विश्वास, संबंध और समर्पण से मिलते हैं भगवान
श्री राधा रमन संकीर्तन मंडल व श्री गीता भवन मंदिर की महिला संकीर्तन मंडल के सहयोग से गीता भवन रोड स्थित श्री गीता भवन मंदिर में रविवार को ब्रहमलीन स्वामी केवला नंद जी की पांचवी बरसी मनाई गई।
जेएनएन,नवांशहर : श्री राधा रमन संकीर्तन मंडल व श्री गीता भवन मंदिर की महिला संकीर्तन मंडल के सहयोग से गीता भवन रोड स्थित श्री गीता भवन मंदिर में रविवार को ब्रहमलीन स्वामी केवला नंद जी की पांचवी बरसी मनाई गई। इसी सबंध में पिछले सात दिन से जारी श्रीमद् भागवत कथा का भोग डाला गया। सुबह पंडित प्रकाश ने स्वामी केवला नंद जी की बरसी मनाते हुए हवन करवाया। मंदिर के गद्दीनशीन संत मान मुनी महाराज ने बताया स्वामी केवला नंद जी ने अपनी सारी उम्र गीता व श्रीमद् भागवत कथा के प्रचार में लगाई। उन्होंने भगवान का खुद सिमरन किया और संगत से भी सिमरन करवाया। ऐसे स्वामी के जीवन से हमें सीख लेनी चाहिए। उनकी बरसी पर स्वामी सचिदानंद ताजपुर, परमेश्वरा नंद धूलकोट, परषोतम दास मानसा, गिरधारी दास काहमा, योगा दास करीहा, हरी दास बलाचौर, शिवचरण दास (अमरनाथ), महंत बडभागी (ऊना), संत रामजी दास ने भी विशेष तौर पर पहुंचे। श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कथावाचक आचार्य धीरज कृष्ण शास्त्री ने संगत को उद्धव गोपी संवाद, रास पंच अध्याय व रुकमनी विवाह आदि का प्रसंग सुनाया। इसके साथ ही उन्होंने भागवत धर्म के लक्षण सुनाते हुए भगवान से मिलने की तीन स्टेज बताई पहली विश्वास, दूसरी सबंध और तीसरी समर्पण। शास्त्री जी ने बताया कि जब भगवान पर विश्वास होता है, तब भक्त का भगवान से सबंध बनता है। सबंध के बाद वह भगवान के प्रति समर्पण होता है। गुरु शिष्य को भगवान से मिलने का सबंध बताकर भगवान से मिलाता है। जिस प्रकार से हम अपनी बेटी का रिश्ता अन्य अनजान घर पर विश्वास से करते हैं, उसके बाद उनसे हमारा सबंध बन जाता है। वहीं जब शादी के दौरान सभी रस्मे पिता करता है तो पिता दामाद को अपनी बेटी समर्पित करता है। यही मार्ग गुरु भी शिष्य को भगवान से मिलाने का बनाता है। श्रीमद् भागवत कथा मनुष्य के संपूर्ण जीवन का सार है। मनुष्य के भवसागर से पार जाने का यह रास्ता है। कथा के मौके पर संत मान मुनि जी महाराज, विक्की दुआ, प्रदीप जोशी, अनिल लडोइया, राकेश जांगडा, जगमोहन नंदा, सुनील जोशी, नरिदर कालिया, सुरेश गौतम, प्रवेश वोहरा, राजेश अरोड़ा, मोहन लाल इत्यादि के साथ श्री राधा रमन संकीर्तन मंडल व गीता भवन मंडल की महिलाएं उपस्थित थीं।