सुजानपुर कौंसिल अध्यक्ष पद को लेकर सरगर्मियां तेज
नगर कौंसिल चुनावों में कांग्रेस पार्टी को सुजानपुर में बहुमत मिलने के बाद अध्यक्ष पद को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। सुजानपुर में 15 वार्डों में आठ कांग्रेस छह भाजपा व एक आजाद प्रत्याशी इस बार चुनाव जीते हैं।
संवाद सहयोगी, सुजानपुर : नगर कौंसिल चुनावों में कांग्रेस पार्टी को सुजानपुर में बहुमत मिलने के बाद अध्यक्ष पद को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। सुजानपुर में 15 वार्डों में आठ कांग्रेस, छह भाजपा व एक आजाद प्रत्याशी इस बार चुनाव जीते हैं। वार्ड नंबर 12 से आजाद उम्मीदवार सुरेंद्र मन्हास पार्षद के चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस पार्टी में शामिल होने उपरांत कांग्रेस में नौ पार्षदों की संख्या हो गई है। इसके इलावा विधायक जोगिदर पाल, विधायक दिनेश सिंह बब्बू का भी वोट पड़ेगा। पंजाब सरकार द्वारा गजट नोटिफिकेशन होने के बाद 15 अप्रैल को पहले पार्षदों को शपथ दिलाई जाएगी। उसके बाद उप प्रधान का चुनाव किया जाएगा। उसके साथ ही अध्यक्ष पद का चुनाव किया जाएगा, जिसको लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है।
कांग्रेस की बबली महाजन दूसरी बार पार्षद बनी हैं। इससे पहले उनके पति व वरिष्ठ कांग्रेस नेता विनय महाजन भी दो बार पार्षद रह चुके हैं। बबली महाजन का बेटा तौषित महाजन यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। बबली महाजन पार्षद बनने के बाद अध्यक्ष पद को अपने समर्थकों समेत मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर, प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़, मुख्यमंत्री के ओएसडी कैप्टन संदीप संधू, इसके ईलावा मंत्रियों तक पहुंच कर रहे हैं। जबकि, दूसरी तरफ अनुराधा बाली व उनके पति महिद्र बाली भी दूसरी बार चुनाव जीते हैं। बाली तीसरी बार पार्षद का चुनाव जीत प्राप्त की है। पिछली बार वह भाजपा के पार्षद थे। लेकिन, लोक सभा चुनाव के वक्त वह सुनील जाखड़ की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए थे। हाईकमान में सीनियर नेताओं से मिल कर वह भी प्रधान पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं। जबकि, कांग्रेस में शामिल होने वाले पार्षद सुरेंद्र मन्हास नगर कौंसिल उपाध्यक्ष के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। कांग्रेस आपसी लड़ाई में भाजपा पार्टी भी पैनी नजर रख कर जोड़-तोड़ की राजनीति करके अध्यक्ष पद पर पूर्व नगर कौंसिल अध्यक्ष राज कुमार गुप्ता की दावेदारी पेश कर सकती है। कांग्रेस पार्टी बहुमत मिलने के बाद भाजपा पार्षदों को जोड़-तोड़ की राजनीति कर सकती है। जबकि, भाजपा कांग्रेस पार्षदों को सेंध लगाने का प्रयास करेगी। अब देखना है कि नगर कौंसिल अध्यक्ष पद के लिए जिम्मेदारी किसको मिल सकती है। यह तो आने वाला समय ही बताएगा।