छात्रों की सैंपलिग का काम कछुआ चाल, कवर करने में लगेगा एक साल
जिले में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच स्कूलों के विद्यार्थियों की सैंपलिग का काम कछुआ चाल से चल रहा है।
सुशील पांडे,नवांशहर: जिले में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच स्कूलों के विद्यार्थियों की सैंपलिग का काम कछुआ चाल से चल रहा है। रोजाना मात्र 220 विद्यार्थियों के ही सैंपल लिए जा रहे है, जबकि स्कूल खुलने के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा था कि सैंपलिग के काम में तेजी लाई जाएगी। जिले में सरकारी व निजी स्कूलों के बच्चों की संख्या 57 हजार के पार है। इनमें से सरकारी स्कूलों में 32 हजार 743 बच्चे हैं। अगर रोजाना मात्र 220 विद्यार्थियों के ही सैंपल लिए जाते रहे, तो सभी बच्चों को कवर करने में एक साल से ज्यादा समय लग जाएगा। शिक्षा विभाग जिले के सात एजुकेशन ब्लाक में से हर ब्लाक से एक स्कूल का चयन करता है। इस तरह रोजाना सात स्कूलों में रैंडम सैंपलिग की जाती है। स्कूलों में अभी तक सिर्फ तीन बच्चे ही कोरोना पाजिटिव आए थे। अनमें सड़ोया स्कूल के दो बच्चे 10 अगस्त को पाजिटिव आए थे, जिसके बाद स्कूल को 14 दिनों के लिए बंद कर दिया गया था। इसके अलावा भारटा स्कूल का एक विद्यार्थी भी पाजिटिव आ चुका है। प्रदेश सरकार की ओर से स्कूल खोलने के बाद कोविड से बचाव के लिए प्रशासन द्वारा नए दिशा निर्देश जारी किए गए थे। जिला शिक्षा अधिकारियों व स्कूल प्रिंसिपल को विद्यार्थियों और स्टाफ की रोज सैंपलिग करने के निर्देश दिए थे। प्रदेश के समूह स्कूलों में रोज 10 हजार सैंपल लेने का प्रावधान किया गया था। इसके तहत नवांशहर से रोज 220 सैंपल लिए जा रहे हैं। इस संबंध में सरकार की तरफ से जिला शिक्षा अधिकारियों को हिदायतें जारी करते हुए कहा गया है कि समूह जिला शिक्षा अधिकारी अपने-अपने जिले के कोविड नोडल अफसरों के साथ मिलकर इसके लिए योजना बनाएंगे। साथ ही कोविड-19 के टेस्ट, वैक्सीनेशन, कोविड पाजिटिव स्टाफ और विद्यार्थियों की पूरी सूचना ई पंजाब पोर्टल पर अपलोड भी करनी होगी। सरकारी, मान्यता प्राप्त, प्राइवेट एडिड और प्राइवेट स्कूलों को कोविड19 के लिए जागरूक करने के निर्देश भी जारी दिए गए हैं।
नियमों के तहत अगर किसी स्कूल में एक बच्चा पाजिटिव आता है, तो उस बच्चे की कक्षा को 14 दिनों के लिए बंद कर दिया जाता है, जबकि दो बच्चे पॉजिटिव आने पर पूरे स्कूल को 14 दिन के लिए बंद किया जाता है। सरकार ने गाइडलाइन जारी की थी कि रोजाना जिले के सरकारी स्कूलों में 220 बच्चों की सैंपलिंग की जाएगी। सरकार के निर्देशों को उनको मानना ही पड़ेगा।
जगजीत सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी
सरकार के निर्देशानुसार ही सैंपलिग की जा रही है। अगर सैंपलिग को और बढ़ाने की जरूरत पड़ी, तो इसे बढ़ाया भी जा सकता है।
डा.गुरिदरवीर कौर, सिविल सर्जन