पाटेश्वर धाम को गिराने का नोटिस जारी करना षडयंत्र
शिवसेना पंजाब की एक विशेष बैठक सैली रोड स्थित कार्यालय में हुई। इसमें मुख्यातिथि के रूप में हिमाचल प्रभारी सतीश महाजन ने शिरकत की।
संवाद सहयोगी,पठानकोट : शिवसेना पंजाब की एक विशेष बैठक सैली रोड स्थित कार्यालय में हुई। इसमें मुख्यातिथि के रूप में हिमाचल प्रभारी सतीश महाजन ने शिरकत की। इस मौके पर सतीश महाजन ने पाटेश्वर धाम को गिराने के लिए जारी हुए नोटिस की कड़ी शब्दों में निदा की। उनकी ओर से इस संबंधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक प्रार्थना पत्र भी भेजा है जिसमें लाखों लोगों की श्रद्धा के साथ जुड़े स्थल को गिराने के जारी हुए नोटिस पर रोक लगाने की अपील की गई है। महाजन ने कहा कि भारतवर्ष के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल व छत्तीसगढ़ के बालोद जिले स्थित पाटेश्वर धाम को गिराने के लिए वहां से डीएफओ ने नोटिस जारी किया है।
उन्होंने कहा कि ये नोटिस पहले 11 सितंबर 2020 को जारी किया गया था। दूसरा नोटिस 7 नवंबर 20 को दिया गया है। सतीश महाजन ने कहा कि यह धार्मिक स्थल 1975 में परम पूज्य सदगुरु श्री राज योगी बाबा जी की ओर से शुरू किया गया था। बाबा जी की तपस्थली होने के साथ-साथ संत राम बालक दास जी 1986 में 9 वर्ष की आयु से गुरुजी के साथ रहकर इस स्थान पर सेवा में रहे हैं जिसमें अब 25 करोड़ रुपये की लागत से मां कौशल्या, जन्मभूमि का निर्माण, पंचमुखी हनुमान मंदिर व साथ में गौशाला, सीता रसोई विद्यालय इत्यादि निर्मित है। इस निर्माण पर अभी तक करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं । बड़े-बड़े साधु संत, धर्म आचार्य, व शंकराचार्य का आगमन भी जहां हो चुका है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी इस स्थल का दौरा कर चुके हैं। छत्तीसगढ़ में बहुत से देवस्थल फारेस्ट भूमि पर निर्मित हो चुके हैं लेकिन पाटेश्वर धाम को नोटिस देना एक षड्यंत्र लगता है। उन्होंने डीएफओ की इस कार्रवाई की कड़े शब्दों में निदा की है। साथ ही प्रशासन को चेतावनी दी है कि भारत के सनातनी भक्तों की परीक्षा न ली जाए। प्रशासन की ओर से तुरंत इस भूमि का पट्टा संस्थान के नाम किया जाए ताकि भक्त लोग शांति से आ सके । यदि इसी प्रकार की संस्थान को क्षति पर जाने की प्रशासन ने हिम्मत की तो शिवसेना की ओर से पूरे भारतवर्ष में बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।