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गो तस्करी रोकने के लिए बनाए जाएं सख्त कानून

बीते दिनों तरनतारन के गांव ढोटियां में एक व्यक्ति द्वारा गोलियां मारकर गाय की हत्या करने से हिदू संगठनों की नाराजगी बढ़ती जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 11:36 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 06:15 AM (IST)
गो तस्करी रोकने के लिए बनाए जाएं सख्त कानून
गो तस्करी रोकने के लिए बनाए जाएं सख्त कानून

जयदेव गोगा, नवांशहर : बीते दिनों तरनतारन के गांव ढोटियां में एक व्यक्ति द्वारा गोलियां मारकर गाय की हत्या करने से हिदू संगठनों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। लोगों का कहना है कि गो हत्या रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा सख्त कानून बनाया जाना चाहिए। जिले के गो भक्तों व गो सेवकों ने इस कुकृत्य की कड़ी निंदा की है। उनका मानना है कि यह इंसानियत को दागदार करने वाली घटना है।

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गो हत्या करने वालों पर हो कड़ी कार्रंवाई

गोकुल धाम गोशाला के प्रधान विवेक मारकंडा का कहना है कि गोवंश की इस नृशंस हत्या को गंभीरता से लिए जाने की जरूरत है। किसी भी बेजुवान पशु के साथ इस तरह की क्रूरता करना संगीन अपराध की श्रेणी में आना चाहिए। गाय पर गोलियां चलाना और ट्रैक्टर से घसीट कर ले जाना हद पार करने वाली घटना है। प्रशासन दिखाए गंभीरता

प्रिसीपल सतपाल उम्मट का कहना है कि गोवंश की हत्या पर पशु क्रूरता अधिनियम लागू होना युक्ति संगत है। मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए। गो हत्या और गो तस्करी के मामलों में संगीन अपराध की धाराएं गाने से ही ऐसा घटनाएं रुकेंगी। शुक्रवार की रात को मोगा में सड़क पर फेंके व गंभीर रूप से घायल गोवंश के मामले में भी गंभीरता से संज्ञान लेने की जरूरत है।

पुलिस व सरकार दिखाए सख्ती

गो सेवक व गोकुल धाम के सदस्य मनोज कंडा का कहना है कि गोवंश की हत्या के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। बीते सप्ताह मलेरकोटला में गाय का सिर मिला था और पुलिस ने अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया था। इन घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन व सरकार को सख्त होना होगा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गो हत्या के कानून में सुधार करते हुए दस लाख रुपये जुर्माने के साथ दस साल की कैद का भी प्रावधान किया है। पशुओं के प्रति क्रूरता घिनौना कृत्य

बीजेपी की जिला प्रधान पूनम माणिक का कहना है कि पशुओं के प्रति क्रूरता का घिनौना कृत्य जन भावनाओं को आहत करने वाला है। यह हमारी सभ्यता, संस्कृति व प्रकृति को भी आघात पहुंचाने वाली करतूत है। ऐसे मामलों में तत्परता से अगर न्याय नहीं मिलता है तो प्रश्न चिन्ह खड़े होना लाजिमी है। पुलिस को अपना दायित्व पूरी मुश्तैदी के साथ निभाना चाहिए। जिले का संवेदनशील वर्ग किसी भी प्रकार की पशु क्रूरता को पसंद नहीं करता है।


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