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गुरु की शरण में जाने से मोक्ष के द्वारा खुलते हैं

शिवालिक पहाड़ियों में स्थित ब्रह्मलीन बाबा सरवन दास महाराज की तप भूमि बौहड़ी साहिब में रविवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने महाराज की प्रतिमा को सजदा किया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 12:28 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 06:06 AM (IST)
गुरु की शरण में जाने से मोक्ष के द्वारा खुलते हैं
गुरु की शरण में जाने से मोक्ष के द्वारा खुलते हैं

संस, काठगढ़ :

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शिवालिक पहाड़ियों में स्थित ब्रह्मलीन बाबा सरवन दास महाराज की तप भूमि बौहड़ी साहिब में रविवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने महाराज की प्रतिमा को सजदा किया। गद्दी नशीन स्वामी दयाल दास महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया। सुबह श्री रामायण जी के पाठ रखे गए। इस अवसर पर संत समाज ने अपनी हाजिरी लगवाने के लिए पहुंचे। कार्यक्रम के दौरान शारीरिक दूरी सहित अन्य नियमों का ध्यान रखा गया। संगत को आशीर्वाद देते समय स्वामी दयाल दास महाराज ने कहा कि गुरु की शरण में जाने से मोक्ष के द्वार खुलते हैं। गुरु ज्ञान का सागर होता है, गुरु वाले कहलाना अपने आप में एक गौरव की बात है। गुरु द्वारा दिया गया नाम वाणी का शब्द अपने हृदय में रखें। उसका सिमरण करें। जीवन में हमेशा मनुष्य को अच्छे काम करने चाहिए। नौजवान आज नशे को लेकर रास्ता भट रहे हैं, इस नशे से दूर रहकर अपने माता-पिता व बड़ों का सत्कार करें। इस अवसर पर गिरधारी लाल काहमा, संत सहज दास, राम झाड़ी, संत चेतन दास सोलन, नारायणपुरी, जोगिदर पाल दत्त, ठेकेदार सुरजीत भाटिया, सरपंच बल कृष्ण, नंबरदार जसपाल भाटिया, नंबरदार अवतार बाजवा, विष्णु प्रसाद, सतनाम धीमान, प्रिसिपल प्रेम प्रकाश शर्मा, सुभाष शर्मा आदि मौजूद रहे।


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