नशे या किसी अन्य लालच में न आएं मतदाता
विधानसभा चुनाव के एलान के बाद लगाई आदर्श चुनाव संहिता के दौरान जिले में भी अवैध शराब की बरामदगी के कई मामले सामने आ रहे हैं।
जयदेव गोगा, नवांशहर: विधानसभा चुनाव के एलान के बाद लगाई आदर्श चुनाव संहिता के दौरान जिले में भी अवैध शराब की बरामदगी के कई मामले सामने आ रहे हैं। लोगों का मानना है कि चुनावों में इस आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता कि मतदाताओं को लुभाने के लिए कहीं न कहीं नशे का इस्तेमाल हो सकता है। निष्पक्ष चुनाव के लिए नशे की तस्करी व तस्करों पर लगाम लगाया जाना बड़ा जरूरी है। प्रिसिपल ईश्वर चंद्र का कहना है कि सरकारें यह दावे करती रही हैं कि नशे की तस्करी पर लगाम लगाई गई है, पर जमीनी हकीकत इसके बिलकुल उल्ट है। नशे के कारोबार पर पूरी तरह से अंकुश नहीं लग पाया है। सरकार को चुनाव के दौरान इस मामले में गंभीरता काम लेना चाहिए। सीनियर सिटीजन बंसी लाल का कहना है कि ज्यादातर सिसायी दल जनता को मुफ्तखोरी का चस्का लगाने में यकीन करते हैं और इसी में अपनी कामयाबी देखते हैं। चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए शराब आदि का सहारा लेते हैं। इसलिए प्रशासन को अवैध शराब के कारोबारियों के खिलाफ शिकंजा कसने के लिए अधिक टीमें तैनात करनी चाहिए। रिटायर्ड बैंक अधिकारी प्रेम मल्होत्रा का कहना है कि पंजाब में पिछले विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए राजनेताओं की तरफ से शराब व राशन आदि बांटने की शिकायतें सामने आई थीं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि ऐसी बातों से हमारा लोकतंत्र कमजोर होता है। लोकतंत्र की मजबूती के लिए बिना किसी लालच के निष्पक्ष चुनाव होना बहुत जरूरी है। व्यवसायी कपिल शारदा का कहना है कि शराब यह अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले चुनावी दिनों का फायदा उठाते हैं। वोटर को किसी तरह के लालच में आकर मतदान नहीं करना चाहिए। सरकार को भी नशा मुक्त समाज के लिए कडे़ फैसले लेने चाहिए।