायत देने के लंबे समय बाद अभी तक लोगों को इंसाफ नहीं मिल पाया। शिकायत देने के बाद प्रत्येक व्यक्ति को जल्द ही इंसाफ मिलने की आशा रहती है परंतु जिले के कुछेक थानों का हाल यह है कि लोगों अपनी दी गई शिकायत के छह से एक साल तक इंतजार करना पड़ रहा है।
शिकायत के बाद छह माह से लेकर एक साल तक का इंतजार तो अब सामान्य सी बात हो चुकी है। ऐसे में शिकायतकर्ताओं की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। ये शिकायत की कापियां सिर्फ थानों की फाइलों तक ही सीमित है। इन-इन मामलों के लिए करना पड़ा लोगों को इंतजार-
पहला मामला
शिकायत दिसंबर-19 में दी, मामला दिसंबर 20 में हुआ दर्ज-
पठानकोट के दीपक कुमार ने पुलिस को 24 दिसंबर 19 को शिकायत दर्ज करवाई थी कि एआइएससीटी कालेज की ओर से उनसे बीएसआइ-टी में दाखिला लिया था। इसके बदले उनकी ओर से आरोपित विशाल हांडा को पूरी फीस दे दी गई थी। शिकायकर्ता का आरोप था कि इसके बदले हांडा ने उसे कर्नाटक की जाली मार्कशीट व जाली रोल नंबर देकर उसके साथ धोखाधड़ी की है। परंतु शिकायत मिलने के करीब एक साल बाद आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज हुआ।
दूसरा मामला-
फेसबुक पर न्यूड फोटो भेजने में पांच माह बाद दर्ज हुआ केस
पठानकोट की एक महिला ने राजू सिंह निवासी मोहाली के खिलाफ एसएएस नगर मोहाली के खिलाफ उसके फेसबुक अकाउंट पर न्यूड फोटो,पोर्न वीडियो व फोन कर उसे धमकाने का आरोप लगाया था परंतु शिकायत के करीब पांच माह बाद पुलिस की जांच पूरा हुई तथा आरोपित के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ।
तीसरा मामला-
31 लाख की ठगी के मामले में तीन माह बाद दर्ज हुआ केस
पठानकोट पुलिस का एक ऐसा ही मामला ध्यान में आया था जिसमें प्रीपेड बिजली मीटर लगाने के नाम पर 31 लाख रुपये की ठगी की। शिकायतकर्ता मुनीश सिगला का आरोप था कि आरोपित विशाल हांडा,नरेश हांडा, निताशा व सुमित कुमार ने साल 2018 में उसे फोन करके प्रीपेड मीटर लगाने का ठेका देने के एवज में उक्त 31 लाख रुपये देने का वायदा करते हुए ठगी की थी। पुलिस ने ये मामला चार दिसंबर 2020 को दर्ज किया था। किसी मामले में संशय होने पर पहले करवाई जाती है जांच
इस संबंध में एसएसपी गुलनीत खुराना ने कहा कि कुछेक मामलों पर संशय बना रहता है, उन्हीं मामलों में पहले शिकायत के बाद तफ्तीश करवाई जाती है तथा उसके बाद ही मामला दर्ज किया जाता है। वैसे भी सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है कि कोई संगीन क्राइम की शिकायत आने पर बड़ी मात्रा में डाक्युमेंट लेने पड़ते हैं, बाद में इनकी वेरीफेकेशन करवानी पड़ती है तथा इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि कोई मामले की शिकायत देरी से आई है तो इन सभी कारणों की जांच करने के बाद ही किसी पर मामला दर्ज किया जाता है। इसके अतिरिक्त शेष मामलों में यदि मौका क्लीयर हो तो उसी समय मामला दर्ज कर लिया जाता है।