जिला मजिस्ट्रेट ने पाबंदियों को बढ़ाया, लोग नहीं कर रहे निमयों का पालन
जिला मजिस्ट्रेट की ओर से बेशक कोविड को लेकर पाबंदियां एक फरवरी तक बढ़ा दी गई हैं।
जागरण संवाददाता, नवांशहर :
जिला मजिस्ट्रेट की ओर से बेशक कोविड को लेकर पाबंदियां एक फरवरी तक बढ़ा दी हैं, परंतु लोगों पर इसका कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है। जिले में व शहर में सरेआम कोरोना प्रोटोकाल का उल्लंघन आम देखा जा सकता है। लोग न तो मास्क पहन रहे हैं व न ही शारीरिक दूरी के नियमों का पालन कर रहे हैं। अब जिला प्रशासन व पुलिस भी इसे लेकर सख्त नहीं दिख रही है। पिछले कई माह से कोरोना प्रोटोकाल को तोड़ने वालों के चालान नहीं होने से लोग पूरी तरह से लापरवाह हो चुके हैं।
वर्ष 2020 में मार्च में कोरोना के कारण कर्फ्यू लगा दिया गया था। इसके बाद जब कर्फ्यू को हटाया गया तो लोग कोरोना नियमों का पालन नहीं कर रहे थे, जिसके बाद पुलिस सख्त हो गई थी व चालान काटे जाने लगे थे।
जिला मजिस्ट्रेट विशेष सारंगल ने जिले में 25 जनवरी तक लगाई कोविड-19 पाबंदियों को एक फरवरी 2022 तक बढ़ा दिया है। पाबंदियों के अंतर्गत अब सभी सार्वजनिक स्थानों पर कार्य के स्थानों आदि पर हर नागरिक द्वारा मास्क डालना जरूरी कर दिया गया है। हर गतिविधि के दौरान कम से कम छह फीट (दो गज की दूरी) के सामाजिक दूरी नियम की पालना करने की हिदायत भी की गई है। जिले में 300 से ज्यादा व्यक्तियों के एकत्रित (इंडोर और आउटडोर) पर पाबंदी रहेगी। रात का कर्फ्यू लागू करते हुए जिले में सभी गैर जरूरी गतिविधियों पर रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक पाबंदी लगाई गई है।
जबकि सभी जरूरी गतिविधियों जिनमें अलग-अलग शिफ्टों में चलने वाले उद्योग और दफ्तर आदि शामिल हैं (सरकारी और निजी दोनों), नेशनल और स्टेट हाईवे पर नागरिक और वस्तुओं की यातायात और समान की अनलोडिग और बसें, रेलगाड़ियों और हवाई जहाजों द्वारा यात्रा करने वाले लोग को उनकी मंजिल तक पहुंचने की छूट रहेगी। फार्मास्यूटिकल के निर्माण के साथ संबंधित गतिविधियों जैसे कि कच्चा माल, तैयार माल, कर्मचारियों, वैक्सीन और मेडिकल यंत्रों और डायगोनोस्टिक किट्स को इन पाबंदियों से छूट रहेगी। सभी शैक्षणिक विभाग जैसे कि स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटियां, कोचिग संस्थाएं आदि बंद रहेंगे। फिर भी यह विभाग अपनी अकादमिक समय सारणी के मुताबिक आनलाइन टीचिग कर सकेंगे।
मेडिकल और नर्सिंग कालेजों पर यह पाबंदी नहीं लगाई गई। बार, सिनेमा हाल, मल्टीप्लेक्स, माल्स, रेस्टोरेंट, स्पा, म्यूजियम, चिड़ियाघर, खेल कांप्लेक्स, जिम आदि अपनी 50 प्रतिशत क्षमता के मुताबिक खोलने की मंजूरी दी गई है, परंतु उपस्थित स्टाफ के दोनों कोविड रोधी डोज लगीं होनी लाजमी हैं। एसी बसें 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चल सकेंगी। सरकारी, प्राइवेट दफ्तरों, कार्य वाले स्थान, फैक्टरियां आदि में केवल टीकाकरण वाले स्टाफ को ही जाने की मंजूरी होगी। केवल वह यात्री जो पूरी तरह वैक्सीनेट हैं या कोरोना से ठीक हो चुके हैं या आरटीपीआर रिपोर्ट (72 घंटे से कम समय की) निगेटिव हो उनको ही जिले में आने की आज्ञा होगी। उपरोक्त में से कोई भी नहीं है तो रैपिड एंटीजन टेस्टिग लाजमी होगी। हवाई यात्रा के द्वारा आने वाले लोगों पर भी मुकम्मल टीकाकरण या कोरोना से ठीक हुए या नेगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्टों की शर्त लागू होंगी। सही ढंग के साथ मास्क न पहनने वाले किसी भी व्यक्ति को सरकारी या प्राइवेट दफ्तरों में कोई सेवा प्रदान नहीं की जाएगी। आदेशों का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई और आइपीसी की धारा 188 अधीन सजा का प्रावधान है। खूब कटते थे चालान, लोग भी थे सतर्क
उस समय से लेकर अभी तक पुलिस की ओर 45 हजार 135 लोगों के मास्क न पहनने के चालान काटे गए व इसने जुर्माने के तौर पर दो करोड़ नौ लाख 73 हजार 600 रुपये वसूले गए। होम क्वरंटाइन तोड़ने के 10 चालान काटे गए व 20 हजार रुपये जुर्माने के तौर वसूले गए। होम आइसोलेशन को तोड़ने का एक चालान काटा गया व दो हजार रुपये वसूले गए। थूकने के चालान कर एक लाख छह हजार नौ रुपये वसूले। शारीरिक दूरी के 246 चालान किए गए जिसके तहत एक लाख 69 हजार 500 रुपये जुर्माने के तौर पर वसूले गए।