रोडवेज को छह दिन में 36 लाख का नुकसान
पनबस और पीआरटीसी के कच्चे मुलाजिमों की हड़ताल अब सरकारी खजाने पर भारी पड़ने लगी है।
जागरण संवाददाता, नवांशहर : पनबस और पीआरटीसी के कच्चे मुलाजिमों की हड़ताल अब सरकारी खजाने पर भारी पड़ने लगी है। पनबस कर्मियों की पिछले छह दिनों से चल रही हड़ताल के कारण जिले से अन्य जिलों को जाने वाले 43 रूट प्रभावित हुए हैं।
रुटों के बंद होने के कारण यात्रियों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी दैनिक यात्रियों, विद्यार्थियों और कारोबारियों को हो रहा है, जिनका इन बसों से रोजाना दूसरे शहरों या जिलों को आना-जाना होता था। हालत यह है कि लोग समय पर अपने कार्यस्थल पर नही पहुंच पा रहे है। पनबस कर्मियों की यह हड़ताल कब तक चलेगी किसी को कुछ पता नहीं।
रोडवेज के बेड़े में 95 बसें, 69 बसें पनबस की
पिछले छह दिनों की बात करें तो इन छह दिनों में रोडवेज को 36 लाख रुपये का घाटा हुआ है। पंजाब रोडवेज नवांशहर के बेड़े में 95 बसें हैं, जिनमें से 69 बसें पनबस की हैं। पनबस रोजाना 17 हजार किलोमीटर का सफर तय करती हैं।
हड़ताल से पहले चलते थे 48 रूट
हड़ताल के इन छह दिनों में एक लाख दो हजार किलोमीटर का सफर भी तय नहीं हुआ है। रोडवेज के नवांशहर डिपो से रोजाना लुधियाना के लिए 15 रूट, जालंधर के लिए 10 रूट, होशियारपुर के लिए 10 रूट व फगवाड़ा के लिए 8 रूट चलते थे।
यूनियन की दो टूक, मांगे माने जाने तक जारी रहेगी हड़ताल
नवांशहर पंजाब रोडवेज पनबस तथा पीआरटीसी के डिपो की चल रही हड़ताल छठे दिन में शामिल हो गए हैं। धरने में संबोधित करते हुए डिपो प्रधान हरदीप सिंह काहलों ने कहा कि कैप्टन सरकार बार-बार मीटिग करके अपनी वादों से भाग रही है। जिसके चलते 10 सितंबर से कैप्टन के सिसवा फार्म हाउस का घेराव किया गया। जिसके बाद मोहाली प्रशासन ने 14 सितंबर को कैप्टन व संधू के साथ मीटिग करवाने का लिखती तौर पर आश्वासन दिया है। मीटिग में मांगों का कोई हल करने का भरोसा भी दिलाया गया। प्रधान ने कहा कि जब तक मांगों के संबंध में कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं होता तब तक पंजाब के सभी डिपो की चल रही हड़ताल लगातार इसी तरह जारी रहेगी।
आज क्षेत्रीय विधायक का घर घेरेंगे हड़ताली कर्मचारी
इस मौके जनरल सेक्रेट्री अशोक कुमार रूड़ी ने कहा कि 12 सितंबर दिन रविवार को हलके के विधायक के घर के आगे दो घंटे का घेराव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने 14 सितंबर को हमारी जायज मांगे नहीं मानी तो संघर्ष को ओर तेज किया जाएगा।
दस साल की नौकरी, दस हजार रुपये मिल रहा वेतन
उन्होंने कहा कि दस बारह साल की नौकरी बाद भी उन्हें 10-12 हजार रुपये वेतन मिल रहा है। इतने कम वेतन में गुजारा करना मुश्किल है। सरकार को हमारी जायज मांगों को मान लेना चाहिए। जिससे पंजाब की जनता तथा फ्री सफर करने वालों को और बढि़या सुविधा मिल सके। बिना शर्त किया जाए पक्का
यूनियन नेताओं ने कहा कि पंजाब रोडवेज में काम करते सभी वर्करों को बिना शर्त विभाग में पक्का किया जाए तथा उन की जायज कंडीशन लगा कर कच्चे वर्करों को बिना शर्त बहाल किया जाए।
निजी बस आपरेटरों की चांदी
प्रदेशभर में चल रही रोडवेज कर्मियों की हड़ताल की वजह से निजी बस आपरेटरों की चांदी है। अगर बात करें अकेले नवांशहर की तो यहां से हजारों यात्री जालंधर, लुधियाना, अमृतसर चंड़ीगढ़ और होशियारपुर सहित विभिन्न जिलों के लिए सफर करते हैं। लेकिन सरकारी बसों की हड़ताल के वजह से लोग निजी बसों में सफर कर रहे हैं। सवारों के अधिक होने का फायदा निजी बस आपरेटर उठा रहें हैं। निजी बसों में क्षमता से अधिक सवारों को भर कर ले जाया जा रहा है।
ये रहे मौजूद
इस मौके पर वरिदर सिंह, बलवीर सिंह, जसवंत सिंह, कुलदीप सिंह, राकेश कुमार, सतीश कुमार, ज्ञानचंद, बलविदर सिंह, कुलदीप सिंह, रछपाल सिंह, मोहन सिंह, गुरजीत सिंह, परमजीत सिंह, गुरिदर सिंह, हरजाप सिंह, गुरप्रीत सिंह, रजत कुमार, तथा डिपो के समूह कर्मचारी मौजूद रहे।