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तीसरे दिन भी हड़ताल पर डटे रहे रोडवेज और पनबस कर्मी

पंजाब रोडवेज पनबस कांट्रैक्ट यूनियन का धरना वीरवार को तीसरे दिन भा जारी रहा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 04:47 PM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 10:29 PM (IST)
तीसरे दिन भी हड़ताल पर डटे रहे रोडवेज और पनबस कर्मी
तीसरे दिन भी हड़ताल पर डटे रहे रोडवेज और पनबस कर्मी

जागरण संवाददाता, नवांशहर: पंजाब रोडवेज पनबस कांट्रैक्ट यूनियन का धरना वीरवार को तीसरे दिन भा जारी रहा। यूनियन के सदस्यों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यूनियन के जिला प्रधान हरदीप काहलों ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से पिछले लंबे समय से ट्रांसपोर्ट विभाग के कच्चे मुलाजिमों को पक्का नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि पहले पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने पक्का करने का भरोसा दिया, फिर नए ट्रांसपोर्ट मंत्री राजा अमरिदर सिंह बड़िग ने भरोसा दिया, फिर नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भरोसा दिया कि 20 दिन में मुलाजिमों को पक्का किया जाएगा। ट्रांसपोर्ट मंत्री पंजाब के साथ मीटिग में तीन साल वाले ठेके पर रखे मुलाजिम जो पंजाब सरकार और अलग-अलग राज्यों ने पक्के किए, के सबूतों सहित बात रखने और मंत्री ने पनबस और पीआरटीसी के मुलाजिमों को पक्का करने के लिए फिर भरोसा दिया कि आने वाली पहली कैबिनेट मीटिग में कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने का फैसला लिया जाएगा। मगर एक दिसंबर की कैबिनेट मीटिग में कोई हल नहीं निकाला गया। यूनियन की मांग है कि 10 हजार सरकारी बसें नई ली जाएं और कच्चे मुलाजिमों को पक्का करन की मांग आदि रखी गई है। उन्होंने कहा कि पंजाब रोडवेज की 2407 बसें बीच में से 399 बसें ही रह गई हैं। इस मौके पर सीटू की उपप्रधान चरणजीत कौर, बलवीर जाडला, महा सिंह रौड़ी ने भी संबोधित किया।

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रेगुलर करने की मांग को लेकर वैसे तो पनबस कर्मी पिछले पांच वषों से हड़ताल कर रहे हैं, लेकिन वर्ष 2021 में वह चौथी बार हड़ताल पर गए हैं। इससे पहले जुलाई में 27 और 28 को हड़ताल की थी। इसके बाद अगस्त में चार, पांच और छह को तीन दिन के हड़ताल पर रहे। इन हड़तालों के वजह से पठानकोट डिपो 30 लाख से अधिक के राजस्व का नुकसान हो चुका है। दोनो बार सरकार ने पनबस कर्मियों को उनकी मांग का समाधान करने का आश्वासन दिया था, परंतु समाधान न होने के कारण अब वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। जिसके चलते 21 से 23 सितंबर तक कर्मी तीसरी बार हड़ताल पर रहे। अब चौथी बार सात दिसंबर से कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।


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