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प्रकृति की रक्षा व सरंक्षण से ही मानवता का उत्थान संभव : शास्त्री

एसकेटी प्लांटेशन की टीम शहर में लगातार पर्यावरण संरक्षण के काम कर रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 04:58 PM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 04:58 PM (IST)
प्रकृति की रक्षा व सरंक्षण से ही मानवता का उत्थान संभव : शास्त्री
प्रकृति की रक्षा व सरंक्षण से ही मानवता का उत्थान संभव : शास्त्री

जागरण संवाददाता, नवांशहर : एसकेटी प्लांटेशन की टीम शहर में लगातार पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इसी क्रम में शहर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के कथा व्यास श्री अतुल कृष्ण शास्त्री ने अपने जन्मदिवस के अवसर पर एसकेटी प्लांटेशन टीम के साथ मिलकर पर्यावरण के संरक्षण के के लिए प्रेरित किया।

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इस मौके पर शास्त्री जी ने अपने पर्यावरण संरक्षण संदेश में कहा कि प्रकृति ही मानवता का मूल आधार है, हम प्रकृति के साथ जुड़ें व प्रकृति का सरंक्षण करें। प्रकृति की रक्षा एवम सरंक्षण से ही मानवता का उत्थान संभव है। प्रकृति के बिना मानव जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। इसलिए सभी पर्यावरण एवम प्रकृति के लिए आगे आए। आप अपना जन्मदिन, शादी की वर्षगांठ, पूर्वजों की पुण्यतिथि आदि को पौधरोपण करके मना सकते हैं। इसलिए हम सभी आज संकल्प ले कि हर खुशी के मौके को पौधरोपण से जोड़ते हुए पर्यावरण सरंक्षण करेंगे।

श्री अतुल कृष्ण शास्त्री जी ने कहा कि हिदू संस्कृति में विभिन्न पौधों और पेड़ों को पवित्र और शुभ माना जाता है और हम उन पेड़ों की पूजा करते है। जैसे कि पीपल के पेड़ को हिदू परंपरा के अनुसार सबसे पवित्र और दिव्य पेड़ों में से एक माना जाता है, इसके पीछे कारण यह है कि यह 24 घंटे आक्सीजन देता है, इसीलिए हमारे ऋषि मुनियों ने इसे धर्म के साथ जोड़ा, ताकि लोग इसका सरंक्षण करें।

इस मौके पर टीम के संचालक अंकुश निझावन, नितेश तिवारी व विकास दुआ उपस्थित थे।


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