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जिले में 5500 नेपालियों के पास नहीं है पहचानपत्र, कैसे होगी इनकी वैक्सीनेशन?

जिले में करीब 5500 नेपाली हैं। इनमें से साढ़े तीन से चार हजार लोग छह माह बाद अपने देश लौट जाते हैं। कुछ दिन अपने परिवार के साथ समय बीताने के बाद फिर वापस आ जाते हैं। यहां पर उनका छोटा-मोटा रोजगार जैसे फास्ट फूड की रेहड़ी लगाना अंडे बेचना होटलों में काम करना या रात को चौकीदारी करती हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 10:34 PM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 10:34 PM (IST)
जिले में 5500 नेपालियों के पास नहीं है पहचानपत्र, कैसे होगी इनकी वैक्सीनेशन?
जिले में 5500 नेपालियों के पास नहीं है पहचानपत्र, कैसे होगी इनकी वैक्सीनेशन?

जागरण संवाददाता, पठानकोट : महामारी के इस दौर में जहां जिले में सभी की वैक्सीनेशन के लिए सेहत विभाग दिन रात एक करने में लगा है, हमारे समाज में रह रहा एक तबका ऐसा भी है जो वैक्सीनेशन से वंचित हैं। हम यहां नेपाल से आकर जिले में मेहनत-मजदूरी करने वाले लोगों की बात कर रहे हैं। इनके पास कोई भारतीय पहचान पत्र तक नहीं है, जिस कारण इनकी वैक्सीनेशन नहीं हो पा रही है। इस वजह से इनके साथ-साथ स्थानीय लोग भी परेशान और भयभीत हैं और प्रशासन से कोई वैकल्पिक मार्ग ढूंढने की मांग कर रहे हैं।

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एक अनुमान के मुताबिक जिले में करीब 5500 नेपाली हैं। इनमें से साढ़े तीन से चार हजार लोग छह माह बाद अपने देश लौट जाते हैं। कुछ दिन अपने परिवार के साथ समय बीताने के बाद फिर वापस आ जाते हैं। यहां पर उनका छोटा-मोटा रोजगार, जैसे फास्ट फूड की रेहड़ी लगाना, अंडे बेचना, होटलों में काम करना या रात को चौकीदारी करती हैं। बाकी एक से डेढ़ हजार लोग साल या डेढ़ साल बाद जाते हैं।

कोरोना के प्रथम चरण में लगी पाबंदी के कारण इनमें से अधिकतर लोग अपने घर वापस चले गए थे। हिदायतों में ढील के बाद ये लोग वापस आ गए। कुछ समय बाद दूसरी लहर आ गई और ये वापस नहीं गए। इस कारण इन लोगों की वैक्सीनेशन नहीं हो पाई है। अब जब इतने व्यापक स्तर पर टीकाकरण किया जा रहा है। लोग खुद वैक्सीनेशन के लिए जागरूक हो रहे हैं और टीकाकरण के लिए विभिन्न सेंटरों पर पहुंच रहे हैं तो वैक्सीनेशन को लेकर ये लोग भी चितित हैं। लोग बोले- प्रशासन को इस बारे में सोचना चाहिए

खानपुर निवासी प्रेम मेहता बताती हैं कि ये लोग केवल रेहड़ी ही नहीं चलाते। काफी महिलाएं घरों में काम करती है। वैक्सीन सभी के लिए जरूरी है। कोरोना की तीसरे लहर की संभावना व्यक्त की जा रही है। इसपर रोक के लिए वैक्सीनेशन जरूरी है। इनके पास आधार कार्ड नहीं है आखिर वैक्सीन किस प्रकार लगाई जाएगी। प्रशासन को इस बारे में सोचना चाहिए।

व्यापार मंडल पठानकोट के प्रधान अमित नैय्यर ने कहा कि यह समस्या पूरे देश की है। ये लोग दुकानों, घरों में काम करते हैं। मजदूर तबके के लोग हैं, यहीं से कमाते खाते है। वैक्सीनेशन जरूरी है। सरकार को इस विषय में ठोस कदम उठाने चाहिए। इस मसले को लेकर डीसी से मिलेंगे। कोई अलग से पालिसी लाने की मांग की जएगी। स्टेट वीसी में रखेंगे मसला: डा. दरबार राज

जिला टीकाकरण अधिकारी डा. दरबार राज का कहना है कि यह समस्या हमारे लिए भी चितनीय है। एक दो शिकायत हमारे पास भी आई है। इस समस्या को शुक्रवार को ही स्टेट वीसी में रखेंगे। जरूर कोई न कोई निदान निकलेगा। सभी को वैक्सीन लगाने पर हमारा जोर है। 505051 लोगों का हो चुका टीकाकरण

कुल वैक्सीनेशन- अब तक

उम्र वर्ग प्रथम डोज- दूसरा डोज

18-44 साल -188000-53457

45-60 साल-98804-51456

60 साल से अधिक-60734-16743

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वीरवार को हुई वैक्सीनेशन

उम्र- प्रथम डोज- दूसरा डोज

18-44 साल-3341-1659

45-60 साल-346-348

60 साल से अधिक-42-40

कुल वैक्सीनेशन- 5678

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कोविड अपडेट: चार लोग आए पाजिटिव

चार लोग और कोरोना पाजिटिव मिले हैं। सभी को होम आइसोलेट किया गया है। सेहत विभाग के पास वीरवार को आई रिपोर्ट के अनुसार एक भी मरीज स्वस्थ नहीं हुआ है। सिविल सर्जन डा. हरजिदर सिंह ने बताया कि अब तक कुल 18682 लोग पाजिटिव आ चुके हैं। 18238 लोग स्वस्थ भी हुए हैं। उन्होंने बताया कि जिले में अभी 27 एक्टिव केस है। अब भी लोगों को सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है। कोरोना का बढ़ता ग्राफ चितनीय है। समझदारी और जागरूकता से इसपर हमलोग रोक लगा सकते हैं। शारीरिक दूरी बनाकर रखें। सबसे अच्छी बात यह है कि कोरना से मौत का आंकड़ा पूरी तरह से रुक गया है।


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