देश के लिए कुछ कर गुजरने की भावना भर रहा शहीद भगत सिंह स्मारक व म्यूजियम
शहीद भगत सिंह ने अपनी शहादत के जरिए स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई दिशा दी थी। उनका स्मारक लोगों में देशभक्ति भावना को भरकर देश के लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा से भर देता है।
जेएनएन, नवांशहर। शहीद भगत सिंह ने अपनी शहादत के जरिए स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई दिशा दी थी। अब यह स्मारक लोगों में देश भक्ति भावना को भरकर देश के लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा से भर देता है। खटकड़कलां में बना शहीद-ए-आजम भगत सिंह स्मारक व म्यूजियम अपने निर्माण के बाद से ही आकर्षण का केंद्र बन गया है। पिछले एक साल में सवा लाख से अधिक लोग स्मारक व म्यूजियम को देखने आ चुके हैं। यहां रोजाना तीन से चार सौ पर्यटक आते हैं।
म्यूजियम का उद्घाटन साल 2018 में 23 मार्च को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किया था। म्यूजियम के निर्माण पर करीब 18 करोड़ रुपये की लगात आई। शहीद भगत सिंह स्मारक की स्थापना 1980 में खटकड़कलां के मुख्य गेट के पास की गई थी, उस इमारत को म्यूजियम के विस्तार कर इस को तैयार किया गया है।
म्यूजियम के निर्माण के प्रोजेक्ट का शिलान्यास फरवरी 2009 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने किया था। इस प्रोजेक्ट के लिए 16 करोड़ मंजूर किए गए थे। स्मारक को 11 एकड़ जमीन में में दो सालों में बनाया जाना था, लेकिन प्रोजेक्ट के प्रति सरकार की लापरवाही के कारण यह प्रोजेक्ट नौंवे साल में जाकर पूरा हुआ है। इसको गति पिछले साल तब मिली जब प्रदेश के स्थानीय निकाय, संस्कृति व पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू यहां आए और उन्होंने यहां के पार्क के बिजली का बिल अपने पास से अदा किया और इसके लिए फंड जल्दी उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया। इसके बाद इस प्रोजेक्ट को पूरा किया है।
म्यूजियम में यह है आकर्षण का केंद्र
म्यूजियम में अंग्रेजों के जुल्म, महाराजा रणजीत सिंह की रोपड़ संधि की फोटो, तोप के आगे निडर को खड़ा स्वतंत्रता सेनानी, कामागाटा मारू की फोटो, भगत सिंह के बर्थ गैलरी में फोटो, उनके जीवन से जुड़े सामान जिसमें कुछ दस्तावेज शामिल हैं। इसके आगे चार मॉडल के जरिए भगत सिंह के जीवन से संबंधित लाहौर नेशनल कालेज, लाहौर का पुलिस हैड क्वार्टर जहां भगत सिंह ने अपने साथियों के साथ पुलिस अधिकारी सांडर्स को मार कर लाला लाजपत राय की मौत का बदला लिया था का दृश्य, लाहौर रेलवे स्टेशन से अपना हुलिआ बदल कर हैड पहन कर बच कर बाहर आते हुए का दृश्य, इसके साथ ही अपने गुप्त ठिकाने पर स्वतंत्रता आंदोलन के लिए योजना बनाने का माडल बनाया गया है।
इसके बाद माता विद्यावती का भगत सिंह के बारे में दिया गया इंटरव्यू, सेंट्रल असैंबली में बम फेंकने की घटना का प्रदर्शित किया गया है। यहां घटना का चित्र व साउंड का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे उस समय के बारे में लोगों को जानकारी होती है। इसके अलावा जेल गैलरी में जेल का दृश्य बनाया गया है। साथ ही उस समय की अखबारों में प्रकाशित खबरों को दिखाया गया। लाहौर जेल में भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के फांसी के दृश्य को लाइट इफेक्टस, साउंड व लेजर के द्वारा प्रदर्शित कर जीवंत बनाया गया है। म्यूजियम में फ्रीडम फाइटर्स गेड वे बनाया गया है, जिसमें 140 एलईडी के जरिए देश के शहीदो के फोटो व जानकारी प्रदर्शित की जाती है।
म्यूजियम में कर्मचारियों की है कमी
म्यूजिमय में शहीद ए आजम भगत सिंह के जीवन से संबंधित कीमती सामान रखा गया है। यहां सुरक्षा के लिए हर समय केवल एक कर्मी ही उपलब्ध होता है। यहां केवल चार सिक्योरिटी गार्ड हैं। जबकी जरूरत 8 की है। इसके अलावा एक स्वीपर व एक माली है, जबकि यहां की व्यवस्था के मुताबिक कम है। यहां केवल एक अटेंटेंड हैं।
म्यूजियम के इंचार्ज योध सिंह कहते हैं कि हर महीने दस से बारह हजार स्कूली बच्चे व पर्यटक म्यूजियम में आते हैं। वह कहते हैं कि यहां मैन पावर की कमी है, इसे बढ़ाया जाए तो यहां तो यहां की व्यवस्था में सुधार आ सकता है।