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केंद्रीय आम बजट पर विभिन्न वर्ग से संबंधित लोगों की प्रतिक्रिया

जागरण संवाददाता, पठानकोट : 1 फरवरी को केंद्र की एनडीए सरकार अपना चौथा आम बजट पेश करने वाली है। वित्त

By JagranEdited By: Published: Wed, 31 Jan 2018 01:14 AM (IST)Updated: Wed, 31 Jan 2018 01:14 AM (IST)
केंद्रीय आम बजट पर विभिन्न वर्ग से संबंधित लोगों की प्रतिक्रिया
केंद्रीय आम बजट पर विभिन्न वर्ग से संबंधित लोगों की प्रतिक्रिया

जागरण संवाददाता, पठानकोट : 1 फरवरी को केंद्र की एनडीए सरकार अपना चौथा आम बजट पेश करने वाली है। वित्त मंत्री अरुण जेतली से इस बार देशवासियों को बड़ी उम्मीद हैं कि वह कुछ ऐसा करेंगे जिसका जनता को बड़ी बेसब्री से इंतजार है। अपने चौथे बजट में वित्त मंत्री अरुण जेतली क्या कुछ नया लेकर आएंगे और लोगों को उनसे क्या-क्या उम्मीद हैं को लेकर विभिन्न वर्ग के लोगों से बात की जिन्होंने अपने विचार इस कदर पेश किए।

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व्यापारी रीढ़ की हड्डी है उसके लिए विशेष पैकेज बनाया जाए। जीएसटी लागू करने से पहले व्यापारियों का पिछला बकाया जो सरकार से लेना है वह जल्द से जल्द वापिस करे। जीएसटी से आने वाले समय में लाभ होगा। मध्यवर्गीय व्यापारियों के लिए भी सरकार विशेष पैकेज बनाए।

सुशील सैनी, बिजनेसमैन

डीजल के रेट घटाने पर जोर दिया जाए। ई बे बिल की मियाद 50 हजार से बढ़ाकर 3 लाख की जाए। व्यापार जगत के उत्थान को लेकर विशेष पैकेज बनाना चाहिए। बंद पड़े उद्योग को पुर्नजीवित करने पर सरल नीति बनाई जाए।

अमित नय्यर, बिजनेसमैन

शिक्षा सस्ती होनी चाहिए। इंकम टैक्स की राशि को बढ़ाया जाए। कर्मचारियों की बंद पड़ी पेंशन योजना को फिर से बहाल किया जाए। मैरिट में आने वाले बच्चों की पढ़ाई निशुल्क होनी चाहिए। विद्यार्थियों के लिए सुविधाओं पर अधिक जोर दिया जाए।

हरेश सैनी, अध्यापक

शिक्षित युवाओं के लिए सरकारी न सही कारपोरेटर में रोजगार पैदा किया जाए। निर्धन परिवार से संबंधित होशियार विद्यार्थियों को बढि़या स्कूलों में निशुल्क दाखिला मिलना चाहिए। स्टेशनरी व शिक्षा से संबंधित सामग्री सस्ती होनी चाहिए।

राकेश कुमार, अध्यापक

मेडिसनल वस्तुओं पर टैक्स कम होना चाहिए। डॉक्टरों को टैक्स में राहत देनी चाहिए। दवाइयों के रेट कम करने पर विशेष योजना बनाई जाए। इंकम टैक्स की निर्धारित राशि को बढ़ाया जाए। दवाइयों के रेट में कमी सबसे जरूरी है।

डॉ. जेसी कुंडा

मेडिकल कार्यों में इस्तेमाल होने वाले सामान पर टैक्स कम किया जाए। डाक्टरों के लिए भी विशेष राहत होनी चाहिए, उन्हें राहत मिलेगी तो ही मरीजों को राहत मिल पाएगी। डॉक्टरों को सीनियर सीटिजनों की भांति सभी प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जाए।

डॉ. जितेंद्र छाबड़ा

फसल का पूरी तरह से बीमा पालिसी को यकीनी बनाया जाए। कृषि के क्षेत्र में इस्तेमाल होनी वाली वस्तुओं को टैक्स फ्री रखा जाए। कुदरती आफता से निपटने के लिए किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जाए। डीजल-पेट्रोल के रेट में बढ़ोतरी न की जाए।

विक्रम ¨सह विक्कू, किसान

किसानों को कम दरों पर बढिया संसाधन मुहैया करवाए जाए। डीजल-पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए। 60 फीसद लोग जिमींदारी के धंधे में संलिप्त है जिसे ध्यान में रख कर बजट होना चाहिए। किसानों के लिए चल रही पालिसी से भी बेहतर पालिसी पर ध्यान दिया जाए।

जगपाल ¨सह बिट्टू, किसान

खाद्य पदार्थों के रेट में बढ़ोतरी न की जाए। रसोई का बजट न बिगड़े इस पर जरुर ध्यान दिया जाए। सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रख कर बजट पेश होना चाहिए। किसी भी वर्ग पर ज्यादा बोझ न डाला जाए।

राज कुमारी, गृहणी

महिलाओं के सामान को टैक्स फ्री बनाया जाए। लगातार बढ़ते रसोई बजट पर अंकुश लगाया जाए। खाद्य पदार्थों पर लगने वाले टैक्स को कम किया जाए। रोजगार के साधन बढ़ाए जाएं।

आशा रानी, गृहणी


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