नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया
केसी इंजीनियरिग कालेज एंड आइटी ने केसी पालीटेक्निक कालेज में कार्यक्रम करवाया।
जागरण संवाददाता, नवांशहर : केसी इंजीनियरिग कालेज एंड आइटी ने केसी पालीटेक्निक कालेज में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंति को पराक्रम दिवस के रूप में मनाई। इस मौके पर केसी ग्रुप के सभी कालेजों का स्टाफ व विद्यार्थी शामिल हुए। सबसे पहले प्रोग्राम को-आर्डीनेटर अवतार सिंह ढिल्लों ने नेता जी के जीवन पर प्रकाश डाला। केसी रजिस्ट्रार इंजीनियर आरके मूम ने बताया कि तुम मुझे खून दो में तुम्हें आजादी दूंगा के नारे से भारतीयों के दिलों में देश के लिए सर्वस्व बलिदान का जज्बा जगाने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सबको अपने हक के लिए संघर्ष करना सिखाया। भारतीय इतिहास के युग पुरुष नेताजी का व्यक्तित्व प्रत्येक देशवासी के लिए प्रेरणा व सबब है। टीचर रमनदीप माहल ने बताया कि नेता जी का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक, उड़ीसा के बंगाली परिवार में हुआ, उनके सात भाई और छह बहनें थी। उनके पिता जानकीनाथ कटक के विख्यात वकील थे। नेता जी ने प्रेसीडेंसी कालेज से फिलास्पी में बीए की। इंडियन सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए इंग्लैंड में परीक्षा दी तथा चौथे स्थान पर रहे। वह स्वामी विवेकानंद जी को अपना गुरु मानते थे। सुभाष चंद्र और गांधी जी के विचार बिल्कुल अलग थे। नेता जी गाँधी जी की अहिसावादी विचारधारा से सहमत नहीं थे, उनकी सोच नौजवानों वाली थी, जो हिसा में भी विश्वास रखते थे। दोनों की विचारधारा अलग थी, लेकिन मकसद एक था, दोनों ही भारत को आजाद देखना चाहते थे। इसके बाद इंजीनियरिग कालेज की छात्राएं रेखा, रंदीप, वरिदरजीत कौर व जसकरणप्रीत कौर ने देश भक्ति का गीत सुनाया। विद्यार्थियों ने नेताजी के जीवन सबंधी प्रश्नोतरी में भी भाग लिया। मंच संचालन इंजीनियर अवतार सिंह ढिल्लों ने किया।
इस मौके पर इंजीनियर अर्शदीप, इंजीनियर सुमित चोपड़ा, जफ्तार अहमद, अमनदीप कौर, मनदीप कौर, नेहा, जतिदर कौर, अश्वनी, अलका, हरप्रीत कौर, नमिता, अंकुश निझावन, जनार्दन कुमार, मनमोहन सिंह, विपन कुमार आदि हाजिर रहे।