सभी के सहयोग से लगेगी अवैध शराब पर रोक
प्रदेश में सरकार द्वारा नशे के खिलाफ मुहिम चलाए जाने के बावजूद अवैध नशे का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है।
जयदेव गोगा, नवांशहर : प्रदेश में सरकार द्वारा नशे के खिलाफ मुहिम चलाए जाने के बावजूद अवैध नशे का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। अमृतसर में थाना तरसिक्का के तहत पड़ते गांव मुच्छल में जहरीली शराब पीने से 38 लोगों की मौत हो गई। ऐसे ही पिछले दिनों तरनतारन के गांव रटौल में अवैध देसी देसी शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई और एक व्यक्ति की आंखों की रोशनी चली गई। लोगों का कहना है कि कोरोना वायरस के चलते प्रदेश सरकार को नशाखोरी के दुष्परिणामों के बारे में और ज्यादा जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।
सरकार लगाए अवैध शराब पर रोक
भाजपा की जिला प्रधान पूनम माणिक का कहना है कि आए दिन प्रदेश में अवैध शराब का धंधा जोर पकड़ता जा रहा है। पंजाब सरकार को कोरोना काल में जल्द से जल्द अवैध शराब के धंधे पर रोक लगानी चाहिए। जो लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं, वे अपने परिजनों को ऐसा जख्म देते हैं, जिसे कभी पूरा नहीं किया जा सकता है।
नशे से हुए नुकसान की कौन करेगा भरपाई
व्यवसायी राकेश कुमार चैतल का कहना है कि किसी भी प्रकार के नशे से होने वाले नुकसान की भरपाई किसी भी कीमत पर नहीं की जा सकती। नशीले पदार्थों के सेवन की वजह से व्यक्ति को जो नुकसान सहना पड़ता है, उसे तो किसी भी कीमत पर पूरा नहीं किया जा सकता। इसके लिए तो संयम ही सबसे कारगर उपाय है।
पुलिस को लोग करें सहयोग
हेड मास्टर रमेश चंद्र मुरगई का कहना है कि पिछले कुछ समय से नशे के खिलाफ जागरूकता बढ़ी है। नशे के लिए बदनाम गांवों में अवैध धंधे में लिप्त लोगों को उजागर किया जा रहा है। अगर सभी आपसी तालमेल से काम करें तो अवैध धंधों पर अंकुश लगाया जा सकता है।
युवा व समाजसेवी आएं आगे
प्रिसिपल विक्रमजीत सिंह का कहना है कि नवांशहर व आसपास के क्षेत्रों में भी कई युवाओं को अवैध नशों की तल लगी हुई है। इसे रोकने के लिए सभी के सहयोग की जरूरत है। समाज सेवियों, अभिभावकों व अध्यापकों को, युवाओं का जीवन बचाने के लिए, समय-समय पर नशे के खिलाफ मुहिम में अपनी भागीदार निभाते रहना चाहिए।