10वीं के विद्यार्थी 5 फरवरी को देंगे दो घंटे का पेपर
राज चौधरी, पठानकोट : 5 फरवरी को जिला स्तर पर सरकारी, प्राइवेट, एडिड, केंद्रीय तथा कॉन्वेंट के दसवीं
राज चौधरी, पठानकोट : 5 फरवरी को जिला स्तर पर सरकारी, प्राइवेट, एडिड, केंद्रीय तथा कॉन्वेंट के दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को दो घंटे का एक पेपर देना होगा। प्रत्येक स्कूल के 50 बच्चे इस परीक्षा में बैठेंगे। इस पेपर से नेशनल कंसल्टेंट ऑफ एजुकेशन एंड रिसर्च ट्रे¨नग के तहत बच्चों का एजुकेशन लेवल यानि शिक्षा का स्तर कितना है, इसका पता लगाया जाएगा। जिले भर के दसवीं कक्षा के 80 स्कूलों के 4000 से अधिक विद्यार्थियों की औचक परीक्षा होगी। सभी स्कूलों में 10वीं के विद्यार्थियों व उन्हें पढ़ाने वाले अध्यापकों को 5 फरवरी को छुंट्टी न करने के लिए हिदायतें दी जा रही हैं। इस परीक्षा के तहत इन विद्यार्थियों में शिक्षा के स्तर तथा बच्चों की रूचि का पता लगाया जाएगा। इस परीक्षा की सारी रिपोर्ट तैयार कर विभाग की ओर से कलमबद्ध कर ली जाएगी। इस परीक्षा के आधार पर ही जिले को ग्रांट के रूप में फंड तथा अन्य सुविधाएं मुहैया करवाई जाएगी। इस परीक्षा को सिरे चढ़ाने के लिए जिला शिक्षा विभाग की ओर से काम शुरू कर दिया गया है। डीईओ की ओर से जिले भर के स्कूल मुखियों से बैठकों का लगातार दौर चल रहा है। एक फरवरी को टेस्ट लेने वाले 170 से अधिक स्टाफ तथा शिक्षा अधिकारियों की विशेष रूप से ट्रे¨नग रखी गई है। इस ट्रे¨नग में स्टाफ को परीक्षा के नियम तथा अन्य पहलुओं से अवगत करवाया जाएगा।
विद्यार्थियों व अध्यापकों की उपस्थिति अनिवार्य
परीक्षा के दौरान दसवीं कक्षा का कोई भी विद्यार्थी छुट्टी पर न रहें तथा दसवीं कक्षा को पढ़ाने वाले प्रत्येक अध्यापक की हाजरी भी अत्यंत जरूरी है। ऐसे में यदि स्कूल का विद्यार्थी व अध्यापक छुट्टी पर पाया गया तो ऐसे में स्कूल मुखी व प्रबन्धक कमेटी पर शिक्षा विभाग की ओर से कार्रवाई की जाएगी।
एनसीआरटी की होगी जिम्मेदारी
परीक्षा को सिरे चढ़ाने की सारी जिम्मेदारी एनसीआरटी की रहेगी। बच्चों से ओएमआर शीट देकर उनसे प्रश्न पूछे जाएंगे। इन शीट्स को गुप्त ढंग से चंडीगढ़ स्थित शिक्षा विभाग में जमा कर इसका आंकलन किया जाएगा।
80 टीमों का किया गया गठन
जिला शिक्षा अधिकारी रविन्द्र शर्मा ने कहा कि जिन स्कूलों में ये परीक्षा होगी, उनका चयन भी एमएचआरडी की ओर से गया है। प्रत्येक स्कूल के दसवीं कक्षा के करीब पचास विद्यार्थी इस परीक्षा का हिस्सा बनेंगे। इससे इस बात का भी पता लग पाएगा कि आखिरकार वह कौन से कारण है जो बच्चों की परीक्षा को प्रभावित करते हैं। इस सारे कार्य को सिरे चढ़ाने के लिए जिला साइंस सुपरवाइजर राजेश्वर सलारिया, एमआइएस को-ऑर्डिनेटर मुनीश गुप्ता तथा धार से मेथ्स लेक्चरार राजेश कुमार को खास तौर पर मनोनीत किया गया है। इसके साथ ही 80 टीमें गठित की गई हैं जिसमें लगभग 160 उच्च शिक्षित स्टाफ तथा 10 अन्य अध्यापकों को बतौर रिजर्व स्टाफ के रूप में रखा गया है। विभागीय स्तर पर सारी तैयारियां लगभग पूरा कर ली गई है।