Move to Jagran APP

कैसे मिलेगी जलभराव से मुक्ति, जब सीवरेज प्लांट की क्षमता ही है कम

थोड़ी सी बारिश होने पर भी शहर की गलियों व बाजारों में पानी भर जाता है। अगर बारिश तेज हो तो यह पानी कई फुट तक भर जाता है

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 11:55 PM (IST)Updated: Sun, 12 Sep 2021 11:55 PM (IST)
कैसे मिलेगी जलभराव से मुक्ति, जब सीवरेज प्लांट की क्षमता ही है कम
कैसे मिलेगी जलभराव से मुक्ति, जब सीवरेज प्लांट की क्षमता ही है कम

जागरण संवाददाता, नवांशहर :

loksabha election banner

थोड़ी सी बारिश होने पर भी शहर की गलियों व बाजारों में पानी भर जाता है। अगर बारिश तेज हो तो यह पानी कई फुट तक भर जाता है, जिससे लोगों को अपने घरों से निकलने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोगों की मानें तो इसकी वजह शहर में लगाया गया कम क्षमता वाला सीवेज प्लांट है।

जलभराव के कारण कभी-कभी तो हालात ऐसे हो जाते हैं कि घंटों तक लोग पानी की निकासी होने के इंतजार में अपने घरों में ही कैद होकर रह जाते हैं। इसके साथ ही शहर का कारोबार भी प्रभावित होता है। शहर के सीवरेज की सफाई न होने और सीवरेज के लिए बिछाई गई पाइपों को चौड़ाई कम होने से निकासी न होने के कारण कई दिनों तक यहां कि सड़कों पर पानी भरा रहता है। इससे लोगों को परेशानी तो होती ही है, सड़कें भी खराब होती हैं। सीवरेज प्लांट की क्षमता छह एमपी

सीवरेज प्लांट की कम क्षमता से थोड़ी सी बारिश के बाद शहर में पानी जमा हो जाता है। नगर कौंसिल की ओर से जो सीवरेज प्लांट लगाया है उसकी क्षमता महज छह एमपी है। शहर की लगातार बढ़ रही जनसंख्या व सीवरेज के पाइपों को देखते हुए यहां कम से कम 25 एमपी क्षमता के सीवरेज प्लांट की आवश्यकता है। क्षमता कम होने के कारण बारिश के पूरे पानी को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट उठा नहीं पाता है। जिसके कारण बारिश होने के तीन-चार घंटे बाद भी सड़कों व गलियों में पानी जमा रहता है। मजबूरी में लोग अपने घरों में कैद होकर रह जाते हैं।

शहर में एक ही डिस्पोजल

बात करें डिस्पोजल की तो पूरे शहर के लिए मात्र एक ही डिस्पोजल है। जबकि शहर में सीवरेज की संख्या के हिसाब से एक डिस्पोजल काफी नहीं है। लोगों का कहना है कि शहर में कम से कम चार डिस्पोजल होनी चाहिए। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से पहले सीवरेज का पानी डिस्पोजल में जाता था वहां से उसे बेंई में छोड़ दिया जाता था। अब सीवरेज ट्रीटमेंट की कम क्षमता के कारण थोड़ा थोड़ा पानी ही बेंई में जाता है। समस्या का नहीं होता समाधान: पार्षद

इस संबंध में अकाली दल के पार्षद परम सिंह खालसा का कहना है कि वे कई वर्षों से सीवरेज प्लांट की कम क्षमता के मुद्दे को उठा चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बार होने वाली नगर कौंसिल की बैठक में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया जाएगा ताकि शहर वासियों को इस परेशानी से निजात दिलाई जा सके।

कौंसिल के अधिकारियों से की जाएगी चर्चा

नगर कौंसिल के अध्यक्ष सचिन दीवान का कहना है कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता को बढ़ाने के लिए नगर कौंसिल के अधिकारियों से विचार-विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बारे में प्लान तैयार किया जाएगा की क्षमता बढ़ाने में कितना खर्च आएगा उसके हिसाब से इस योजना पर काम किया जाएगा।

करवाई जाती है सीवरेज की सफाई : कार्यकारी अधिकारी

नगर कौंसिल के कार्यकारी अधिकारी अपरअपार सिंह का कहना है कि शहर में सीवरेज की सफाई करवाई जाती है। उन्होंने कहा कि बरसातों से पहले ही इसकी सफाई करवा दी जाती है ताकि पानी गलियों व सड़कों पर जमा ना हो।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.