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सर्वे करवाकर गलत जानकारी देने वाले धारकों पर शिकंजा कसेगा निगम

विनोद कुमार, पठानकोट : पांच मरला से कम जगह दिखाकर सरकार की विभिन्न सुविधाओं का लाभ ले रहे उपभोक्ताओं

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Jan 2018 01:15 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jan 2018 01:15 AM (IST)
सर्वे करवाकर गलत जानकारी देने वाले धारकों पर शिकंजा कसेगा निगम
सर्वे करवाकर गलत जानकारी देने वाले धारकों पर शिकंजा कसेगा निगम

विनोद कुमार, पठानकोट : पांच मरला से कम जगह दिखाकर सरकार की विभिन्न सुविधाओं का लाभ ले रहे उपभोक्ताओं का निगम ने पुन: सर्वे करवाने की योजना तैयार कर ली है। इसके लिए निगम की वाटर-सप्लाई एवं सीवरेज ब्रांच ने हायर अथॉरिटी को अवगत करवाने के बाद टीमों का गठन करने पर काम शुरू कर दिया है। हालांकि, उक्त काम फरवरी महीने शुरू किया जाना था लेकिन नए जुड़े एरिया की वाटर-सप्लाई को हैंड ओवर करने की बात की वजह से यह एक माह लेट होगा। सर्वे के दौरान टीम उससे 16 प्रकार की जानकारियां हासिल करेगी। हालांकि, अपने स्तर पर पिछले दस माह के दौरान निगम ने शहर के विभिन्न एरिया में चे¨कग के दौरान 102 ऐसे धारक पाएं हैं जो गलत जानकारी देकर सुविधाओं का लाभ उठा रहे थे। इस बात की पुष्टि नगर निगम की वाटर सप्लाई एवं सीवरेज ब्रांच के इंस्पेक्टर अश्विनी शर्मा ने की है। जानकारी के अनुसार पठानकोट नगर निगम की कुल 2.84 लाख आबादी में से शहर की 1.85 लाख आबादी है। निगम की ओर से अभी तक केवल शहरी आबादी वाले उपभोक्ताओं से ही पानी व सीवरेज बिलों की सीधे तौर पर वसूली कर रहा है। शहर में कुल 27 हजार उपभोक्ता हैं जिसमें से 19 हजार उपभोक्ताओं को सरकार के नियमों की ओर से छूट मिली हुई। यानि की 27 हजार उपभोक्ताओं में मात्र 8600 उपभोक्ता ही पानी व सीवरेज का बिल भरते हैं। इसके अलावा निगम का हिस्सा बने 18 गांवों की वाटर सप्लाई को नगर निगम ने हैंड ओवर करने के बाद जन सेहत व नाबार्ड से कहा है कि वह बकाया धारकों से बकाया एकत्र कर उन्हें जमा करवाए ताकि वह उक्त फंड से जो थोड़ा बहुत काम है उसे पूरा करवा सकें। राज्य सरकार की ओर से शहरी आबादी में 5 मरले से कम जगह वाले मकानों को पिछले दस सालों से सीवरेज व पानी बिलों में छूट दे रखी है।

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एक माह में 15 इलीगल सहित 102 की हुई पहचान

वाटर सप्लाई व सीवरेज ब्रांच के अधिकारियों का कहना है कि 2006 में प्रदेश की तत्कालीन सरकार ने शहरी आबादी में पांच मरला जमीन में रहने वालों को सीवरेज व पानी के बिलों में छूट दे दी थी। इसी बात का फायदा उठाते हुए कई लोगों ने नगर कौंसिल/नगर निगम को पांच मरले का शपथ देकर बिल माफ करवा लिए थे। इनमें से कई लोगों ने गलत हलफिया ब्यान देकर यह सुविधा प्राप्त की थी। नगर कौंसिल से निगम बनने के बाद स्टाफ में बढ़ोतरी होने के बाद पिछले वर्ष उक्त धारकों को चेक करने का काम शुरू किया गया। ब्रांच अधिकारियों का कहना है कि शहर के राम शरणम, रा¨जद्र नगर, भारत नगर, एमसी कालोनी, घरथौली मोहल्ला, पटेल नगर, मोहल्ला चाजियां, मोहल्ला ओहरियां, गुरदासपुर रोड, अबरोल नगर व शास्त्री नगर एरिया में स्पेशल ड्राइव चलाकर 102 लोगों को गलत जानकारी देने पर जुर्माना व बनता बिल वसूला गया। उक्त धारकों से निगम ने अब तक 22 लाख रुपये की वसूली की है।

सर्वे की जरूरत इसलिए हुई महसूस

निगम की वाटर सप्लाई एवं सीवरेज विभाग के सूत्रों का कहना है कि छह माह पहले निगम ने जब इलीगल कनेक्शन धारकों की पहचान करने का काम शुरू किया था तो एक व्यकित ऐसा पाया गया जिसने हलफनामे में तो अपना प्लाट पांच मरले बताया था। लेकिन, चे¨कग करने पर वह छह मरले पाया गया। इसके बाद उक्त उपभोक्ता को जुर्माना किया गया और सिक्योरिटी व जुर्माना भरने के बाद ही उसका दोबारा कनेक्शन शुरू किया गया। सूत्रों का कहना है कि इसी बात को ध्यान में रखते हुए निगम प्रशासन ने सभी छूट पाने वाले धारकों को चेक करने की योजना तैयार की। योजना के अनुसार पिछले एक माह के भीतर 12 कनेक्शन पाए जो सुविधा के लिए वैध नहीं थे। इसी दौरान निगम प्रशासन ने सुविधा पाने वाले सभी धारकों के नाम कप्यूटर में फीड किए तथा उनकी लिस्ट बनाने का काम शुरू किया गया है जिस पर काम चल रहा है।

नगर निगम की वाटर-सप्लाई एवं सीवरेज टैक्स ब्रांच के इंस्पेक्टर अश्वनी शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक शहरी आबादी में नए मरलों (225 स्केयर फीट मरला और कुल 1125 स्केयर फीट वाले प्लाट) में रहने वाले केवल उन उपभोक्ताओं को ही इसमें छूट हैं। अगर पांच मरले वाला उपभोक्ता पुराने मरलो (275 स्केयर फीट वाले प्लाट) धारक को इस सुविधा का लाभ नहीं है। उन्होंने साफ किया कि अगर 10 मरले प्लाट में किसी परिवार ने सुविधा के लिए दो कनेक्शन अलग-अलग करवाकर लाभ उठा रहे हैं उन्हें भी यह लाभ तब मिलेगा जब वह दो कनेक्शनों के बीच पार्टशियन (दीवार) बनाएंगे अगर वह ऐसा नहीं करते तो एक साथ रह रहे हैं तो वह इसके लिए मान्य नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि निगम का हिस्सा बने नए एरिया से संबंधित वाटर सप्लाई को हैंड ओवर लेने के बाद उक्त एरिया से संबंधित लोगों से अब निगम पानी का बिल प्राप्त करेगा। इसके अलावा नए जुड़े एरिया व शहर में पांच मरला के धारकों का पुन: सर्वे करवाया जाएगा ताकि गलत जानकारी देकर लाभ लेने वालों पर बनती कार्रवाई की जाएगी।

विनोद कुमार, पठानकोट।


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